उत्तराखंड की विस्तृत खबर (27 सितम्बर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 27 सितंबर 2014

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (27 सितम्बर)

 उत्तराखण्ड में वह सब कुछ जिसकी तलाष हर पर्यटक को: मुख्यमंत्री

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देहरादून 27 सितम्बर, (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पर्यटन ही एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें विकास की अपार सभांवनाएं है। हम छोटा राज्य है, लेकिन हम बेहतर कर सकते है, ऐसा जज्बा हमें लाना होगा। उत्तराखण्ड में पर्यटन के लिहाज से वो सब कुछ है, जिसकी देश-दुनिया के पर्यटक को तलाश होती है। बस आवश्यकता है, उसके सही प्रकार से मार्केटिंग की। हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा और सुन्दर हिमालय है। चिडि़यों की सबसे ज्यादा प्रजातियां यहां पायी जाती है, इसके अलावा और भी बहुत कुछ है। हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतरीन क्राफ्ट है, वुडन क्राफ्ट है, जिसकी कोई मिशाल नही है। सामुदायिक पर्यटन की अवधाराणा को साकार करते हुए इसे हमें एक मिशन के रूप में अपनाना होगा। पर्यटन के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार धन की कमी को आड़े नही आने देगी। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही।उन्होने कहा इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘टूरिज्म एण्ड कम्युनिटी डेवलपमेंट’’ रखी गई है। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण प्रदेश की छवि देश दुनिया जो बनी है, उससे पर्यटन को काफी नुकसान हुआ है। हमारी सरकार ने चारधाम यात्रा को फिर से शुरू कराया। इसके साथ ही विश्व की सबसे कठिन कही जाने वाली पैदल यात्रा नंदादेवी राज जात यात्रा का भी हमने सफल संचालन करके दिखाया है। हमारे इन प्रयासों से हम देश-दुनिया को सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देने में सफल रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के परंपरागत पर्यटन के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाना होगा, तभी हम देश-दुनिया को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने सचिव पर्यटन को निर्देश दिये कि 30-35 सांस्कृतिक मेलों की एक चेन बनायी जाय। जिसमें पर्यटन, धार्मिक, सांस्कृतिक तीनों का समावेश हो। इसके साथ ही प्रदेश में पर्यटन की अन्य गतिविधियों जैसे बर्ड वाचिंग, माउंटेन बाईक, सामुदायिक पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों की संभावनाओं को भी तलाशे। प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों से जुड़ी एक श्रृंखला बनायी जाय।

