आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) प्रमुख जे.जयललिता शनिवार को पहली मुख्यमंत्री बन गईं, जिन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराए जाने पर विधानसभा से अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है। बेंगलुरू की एक निचली अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें दोषी ठहराया है। यह मामला उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल (1991-96) का है। उनके खिलाफ तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार ने अपने कार्यकाल में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इससे पहले वर्ष 2001 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। न्यायालय ने फैसले में कहा था कि आपराधिक कृत्य में दोषी करार दिए जाने के बाद वह पद पर बने नहीं रह सकतीं। उस वक्त अभिनेत्री से नेता बनीं जयलिलता ने वरिष्ठ मंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राशिद मसूद की सदस्यता अलग-अलग मामले में दोषी साबित होने पर रद्द कर दी गई थी।

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