जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि भीषण बाढ़ से जूझ रही कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में अभी भी करीब 1.5 लाख लोग फंसे हुए हैं। उमर ने शनिवार को एक सर्वदलीय बैठक में कहा कि घाटी से 1.42 लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिए गए हैं।
सर्वदलीय बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जुगल किशोर सहित कई विपक्षी नेता मौजूद रहे। उमर ने कहा कि बाढ़ से 6,000 करोड़ रुपये की संपत्ति और बुनियादी ढांचा तबाह हो गया है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी से अब तक 29 शव बरामद किए जा चुके हैं, यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि अभी भी बहुत से लोग लापता हैं। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के नेताओं से राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में अपने मतभेदों को एक तरफ रखकर प्रभावित लोगों की मदद के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि श्रीनगर शहर को होने वाली कुल बिजली आपूíत में से 45 प्रतिशत आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
एक अधिकारी ने रविवार को बताया, "बाढ़ के पानी में जलमग्न इलाकों में बिजली आपूर्ति तब बहाल की जाएगी, जब क्षेत्र से पानी निकल जाएगा।" पुलिस महानिरीक्षक राजेश कुमार ने रविवार को बताया कि चूंकि जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग 10वें दिन (रविवार) भी बंद रहा, इसलिए अब घाटी को जरूरी चीजों की आपूर्ति जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले से होकर कराई जाएगी। उन्होंने कहा, "घाटी के लिए जरूरी सामान ले जा रहे 45 ट्रक सिंथान दर्रा पहुंच गए हैं और आज (रविवार) कश्मीर घाटी में प्रवेश करेंगे।"
इस बीच बाढ़ में डूबे इलाकों में चोरी-डैकैती की घटनाएं उन लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई हैं, जो सेना और एनडीआरएफ कर्मियों द्वारा निकाले जाने के बाद अपने घरों को छोड़ दिए हैं। रविवार सुबह से घाटी के कई स्थानों पर अभी भी बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने आईएएनएस से कहा कि पूरे जम्मू एवं कश्मीर में सोमवार तक हल्की बारिश हो सकती है।

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