उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूबे में बिजली संकट के लिए एक बार फिर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। अखिलेश ने कहा कि केंद्र सरकार की अनदेखी के कारण कोयला नहीं मिल पाने से प्रदेश में बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक आवश्यक मात्रा में कोयला नहीं मिलता, तब तक सूबे में बिजली उत्पादन की व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता। उप्र के प्रथम मुख्यमंत्री पं. गोविंद वल्लभ पंत के जन्मदिन के अवसर पर बुधवार को राज्यपाल राम नाइक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा के सामने स्थापित पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार को केवल 100 दिन हुए हैं, लेकिन वे केंद्र सरकार को छह महीने देंगे। केंद्र को समझना चाहिए कि उप्र ने इस सरकार को सबसे ज्यादा सीटें दी हैं, लेकिन उन्होंने प्रदेश को क्या दिया है। अखिलेश ने कहा कि कोयले की कमी के कारण प्रदेश में बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली पैदा करने का काम कोयले पर निर्भर है। ऐसे में बिना कोयले के बिजली कैसे पैदा कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, "हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि वह हमें पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध कराए तो न केवल हम उप्र में पर्याप्त बिजली पैदा करेंगे, बल्कि अन्य राज्यों को भी बिजली देने में सक्षम हो जाएंगे। जो कोयला हमें मिला भी है वह भीगा हुआ है, जिसके कारण उसका उपयोग नहीं हो सकता।" इधर, बिजली संकट को देखते हुए बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने भी आपात बैठक बुलाई। उन्होंने बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।

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