उत्तराखंड की विस्तृत खबर (07 सितम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 सितंबर 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (07 सितम्बर)

विकास का पैसा नाराज विधायकों की खिदमत में हो रहा है खर्च: अजय भट्ट

ajay bhatt
देहरादून, 7 सितम्बर (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा कि आखिर प्रदेशवासी कब तक कांग्रेस की अन्र्तकलह का खामियाजा भुगतेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आये दिन कांग्रेस के अन्दरूनी कलहों के कारण प्रदेश का विकास पूरी तरह ठप हो गया है प्रदेश का कोई भी रखवाला नहीं है। उन्होने कहा कि जिन पैंसों से प्रदेश का विकास होना चाहिए था जनता के उन पैंसों को कांग्रेस नाराज विधायकों को मंत्री स्तर की सुख-सुविधायें देकर डैमेज कन्ट्रोल कर अपनी सरकार को बचाने में लूटा रही है। उन्होंने कहा कि एक मा0 विधायक मुख्यमंत्री जी की कार्यशैली पर उंगली उठा रहे हैं तो दूसरे मा0 विधायक मंत्री जी की कार्यशैली पर उंगली उठा रहे हैं श्री भट्ट ने पूछा कि आखिर इन सब कारनामों के प्रति जवाबदेह कौन है। उन्होंने कहा कि चाहे मा0 मुख्यमंत्री जी की कार्यप्रणाली हो अथवा मंत्री जी की इन सभी मामलों में मुख्यमंत्री जी को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। भट्ट ने कहा कि हम बार-बार कह रहे हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर हो रहा है और विकास नाम के कोई भी कार्य प्रदेश में नहीं हो रहे हैं और आज कांग्रेस पार्टी के विधायक जब हमारी बात की पुष्टि कर रहे हैं तो अब प्रमाण की कोई और आवश्यकता नहीं बची है सरकार को तत्काल नैतिकता के आधार पर प्रदेशहित में इस्तीफा दे देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष भट्ट ने कहा कि प्रदेश में जब सत्ता पक्ष के ही विधायकगणों के क्षेत्रों में कार्य नहीं हो रहे हैं तो अन्य जगहों के हालातों का अन्दाज स्वयं ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यदि किसी के कार्य हो रहे हैं तो वह हैं खनन-माफिया, भू-माफिया, और शराब माफिया। उन्होंने कहा कि राजधानी जैसी जगहों पर सरकार प्रदेश की जनता के आॅखों में धूल झौंककर अपने लोगों से दिन-रात खनन का कार्य करवा रही है। प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज दूर-दूर तक दिखाई नहीं देती है। उन्होने कहा कि जब भी कांग्रेस के विधायक सरकार की वास्तविकता की पोल खोलते हैं तो उन्हें तत्काल चंद घंटों में तमाम मंत्री स्तरीय सुख-सुविधायें देकर उनकी आवाज को दबाने का पूरा प्रबंध कर दिया जाता है ताकि आगे से उनकी आवाज बाहर सुनाई न दे और दूसरी ओर आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आज भी आपदा पीडि़त लोग खुले आसमान के नीचे जीवन-यापन करने को मजबूर हैं किन्तु उनकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है। श्री भट्ट ने कहा कि प्रदेश में सरकार की अस्थिरता के कारण प्रदेश में चारों ओर अराजकता का माहौल उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस सरकार मात्र विधायकों को इकट्ठा करने और अपनी सरकार को बचाने में ही व्यस्त है ऐसे में भला प्रदेश की जनता की चिंता ही किसे है। श्री भट्ट ने कहा कि आखिर किन परिस्थितियों में मा0 मुख्यमंत्री जी को आपदा पीडि़तों को दिये जाने वाले मुआवजे मेें कटौती करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि जब पूर्व से ही मृतकों के परिजनों को 5 लाख, 80 प्रतिशत विकलांग होने पर 2 लाख, 40 से 80 प्रतिशत विकलांगता पर 1.5 लाख आवासीय मकान क्षतिग्रस्त होने पर 2 लाख, पशु हानि पर 20 हजार दी जा रही थी इस राशि में कटौती क्यों कर दी गयी एक ओर सरकार ने सभी सत्ता पक्ष के विधायकों को मंत्री स्तर की तमाम सुख-सुविधायें देकर उनकी प्रत्येक सुविधा में लाखों का इजाफा किया है वहीं दूसरी ओर आपदा पीडि़तों को मिलने वाली धनराशि में कटौती कर सरकार ने घाव में नमक छिड़कने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आपदा पीडि़त सरकार को कभी माफ नहीं करेगी और भा0ज0पा0 इसका घोर विरोध कर सरकार को सड़क से लेकर  सदन तक बेनकाब करेगी।

यात्रा मार्गों व बुग्यालों में कचरे के निस्तारण में वन विभाग करेगा सहयोग-दिनेश अग्रवाल

