भारत में आर्थराइटिस के 12 करोड़ मरीज - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 8 दिसंबर 2014

भारत में आर्थराइटिस के 12 करोड़ मरीज

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खराब जीवनशैली के चलते मांसपेशियो और हड्डियो से जुडे विकारो के कारण देश में तकरीबन 12 करोड आर्थइराटिस.गठिया. रोग से ग्रसित है। इस रोग से सबसे ज्यादा भारतीय महिला पीडित है। राष्ट्रीय सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्र म के सलाहकार डॉ नरेश पुरोहित ने हाल ही में तैयार की गई अपनी शोध रिपोर्ट में इसका खुलासा करते हुए यहां ..यूनीवार्ता. को बताया कि देश में 18 प्रतिशत लोग मांसपेशियो और हड्डियो से जुडे विकारो से ग्रस्त है जबकि इसके एक प्रतिशत पूरी तरह से आर्थराइटिस .गठियां. की चपेट में है। साथ ही 15 से 25 वर्ष आयु के युवा इस अत्याधुनिक युग में बढते एसएमएस और इंटरनेट चेटिंग की आदतो के कारण उनकी उंगलियां कार्पल टनल सिंड्रोम .उंगलियो का गठियां. की बीमारी को जन्म दे रही है। इसके कारण उंगलियो की मांसपेशियो में र्दद होता है तथा उसमें सूजन आ जाती है।  उन्होने देश में 12 करोड आर्थराइटिस के मरीज होने की जानकारी देते हुए बताया कि देश में यह रोग ज्यादा होने का कारण खराब जीवनशैली है और महिलाए र्सवाधिक इस रोग की चपेट में आती है। महिलाओं में मोटापे की वजह से गठियां रोग होता है। उन्होने बताया कि आर्थराइटिस केवल जोडो के र्दद नही बल्कि डायबिटीज की तरह ऐसी बीमारी के रुप में उभर रही है जो शरीर के कई अंगो को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रुप से प्रभावित करती है और इसकी वजह से मांसपेशियो में आने वाली सूजन हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन रही है। 

डॉ पुरोहित ने मध्यप्रदेश के प्रमुख नगरो के 1200 आर्थराइटिस मरीजो पर किये शोध के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह प्रतिरोधी तंत्र से जुडी बीमारी है और कभी कभी शरीर का प्रतिरोधी तंत्र कोशिकाअो को क्षतिग्रस्त करने लगता है। इसे कई संभावित ज्ञात एवं अज्ञात कारण है और यह बीमारी वंशागुत नहीं है। ऐसे रोगियो में इस रोग की वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के दौरे पडे और जांच में पाया गया कि मांसपेशियो एवं धमनियो में लगातार सूजन के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। उन्होने आर्थराइटिस रोग होने के प्रमुख लक्षण बताते हुए कहा कि जोडो में र्दद  मांसपेशियो में र्दद एवं सूजन  लगातार बुखार  मुंह में छाले आंखे लाल होना  मांसपेशियो में कमजोरी  बाल झडना  वजन घटना त्वचा सख्त होना  नजर कमजोर होना  सुबह उठने पर पीठ में र्दद होना आदि है। उन्होंने बताया शराब  धूम्रपान तंबाकू का अधिक सेवन तथा मलेरिया  मधुमेह व तपेदीक .टी बी. जैसी बीमारियो के अलावा गलत व्यायाम एवं जिम में अत्यधिक प्रेक्टिस करना इस रोग के संभावित कारण है। उन्होंने कहा कि यह रोग दवाओं से उपचार से संभव है और कुछ मामलो में शल्य चिकित्सा की जरुरत पडती है। इस रोग के उपचार के लिये केवल घुटना प्रत्यारोण ही एकमात्र उपाय नही रह गया है इसके लियें अब ल्यूब्रकिेंट इंजेक्शन एवं सेल्स रि जेनेरटिव जैसी तकनीक उपलब्ध है। इसके अलावा उन्होने अपने शोध निष्र्कष में बताया कि शाकाहारी भोजन गठियां के मरीजो को हार्ट अटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

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