न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू ने रविवार को देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शपथ दिलाई। वह भारत के 42वें प्रधान न्यायाधीश हैं और वह दो दिसंबर, 2015 तक इस पद पर बने रहेंगे। उन्होंने न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा का स्थान लिया है, जो 27 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं।
शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति के दरबार हॉल में संपन्न हुआ जिसमें उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एल.के.आडवाणी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडु, पूर्व न्यायाधीश आर.एम.लोढ़ा और न्यायमूर्ति ए.एस.आनंद मौजूद थे। न्यायमूर्ति दत्तू 17 दिसंबर, 2008 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे और इससे पहले वह केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
वह 18 दिसंबर, 1995 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। इसके बाद वह 12 फरवरी, 2007 को छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। इसके तीन महीने बाद 18 मई, 2007 को उनका केरल उच्च न्यायालय में स्थानांतरण कर दिया गया। तीन दिसंबर, 1950 को प्रधान न्यायाधीश दत्तू ने 23 अक्टूबर 1975 में वकालत शुरू किया था।

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