नर्सरी ऐडमिशन पर दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस रद्द - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 28 नवंबर 2014

नर्सरी ऐडमिशन पर दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस रद्द

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दिल्ली हाई कोर्ट ने शहर के स्कूलों को नर्सरी में ऐडमिशन के लिए खुद दिशा-निर्देश बनाने और अपनी जरूरत के अनुसार पॉइंट सिस्टम तैयार करने की छूट दे दी है। कोर्ट ने कहा कि सरकार से सहायता न लेने वाले निजी स्कूलों को ऐडमिशन के मामले में फैसले लेने की प्रशासनिक स्वायत्तता होनी चाहिए। बच्चे के पते के आधार पर यह तय नहीं किया जा सकता कि वह कौन-सा स्कूल जाएगा।  पिछले साल दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग की ओर से नर्सरी में ऐडमिशन के लिए जारी दिशा-निर्देंशों को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस दिशा-निर्देश के खिलाफ कई पैरंट्स ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अपने पुराने फैसले को पलटते हुए जस्टिस मनमोहन ने दिल्ली सरकार की ओर से इस मामले में कोई नई अधिसूचना जारी करने पर भी रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपना पुराना फैसला दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पलटा है। 

याचिक पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सामान्य वर्ग की सीटों के संदर्भ में दिल्ली सरकार के नर्सरी ऐडमिशन से जुड़ी गाइडलाइंस को रद्द करते हुए इस बारे में गांगुली समिति की सिफारिशों को बरकरार रखा। कोर्ट का यह फैसला नर्सरी के ऐडमिशन के लिए 2015-16 के ऐकैडमिक सेशन पर लागू होगा। कोर्ट ने दिल्ली सरकार की इस गाइडलाइंस को भी गलत बताया, जिसमें स्कूल के 8 किलोमीटर के दायरे में स्थिति छात्रों को वरीयता देने की बात कही गई थी। कोर्ट ने कहा कि नक्शे पर स्थिति से यह तय नहीं हो सकता कि किसी बच्चे को किस स्कूल में जाना चाहिए। पुरानी व्यवस्था के मुताबिक, 100 में से 70 पॉइंट्स बच्चे के स्कूल के आसपास रहने की स्थिति में मिल जाते थे। 20 पॉइंट्स भाई या बहन के उसी स्कूल में पढ़ने की स्थिति में, 5 पॉइंट माता या पिता के उसी स्कूल से पढ़ने की स्थिति में और 5 पॉइट्स दूसरे राज्य से ट्रांसफर का केस होने पर मिलते थे। हालांकि, इस साल सरकार ने 27 फरवरी को एक आदेश जारी करके दूसरे राज्यों से ट्रांसफर के मामले में मिलने वाले 5 पॉइंट्स को रद्द कर दिया था।

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