देहरादून, 7 सितम्बर (निस) । वन मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में आए श्रृद्धालुओं के कारण नंदा देवी राजजात यात्रा के दौरान मार्गों पर यात्रियों द्वारा कूड़ा व पोलिथिन का कचरा भी छोड़ दिया गया है। जिसके निस्तारण के लिए वन विभाग को निर्देश दे दिये गये है।  वनमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अन्य विभागों के साथ समन्वय बना कर इन क्षेत्रों में फैले कूड़ें तथा बुग्यालों में फैंके अन्य सामानों के निस्तारण की व्यवस्था के लिए शीघ्र कार्य योजना बनाये व उसे ठोस रूप में परिणित करे। उन्होनें कहा कि सफल यात्रा होने के कारण भाजपा बौखला गयी है। उन्होनें कहा कि भाजपा नेता देश में उत्तराखण्ड का जो एक अच्छा संदेश गया है उसे खराब करने का प्रयास न करे। नंदा देवी राजजात यात्रा के सम्पन्न होने पर वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने श्रृद्धालुओं का आभार व्यक्त किया है। उन्होनें यात्रा के सफल संचालन के लिये यात्रा से जुडे़ अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस, अर्द्धसैनिक बलोें, स्थानीय जनता और आयोजन समिति के पदाधिकारियों को बहुत-बहुत बधाई दी। उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री जी की दृढ़ इच्छा शक्ति से ही यह यात्रा संभव हो सकी है। अग्रवाल ने कहा कि यह यात्रा न केवल धार्मिक व सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि पलायन से त्रस्त पहाड़ों के लिये बहुत आवश्यक है। नन्दा देवी राजजात यात्रा में बहुत बड़ी संख्या में भाग लेने पहुंचे लोग इस बात का प्रतीक है कि लोग सरकार पर भरोसा करके अपनी सांस्कृतिक व सामाजिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए लालायित हैं। यह यात्रा पूरे उत्तराखण्ड के जन मानस को अपने साथ जोड़ती है।

जर्जर विद्यालय भवन दे रहा दुर्घटना को आमंत्रण   

देहरादून, 7 सितम्बर (निस) । देहरादून जनपद अंतर्गत जीआईसी कालसी का विद्यालय भवन और आवासीय भवन जर्जर हालत में हैं। विभाग द्वारा रखरखाव की ओर ध्यान न दिए जाने से इनकी हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। विद्यालय का स्टाॅफ जर्जर आवासीय भवन में डर-डर कर रह रहा है। बारिश में कक्षा-कक्ष और आवासीय कक्ष तालाब बन जाते हैं। क्षेत्रवासियों ने विद्यालय भवन के जीर्णोद्धार के संबंध में शिक्षा मंत्री को एक ज्ञापन भेजा है। जीआईसी कालसी के विद्यालय भवन और आवासीय भवन का निर्माण सन 1980 में किया गया था। जब से यह बना इसके रखरखाव की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अनदेखी के चलते विद्यालय भवन और आवासीय भवन बेहद जर्जर हालत में है। विद्यार्थियों के लिए जर्जर कक्षा-कक्षों में बैठना और स्टाॅफ के लिए जर्जर आवासों में रखना खतरे से खाली नहीं है। विद्यालय की छत जगह-जगह पर क्षतिग्रस्त हो रखी है और दीवारों पर दरारें पड़ी हुई हैं। जीआईसी कालसी जौनसार क्षेत्र का प्रमुख शिक्षण संस्थान है। यहां विभिन्न गांवांें के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। इस विद्यालय में विभिन्न कक्षाओं में साढ़े छह सौ से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विद्यालय परिसर में ही शिक्षकों और कर्मचारियों के रहने के लिए आवास हैं। आवासों की हालत यह है कि बारिश में छत टपकने से कमरों में पानी भर जाता है जिस कारण सामान को बचाना मुश्किल हो जाता है। दीवारों का प्लस्तर झड़ने लगा है और फर्स उखड़ चुकी है। दरवाजे और खिड़कियां सड़ चुकी हैं जिस कारण सामान चोरी होने का भी खतरा बना रहता है। बिजली की फिटिंग उखड़ी पड़ी हुई है। क्षेत्र की जनता लंबे समय से विद्यालय भवन और आवासीय भवन के पुनर्निमाण की मांग कर रही है लेकिन विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। विभाग की अनदेखी से लोगों में रोष व्याप्त है। विद्यालय प्रशासन जर्जर विद्यालय भवन के पुननिर्माण का प्रस्ताव भी भेज चुका है। आवासीय भवन जर्जर होने के कारण विद्यालय के कई शिक्षकों व कर्मचारियों ने डाकपत्थर और विकासनगर में किराए पर कमरे ले रखे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता खजान सिंह नेगी का कहना है कि शिक्षा विभाग विद्यालय भवन और आवासीय भवन के रखरखाव के प्रति लापरवाह बना हुआ है। विभागीय अधिकारियों का ध्यान कई बार इस ओर आकर्षित किया जा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह जर्जर विद्यालय भवन कभी भी गिर सकता है जिससे कि कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। उनका कहना है कि यदि विद्यालय में कोई हादसा होता है तो इसके लिए विभाग जिम्मेदार होगा। 

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