न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ समझौता नहीं : न्यायमूर्ति लोढ़ा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शनिवार, 13 सितंबर 2014

न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ समझौता नहीं : न्यायमूर्ति लोढ़ा


Chief Justice of India RM Lodha
देश के प्रधान न्यायाधीश आर.एम.लोढ़ा ने शनिवार को कहा कि भारत ऐसे बिंदु पर पहुंच चुका है कि कोई भी व्यक्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता को चोट नहीं पहुंचा सकता। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून की भूमिका को मजबूत करने के लिए न्यायपालिका को पूर्णरूपेण भ्रष्टाचार मुक्त करना होगा। न्यायमूर्ति लोढ़ा ने बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित सम्मेलन के अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "न्यायपालिका की आजादी को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता। मैं यह भरोसे के साथ कह सकता हूं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ छेड़छाड़ के प्रयास सफल नहीं होंगे।"

उन्होंने कहा, "सामान्यत: लोगों में यह समझ है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता।" प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि न्यायपालिका आजादी लोगों में यह भरोसा पैदा करती है कि देश में एक स्वतंत्र न्यायपालिका है जो उनके साथ कुछ भी गलत होने की स्थिति में उनके साथ खड़ा रहेगी। 

कोई टिप्पणी नहीं: