फिलिप ह्यूज़ की मौत, क्रिकेट जगत सकते में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 27 नवंबर 2014

फिलिप ह्यूज़ की मौत, क्रिकेट जगत सकते में

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ऑस्ट्रेलिया के प्रतिभाशाली बल्लेबाज फिलीप ह्यूज़ ने घरेलू मैच के दौरान सिर में लगी चोट के कारण आज दम तोड़ दिया जिससे समूचा क्रिकेट जगत सकते में आ गया है। टेस्ट क्रिकेट में वापसी की दहलीज पर खड़े 25 वर्षीय ह्यूज़ को शॉन ऐबॉट का बाउंसर लगा था जिसके बाद उनकी आपात सर्जरी कराई गई थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम डॉक्टर पीटर ब्रूकनेर ने एक बयान में कहा, मुझे यह सूचित करते हुए काफी दुख हो रहा है कि कुछ देर पहले फिलीप ह्यूज ने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उसे मंगलवार को चोट लगने के बाद से कभी होश नहीं आया। दम तोड़ने से पहले उसे कोई दर्द नहीं था। उसके परिजन और करीबी दोस्त उसके पास थे। ह्यूज़ ने अपने छोटे से करियर में 26 टेस्ट खेलकर तीन शतक और सात अर्धशतक समेत 1535 रन बनाये थे। उन्होंने आखिरी टेस्ट जुलाई 2013 में लॉर्ड्स पर खेला था। 
     
उन्होंने 25 वनडे भी खेला और वनडे में पदार्पण के साथ शतक जमाने वाले अकेले ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज थे। उन्होंने आखिरी वनडे पाकिस्तान के खिलाफ पिछले महीने अबुधाबी में खेला था। इससे ठीक पहले दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ ही उन्होंने एकमात्र टी20 मैच खेला था। उन्होंने कहा कि क्रिकेट समुदाय उसकी मौत से शोकसंतप्त है और हम उसके परिवार और दोस्तों को दुख की इस बेला में सांत्वना देते हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया उसके परिवार, खिलाड़ियों और स्टाफ की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करता है।

ह्यूज़ को शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान सिर में बाउंसर लगने के बाद सेंट विंसेंट अस्तपाल में भर्ती कराया गया था। वह उस समय न्यू साउथवेल्स के खिलाफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के लिये बल्लेबाजी कर रहे थे। वह 63 रन बना चुके थे जब हुक शॉट खेलने के प्रयास में बाउंसर उनके हेलमेट के नीचे लगा। उन्हें मैदान पर सीपीआर दिया गया। अस्पताल में उनका आपात ऑपरेशन 90 मिनट तक चला जिसके बाद उन्हें सेंट विंसेंट अस्पताल के आईसीयू में कोमा में रखा गया लेकिन वह होश में नहीं आ सके। क्रिकेट न्यू साउथवेल्स के मुख्य कार्यकारी एंड्रयू जोंस ने कहा, फिलीप उर्जावान और जिंदादिल युवा था जिसकी मुस्कान बड़ी मनमोहक थी। वह 26 प्रथम श्रेणी शतक लगा चुका था और उसका भविष्य उज्जवल था। यह दुखद है कि वह खेल में अपनी क्षमता के अनुरूप उपलब्धियां हासिल करने से वंचित रह गया।
    
साउथ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट संघ के मुख्य कार्यकारी कीथ ब्रैडशॉ ने कहा, एसएसीए में सभी दुखी है और सभी की हमदर्दी फिलीप के परिवार के साथ है जो अस्पताल में उसके साथ था। उन्होंने कहा कि वह वेस्ट एंड रेडबैक्स और एडीलेड स्ट्राइकर्स दोनों का लोकप्रिय सदस्य था और एसएसीए सदस्यों के साथ साउथ ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटप्रेमियों का भी चहेता था। ब्रैडशॉ ने कहा कि सभी उससे प्यार करते थे। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह लोगों ने उस पर प्यार लुटाया है, वह साबित करता है कि कितने लोगों पर उसने अपनी छाप छोड़ी थी। मंगलवार को हुए हादसे के बाद से ह्यूज़ के साथी खिलाड़ी और दोस्त अस्पताल में जमे हुए हैं। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क लगातार अस्पताल में बने हुए हैं। उनके अलावा ब्रैड हैडिन, स्टीवन स्मिथ, शेन वॉटसन, डेविड वॉर्नर, नैथन लायन, मोइजेस हेनरिकेस, मिशेल स्टार्क, डेनियल स्मिथ और कोच डेरेन लीमैन भी अस्पताल आ चुके हैं।
     
ऐबॉट समेत न्यू साउथवेल्स के खिलाड़ियों को भी सांत्वना दी गई। क्रिकेट के मैदान पर किसी खिलाड़ी की मौत की यह पहली घटना नहीं है। भारतीय क्रिकेटर रमन लाम्बा ने 1998 में एक बांग्लादेशी गेंदबाज की गेंद कनपटी पर लगने के कारण दम तोड़ दिया था। वह 38 बरस के थे। पाकिस्तानी विकेटकीपर अब्दुल अजीज को 1958-59 में कायदे आजम ट्रॉफी फाइनल के दौरान छाती पर गेंद लगी थी। वह बेहोश हो गए और कभी होश में नहीं आ सके। अस्पताल ले जाते समय 17 वर्षीय अजीज की मौत हो गई थी। भारत के पूर्व कप्तान नारी कांट्रेक्टर को 1961-62 सीरीज के दौरान वेस्टइंडीज में तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफीथ की गेंद सिर में लगी थी। उनके दिमाग की एक से अधिक आपात सर्जरी हुई और वह फिर टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सके। इसके अलावा समरसेट के खिलाफ अभ्यास मैच में आंख में चोट लगने के कारण दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर मार्क बाउचर को 2012 में क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा था।

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