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उन्होने कहा प्रदेश में अगले वर्ष से बुरांश दिवस मनाया जायेगा, जिसमें हम देश-दुनिया को ये बता पायेंगे कि पूरे विश्व में अच्छी गुणवत्ता वाला बुरांश केवल उत्तराखण्ड में ही मिलता है। इसके साथ ही टिहरी झील को पर्यटन से जोड़ने के लिए 9 से 10 अक्टूबर 2014 तक टिहरी में एडवेंचर टूरिज्म महोत्सव का आयोजन किया जायेगा, जिसमें पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रतिभाग करेंगे। प्रदेश के पर्यटन से अछूते हिस्सों की तलाश करते हुए उन्हें पर्यटन मानचित्र पर लाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों का भी आह्वान किया कि प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को बढाने में आगे आये। सरकार उनके साथ है, हर संभव सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने युवाओं से आगे आने का आह्वान किया कि वे नये-नये आइडिया लेकर पर्यटन क्षेत्र में आगे आये और इसे रोजगार के तौर पर अपनाये। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग की पुस्तकों का भी विमोचन किया। उन्होने कहा कि राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए बहुआयामी पर्यटन गतिविधियां आयोजित की जायेगी। बर्ड वाचिंग को पर्यटन का मुख्य हिस्सा बनाया जायेगा। अगले वर्ष चोपता में बुरांश दिवस आयोजित होगा। टिहरी झील को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए 9 से 10 अक्टूबर, 2014 तक एडवेंचर टूरिज्म महोत्सव आयोजित किया जायेगा। ईको टूरिज्म को पर्यटन गतिविधि से जोड़ते हुए स्थानीय लोगो की आजीविका का हिस्सा बनाया जायेगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री दिनेश धनै ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी का मूल आधार पर्यटन ही है। आपदा के कारण प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को काफी नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई के लिए हम प्रयासरत है। प्रदेश के पर्यटन को फिर से पुराने स्वरूप में लाने के लिए हमारे सामने चुनौतियां है, लेकिन इनका सामना करते हुए हम उत्तराखण्ड को फिर से देश-दुनिया के पर्यटन के मानचित्र पर लाकर नई ऊचांईयों को प्राप्त करेंगे। वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। हमारा सबकुछ पर्यटन पर निर्भर है। मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति से हम चारधाम यात्रा को फिर से शुरू कर पाये है। इसके साथ ही नंदादेवी राजजात यात्रा का भी सफल संचालन कर सकें। वनों को पर्यटन से जोड़ना होगा, इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जा रही है। ईको टूरिज्म के माध्यम से भी पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इस दिशा में हम कार्य कर रहे है। पर्यटन सचिव डाॅ. उमाकांत पंवार ने विश्व पर्यटन दिवस की महत्व और पर्यटन विभाग की गतिविधियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। डाॅ. पंवार ने बताया कि पर्यटन को आम आदमी से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा नई पहल की गई थी, जिसके माध्यम से आम लोगों से पर्यटन की बेहतरी के लिए सुझाव मांगे गये थे। इसमें कुल 25 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कुछ युवाओं को उनके बेहतर प्रस्ताव के लिए सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में विधायक राजकुमार, पूर्व मुख्य सचिव इन्दु कुमार पाण्डेय, मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार, अपर सचिव पर्यटन शैलेश बगोली, चेयरमैन पीएचडी चैम्बर आॅफ कामर्स एस.पी.कोचर, अपर निदेशक पर्यटन ए.के.द्विवेदी, उप निदेशक विवेक चैहान सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

अंतर्राष्ट्रीय संस्कृत कान्फ्रेंस का दूसरा दिन, विश्व शांति की स्थापना में संस्कृत में निहित ज्ञान की बड़ी भूमिका

देहरादून 27 सितंबर,(निस)। राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय संस्कृत कान्फ्रेंस के दूसरे दिन के विभिन्न सत्रांे में श्री राज्यपाल डाॅ. अज़ीज़ कुरैशी की मौजूदगी में विद्वानों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए। वैचारिक आदान-प्रदान के दौरान विद्वानों ने कहा कि विश्व शांति की स्थापना में संस्कृत में निहित ज्ञान की बड़ी भूमिका है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जब भी संस्कृत से अन्य भाषाआंे में अनुवाद किया जाए तो उस समय संस्कृत-पाठ की मूल भावना को खत्म न होने दिया जाए। अंतर्राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन के दूसरे दिन छह तकनीकी सत्रों में देश के विभिन्न भागों से आए सौ से अधिक विद्वानों के बीच संस्कृत और विश्व शांति, संस्कृत और विज्ञान, आधुनिक परिप्रेक्ष्य में संस्कृत की उपयोगिता और संस्कृत के विकास-विस्तार की योजना पर गंभीर विमर्श हुआ। विश्व शांति और संस्कृत विषयक सत्र में मुख्य वक्त प्रो. रामकृपाल त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत को इसलिए देवभाषा कहा गया है क्योंकि इस भाषा के किसी भी अध्येता को रोजगार और सम्मान की कभी चिंता करने की जरूरत नहीं होती। उन्हांेने संस्कृत और संस्कृत-अनुरागियों के रिश्ते को मां-बेटे जैसे रिश्ता बताया। गढ़वाल वि.वि. के प्रोफेसर आर.सी. शर्मा ने कहा कि वर्तमान दुनिया में जो भी बड़े विवाद हैं, उनका समाधान संस्कृत वांग्मय में उपलब्ध है। सामरिक मुद्दों, जल-विवादों, आर्थिक-रिश्तों और राजनीतिक मामलों में संस्कृत के नीति-साहित्य को मार्गदर्शक-ग्रंथों के तौर पर उपयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत ग्रंथांे का अन्य भाषाओं में अनुवाद अत्यधिक संवेदनशील कार्य है। अनुवाद में हमेशा इस बात का ध्यान रखा जाए कि संस्कृत-पाठ की मूल भावना यथावत बनी रहे। इन सत्रों में डाॅ. अर्चना गिरी, डाॅ. विशाल भारद्वाज, डाॅ. कृष्ण कुमार वैदिक, डाॅ. निरंजन मिश्र, डाॅ. स्मृति घोटे, दिव्या त्रिपाठी आदि ने भी शोधपत्र प्रस्तुत किए। इस दौरान राज्यपाल के सचिव अरूण ढ़ौंडियाल, प्रभारी सचिव डा0 निधी पाण्डेय, वित्त नियंत्रक पूनम सोबती, संस्कृत वि.वि. के कुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल, कुमाउं वि.वि. कुलपति प्रो. एच.एस.धामी, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सदस्य डाॅ. छाया शुक्ला सहित अनेक विशिष्ट महानुभाव भी मौजूद थे। तकनीकी सत्रांे के बाद सभी प्रतिभागी ऋषिकेश में गंगा-आरती और संस्कृत काव्य-संध्या में प्रतिभाग करने हेतु परमार्थ निकेतन पहुंचे। इससे पूर्व उद़घाटन सत्र की रात्रि राज्यपाल डाॅ. अज़ीज़ कुरैशी की मौजूदगी में उत्तराखंड के लोक कलाकारों और केरल से आए संस्कृत नाट्य दल ने उत्तर और दक्षिण की संस्कृति को एक साथ जीवंत किया। उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने बीट्स आॅफ उत्तराखंड की प्रस्तुति देकर उत्तराखंड की सशक्त सांस्कृतिक समृद्धि का परिचय दिया।

सप्ताह में दो घंटे श्रमदान करने की शपथ लेंगे अधिकारी व कर्मचारी: मुख्य सचिव

देहरादून 27 सितम्बर,(निस)। दो अक्टूबर को सभी अधिकारी, कर्मचारी स्वच्छ भारत के लिए साल में 100 घंटे यानि सप्ताह में दो घंटे श्रमदान करने की शपथ लेंगे। यह भी शपथ लेंगे कि इसी तरह की शपथ दूसरे लोगों को भी दिलायेंगे। स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने सम्बंधित विभागों की जिम्मेदारी तय कर दी है। मुख्य सचिव ने सचिव सचिवालय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सचिवालय परिसर की साफ-सफाई करवाएं। सचिवालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाएं। सचिव उच्च शिक्षा और विद्यालयी शिक्षा को सभी सरकारी और निजी महाविद्यालयों, विद्यालयों के परिसर और आस-पास स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कुलपतियों और प्रधानाचार्यों को निर्देशित करने के लिए कहा गया है। साथ ही सभी विद्यार्थियों को शपथ दिलाने और उन्हे इस अभियान से जोड़ने का कार्य भी किया जाय। ग्राम्य विकास विभाग ग्राम सभा की खुली बैठकों में स्वच्छता विषय पर विशेष परिचर्चा कराकर जन भागीदारी सुनिश्चित करेगा। मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को जीएमवीएन, केएमवीएन के निदेशकों, महाप्रबंधकों को पर्यटन स्थलों की स्वच्छता हेतु विशेष अभियान स्थलों की स्वच्छता हेतु विशेष अभियान चलाने के निर्देश देने के लिए कहा गया है। पेयजल विभाग जल टैंकों की विशेष सफाई, क्लोरीनेशन, निकासी और सीवरेज का उचित इंतजाम करेगा। औद्योगिक इकाइयों और नजदीकी क्षेत्र की इकाइयों में सफाई सुनिश्चित करेगा। इसी तरह आवास विभाग विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र में आने वाले व्यावसायिक केन्द्रों और आस-पास क्षेत्रों में साफ-सफाई करने के निर्देश दिये गये हैं। महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों और धात्री महिलाओं को व्यक्तिगत एवं घरेलू स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए कहा गया है। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों में विशेष स्वच्छता अभियान चलायेगा और बायोमेडिकल कचरे और तीमारदारों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करेंगे। शहरी विकास विभाग स्वच्छता के मुदृदे पर विशेष बैठक का आयोजन कर पार्षदों के सहयोग से विशेष अभियान चलायेगा। स्वच्छ भारत निर्माण का नोडल विभाग होने की वजह से दैनिक प्रगति की समीक्षा कर भारत सरकार को अवगत करायेगा।

