अपमानजनक व्यवहार भी यौन उत्पीड़न के बराबर : सरकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 26 नवंबर 2014

अपमानजनक व्यवहार भी यौन उत्पीड़न के बराबर : सरकार

insulting-behavior-will-also-to-termed-as-sexual-harasment-centre
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि सरकारी महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक व्यवहार भी यौन उत्पीड़न के बराबर हो सकता है। कार्मिक और लोक शिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में आज बताया, 'रोजगार में विशेष या निर्णायक व्यवहार, मौजूदा या भावी रोजगार को लेकर धमकी और ऐसा अपमानजनक व्यवहार जिससे महिला कर्मचारी का स्वास्थ्य या सुरक्षा प्रभावित हो सकती है वह यौन उत्पीड़न के समान हो सकता है।'

उन्होंने कहा, इसके अलावा, उसके कामकाज में बाधा या आक्रामक या डराने धमकाने वाला या उत्पीड़क कार्य माहौल बनाना भी यौन उत्पीड़न के समान हो सकता है। कार्मिक, लोक शिकायत मंत्रालय ने कार्य स्थलों पर यौन उत्पीड़न पर रोक लगाने के लिए 19 नवंबर को सेवा नियमों में संशोधन किया था।

केंद्रीय लोक सेवा (आचरण) नियम की नई परिभाषा के अनुसार, 1964 के यौन उत्पीड़न में शारीरिक संपर्क और इशारा करना, यौन आग्रह, अश्लील टिप्पणियां, अश्लील साहित्य को दिखाना और कोई भी अन्य शारीरिक, मौखिक या इशारे वाला व्यवहार यौन प्रताड़ना माना जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं: