आंध्र प्रदेश सरकार ने जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए ऐतिहासिक शहर विजयवाड़ा के आसपास के क्षेत्र को विभाजन के बाद राज्य की नई राजधानी के लिए चुना। सरकार ने सभी क्षेत्रों के विकेंद्रीकृत और व्यापक विकास के लिए विस्तृत योजनाओं की घोषणा की है।
तेलगूदेशम पार्टी की सरकार ने जनता को शामिल करते हुए एक विश्वस्तरीय राजधानी बनाने का वायदा किया ताकि इसे गर्व के साथ जनता की राजधानी कहा जा सके। विजयवाड़ा शहर यथास्थिति में राजधानी नहीं बनेगा बल्कि उसके आसपास के क्षेत्र को शेष राज्य के सत्ता के नये केंद्र के तौर पर विकसित किया जाएगा।
नई राजधानी के संबंध में विधानसभा में घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'मंत्रिमंडल ने 1 सितंबर को बैठक कर विजयवाड़ा के आसपास राज्य के बीचोंबीच राजधानी बनाने का प्रस्ताव पारित किया था और तीन महानगरों व 14 स्मार्ट सिटी के साथ राज्य के विकेंद्रीकृत विकास की बात रखी थी। कैबिनेट की एक उपसमिति ने जमीन संचय व्यवस्था (लैंड पूलिंग) पर काम करने का प्रस्ताव रखा है।' सरकार ने इस प्रक्रिया में पूर्व शहरी विकास सचिव के शिवरामकृष्णन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसने राजधानी के लिए विजयवाड़ा क्षेत्र की पूरी तरह वकालत नहीं की थी।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें