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बुधवार, 26 नवंबर 2014

विशेष : डॉक्टरी लापरवाही का सच… 20 माह तक पेट में पड़ा रहा तौलिया

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26 वर्षीय फरीदा उन खुशनसीब महिलाओं में से एक हैं, जो डॉक्टरी लापरवाही की शिकार होने के बावजूद अपनी जिंदगी बचाने में सफल रहीं…मध्यप्रदेश के इंदौर में पिछले 15 मार्च, 2013 को एक ऐसी ही घटना घटी, जिसने फरीदा की जिंदगी को दर्दनुमा बना दिया…असहनीय पेट दर्द की हालत में फरीदा को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, डॉक्टरों ने जो कहा, उसे सुन-देख कर सभी हैरान-परेशान हो गए…पिछले 20 महीने से फरीदा के पेट में तौलिया पड़ा हुआ था


इंदौर/ डॉक्टरों ने यहां गोकुलदास अस्पताल में 26 वर्षीय महिला का प्रसव | ऑपरेशन करते वक्त कथित तौर पर लापरवाहीपूर्वक उसके पेट में तौलिया छोड़ दिया। इस गड़बड़ी का ऑपरेशन के करीब 20 महीने बाद खुलासा होने पर महिला के परिजन ने अस्पताल के सामने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया। 

खातीवाला टैंक क्षेत्र में रहने वाले अबिजेर महेश्वरवाला ने प्रदर्शन के दौरान बताया कि उनकी पत्नी फरीदा (26) ने शहर के एक निजी अस्पताल में 15 मार्च 2013 को सिजेरियन ऑपरेशन के जरिए बालक को जन्म दिया था। इस ऑपरेशन के बाद से प्रसूता को पेट दर्द की शिकायत रहने लगी। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले जब फरीदा को असहनीय पेट दर्द हुआ, तो उन्हें मल्लिक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। सोनोग्राफी में पता चला कि उनके पेट में तौलिया है। इस तौलिए को डॉक्टरों ने 7 नवंबर को सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर निकाल दिया। 
महेश्वरवाला ने मांग की कि प्रसव ऑपरेशन के दौरान उनकी पत्नी के पेट में लापरवाही पूर्वक तौलिया छोड़ने वाले डॉक्टरों के खिलाफ उचित कदम उठाये जायें। इसके साथ ही, संबंधित निजी अस्पताल की ओर से उन्हें मुआवजा दिया जाए। उधर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनके तरफ से कोई गलती नहीं हुई है।


साभार : स्वस्थ्य भारत अभियान 

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