कु छ नयी जातियों को अनुसूचित जाति सूची में शामिल करने संबंधी संविधान. अनुसूचित जातियां. आदेश. संशोधन. विधेयक 2014 को आज लोकसभा में ध्वनि मत पारित कर दिया गया। इस विधेयक के जरिए संविधान. अनुसूचित जातियां. आदेश 1950 और संविधान .सिक्किम. अनुसूचित जातियां आदेश 1978 को संशोधित करते हुए पांच राज्यों केरल. मध्यप्रदेश. ओडिशा. त्रिपुरा तथा सिक्किम में कुछ जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने इस संबंध में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति सूची में जातियों को राज्य सरकारों. संबंधित कल्याणकारी संस्थों की सिफारिशों और कई अन्य संवैधानिक संस्थाों की जांच के बाद शामिल किया जाता है। उन्होंने कहा उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि कई बार राज्य सरकारें किसी जाति को अनुसूचित जाति सूची में शामिल करने की सिफारिश करते हैं लेकिन बाद संबंधित संस्थाों द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरणों का जवाब नहीं दे पाती है और सिफारिशे वापस ले लेते हैं। इस संबंध में केंद्र की भूमिका सीमित होती है।
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श्री गहलोत ने अनुसूचित जाति सूची में मुसलमानों और इसाईयों की कुछ जातियों को इस सूची में शामिल करने से इंकार करते हुए कहा कि इस संविधान सम्मत नहीं है। संविधान में इसकी व्यवस्था नहीे की गयी है। इस विधेयक पर बहस में कुल 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया और सभी ने इसका र्समथन किया। सदस्यों ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण के लिए समुचित कदम उठाए जाने चाहिए और कल्याणकारी कार्यो की निगरानी की जानी चाहिए। बहस में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव. राष्ट्रीय जनता दल के राजेश रंजन. सिक्किम डेमोक्रेटिक पं्रट के पी.डी. राय. कांग्रेस के के एस सुरेश.तेलंगाना राष्ट्र समिति के सीमाराम नायक. तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल.माक्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के शंकर प्रसाद दत्ता. आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के असादुद्दीन औवेसी और वाईएसआर कांग्रेस के वाराप्रसाद राव वेलागलपल्ली ने हिस्सा लिया।

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