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गुरुवार, 11 सितंबर 2014

ओबामा ने आईएस के खात्मे का लिया संकल्प


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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के खात्मे की शपथ ली है। उन्होंने कहा है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी 'दुनिया में चाहें जहां भी हों' उन्हें मार गिराया जाएगा। इस पर गुरुवार को महत्वपूर्ण भागीदारों की मिलीजुली राय सामने आई। जहां इराक और सीरिया के मुख्य विपक्षी गठबंधन ने अमेरिकी योजना का समर्थन किया है, वहीं सीरिया की सरकार ने कहा है कि यदि अंतर्राष्ट्रीय बल उसकी सीमा में आईएस के आतंकवादियों को निशाना बनाते हैं तो उसकी सहमति लेने की जरूरत पड़ेगी।

अमेरिका की मुख्य धारा की मीडिया और ईरान ने ओबामा की रणनीति पर संदेह जताया है और नाटो भी भिन्न राय रख रहा है। तुर्की ने कथित रूप से अमेरिका नीत गठबंधन को अपने वायुसैनिक अड्डों का आईएस आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल करने की अनुमति देने में आनाकानी की है। व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए अपने टेलीविजन भाषण में ओबामा ने बुधवार रात इराक और सीरिया में हवाई हमले में वृद्धि करते हुए आतंकवादी संगठन की शक्ति समाप्त करने और उनका खात्मा करने के लिए स्थायी, अनवरत रणनीति की रूपरेखा पेश की। 

उन्होंने भले ही अमेरिकी सेना की बड़ी भूमिका का जिक्र किया, लेकिन यह भी कहा कि यह अभियान इराक और अफगानिस्तान युद्ध की तरह नहीं होगा और विदेशी जमीन पर अमेरिकी सैनिक नहीं उतरेंगे। राष्ट्रपति ने कहा, "हमारे लिए खतरा बन चुके आतंकवादियों के खात्मे के प्रयास स्थायी और निरंतर होंगे, और हमारे साझेदार इसमें मदद करेंगे।" उन्होंने कहा, "मैंने यह स्पष्ट किया है कि हम हमारे देश के लिए खतरा बन गए आतंकवादियों 'चाहे वे कहीं भी हों' को मार गिराऐंगे। इसका मतलब यह है कि हम इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ कार्रवाई से नहीं कतराएंगे। यह मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल का एक मुख्य सिद्धांत है, कि अगर आप अमेरिका को डराते हैं, तो आपके लिए धरती पर कोई सुरक्षित स्थान नहीं है।"

ओबामा ने अपने भाषण में सहयोगियों को इस बात का भी भरोसा दिलाने की कोशिश की कि अमेरिका सुन्नी आतंकवादी संगठन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "अमेरिका इस आतंकी खतरे की समाप्ति के लिए वृहद गठबंधन का नेतृत्व करेगा। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है। हम विस्तृत और स्थायी युद्ध नीति के जरिए आईएसआईएल की शक्ति कमजोर करेंगे और अंतत: उसे नष्ट कर देंगे।" ओबामा ने बुधवार को सुन्नी इस्लामवादी आतंकवादियों के खतरे के संबंध में अमेरिकी जनता और दुनिया को संबोधित करने कुछ देर पहले सउदी शाह अब्दुल्ला को फोन पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकवादियों से लड़ने की अपनी योजना के बारे में बताया।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में बताया गया कि फोन पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने खतरे को लेकर अपने विचारों पर चर्चा की और उदारवादी सीरियाई विपक्ष के प्रशिक्षण और उपकरणों को बढ़ाने की जरूरत पर सहमत हुए। ओबामा ने बुधवार को दिए गए अपने भाषण में आईएस को खत्म करने की व्यापक रणनीति का खाका तैयार किया। उन्होंने इराक को 475 और अमेरिकी सैनिक भेजने की घोषणा की। ओबामा ने सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा, "अमेरिका के व्यापक और निरंतर आतंकवादरोधी रणनीति का लक्ष्य आईएस को निम्नीकृत और नष्ट करना है।" 

आतंकवादी समूह आईएस ने जून में घोषणा की थी कि यह अपने नियंत्रण वाले सीरिया और इराक के क्षेत्रों में खिलाफत की स्थापना करेगा। आईएस दो अमेरिकी पत्रकारों के सिर कलम कर चुका है। आठ अगस्त के बाद अमेरिकी लड़ाकू विमान उत्तरी इराक में आईएस के ठिकानों पर बमबारी करनी शुरू की थी और अगस्त के अंत में ओबामा ने निगरानी उड़ानों के लिए मंजूरी दी थी। क्षेत्रीय गठबंधन के निर्माण के वांशिगटन के प्रयासों के लिए विदेशमंत्री जान केरी बीती रात मध्यपूर्व क्षेत्र पहुंचे। गुरुवार को वह जेद्दा शहर में दस अरब देशों और तुर्की के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे।

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