नकरौंदा के बाद अब जस्सोवाला में डकैती, परिवार को बांध नकदी समेत बोलेरो तक उड़ा ले गये

देहरादून 27 सितम्बर,(निस)। नकरौंदा के बाद अब जस्सोवाला की डकैती दून पुलिस के लिए ताबूत में आखिरी कील ठोंकने के ही समान है। सहसपुर के जस्सोवाल में बीती रात डकैतों ने जमकर कहर मचाया। यहां गुरपाल सिंह सैनी अपने परिवार के साथ रहते हैं। रोज की ही तरह पूरा परिवार अपने कामधम निपटा कर सो रहा था। घर के कुछ सदस्य बाहर सो रहे थे। रात लगभग दो बजे सात से आठ की संख्या में बदमाश घर के अहाते में घुस आए और बाहर सो रहे व्यक्ति को उठा कर उस पर तमंचा लगा दिया। बदमाशों ने तमंचों की नोंक पर घर के दरवाजे खुलवाए और अंदर जाने पर घर के अन्य लोगों केा बंधक बना लिया। लगभग पंद्रह मिनट तक बदमाशों ने तमंचों की नांेक पर घर के सभी लोगों का डराए-धमकाए रखा और घर में रखी रखी लगभग सत्तर हजार की नगदी के अलावा दस हजार रूपए नगद एवं अन्य सामान अपने कब्जे में कर लिया। घर में उस वक्त कुल पांच लोग ही थे जिनमें गुरपाल के अलावा उनका ड्राईवर, पत्नी एवं दो छोटे बच्चे सोे रहे थे, जबकि घर के बाकी लोग सहसपुर में ही एक विवाह समारोह में गए हुए थे। गुरूपाल सिंह सैनी के घर में लूटपाट मचाने के बाद बदमाशों ने घर के बाहर खड़ी बोलेरो गाड़ी की चाबी मांगी और इसी बोलेरो को लेकर फरार भी हो गए। जाने से पहले सभी के हाथ-पैर बांध कर एक कमरे मंे बंद कर दिया गया, जबकि घर मोबाईल फोन से सिम एवं बैटरी भी निकाल ली। देर रात एक बजे से डेढ बजे तक बदमाशों ने इस डकैती को अंजाम दिया। इधर सहसपुर में शादी में गए घर के अन्य सदस्य जब दो बजे घर आए तो घर के दरवाजे खुले देख कर हैरान रह गए। इन्हीं लोगांे ने एक कमरे में बंद गुरपाल उसकी पत्नी व अन्य लोगों को बाहर निकाला और फिर पुलिस को सूचना दी गयी। देर रात इस डकैती की सूचना ने पुलिस के होश फाख्ता कर दिए। मौके पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में बदमाशों की तलाश में कई टीमों को चैकिंग के लिए निकाला लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पाई। दुस्साहस पर उतारू बदमाशों को एक जगह पर बैरियर पर पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो यह लोग बैरियर को उड़ा कर गाड़ी को भगा ले गए। तत्काल इस घटना को भी फ्लैश किया और सहसपुर-सहारनपुर मार्ग पर पुलिस की गाडि़यां दौड़ाई गयी। हर प्रयास यहां भी विफल ही रहा। घटना के बाद एसएसपी अजय रौतेला, एसपी देहात मणिकांत मिश्रा सहित अन्य पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे। घटना के बाद से ही पूरा परिवार दहशत की स्थिति में है। गुरूपाल सिंह का घर भी एकांत में है, और घर के चारों तरफ घनी झाडि़यां भी हैं। इन्हींे झाडि़यों का लाभ उठा कर एक बिना खिड़की के कमरे में घुसे और यहींे से गुरूपाल सिंह को तमंचों की नोंक पर अपने कब्जे में लिया था।

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