देश के प्रधान न्यायाधीश आर.एम.लोढ़ा ने शनिवार को कहा कि भारत ऐसे बिंदु पर पहुंच चुका है कि कोई भी व्यक्ति न्यायपालिका की स्वतंत्रता को चोट नहीं पहुंचा सकता। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून की भूमिका को मजबूत करने के लिए न्यायपालिका को पूर्णरूपेण भ्रष्टाचार मुक्त करना होगा। न्यायमूर्ति लोढ़ा ने बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित सम्मेलन के अपने उद्घाटन भाषण में कहा, "न्यायपालिका की आजादी को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता। मैं यह भरोसे के साथ कह सकता हूं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ छेड़छाड़ के प्रयास सफल नहीं होंगे।"
उन्होंने कहा, "सामान्यत: लोगों में यह समझ है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता।" प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि न्यायपालिका आजादी लोगों में यह भरोसा पैदा करती है कि देश में एक स्वतंत्र न्यायपालिका है जो उनके साथ कुछ भी गलत होने की स्थिति में उनके साथ खड़ा रहेगी।

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