उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ, घृणा फैलाने वाला भाषण देने के मामले में मुजफ्फरनगर में आरोप पत्र पेश कर दिया। शाह के खिलाफ यह मामला लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान का है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। भाजपा अध्यक्ष ने कथित तौर पर चार अप्रैल को भाषण दिया था।उस समय स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा भंग करने का मामला दर्ज किया था। उस समय वह उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान प्रभारी थे। अब आरोप-पत्र में उनके खिलाफ और धाराएं -153 (ए), 295 (ए) और 505- जोड़ी गई हैं।
इन धाराओं के तहत शाह को एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने, राज्य और लोगों को धमकी देने का आरोप लगाया गया है। यदि आरोप-पत्र सही साबित होते हैं तो भाजपा अध्यक्ष को तीन वर्ष कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी धाराएं गैर जमानती हैं और शाह को अदालत में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना पड़ेगा।
आरोप-पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि शाह के खिलाफ लगाए गए प्रारंभिक आरोपों का उत्तर भाजपा ने चुनाव आयोग को दे दिया था। उन्होंने कहा, "नए घटनाक्रम में पार्टी आरोपों का कानूनी तौर पर मुकाबला करेगी।" पाठक ने उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को राजनीतिक हित साधने में मशगूल होने का आरोप लगाया।

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