झारखंड में बीजेपी सरकार, जम्मू-कश्मीर त्रिशंकु विधानसभा की ओर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 दिसंबर 2014

झारखंड में बीजेपी सरकार, जम्मू-कश्मीर त्रिशंकु विधानसभा की ओर

मतगणना के रुझानों के अनुसार जम्मू-कश्मीर त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ता दिख रहा है, जबकि झारखंड में बीजेपी सरकार बनती दिख रही है। जम्मू क्षेत्र में बीजेपी को भारी फायदा हुआ है। अब तक के रुझानों के अनुसार जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी 29 और बीजेपी 25 सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है। यहां सत्तारूढ़ नैशनल कॉन्फ्रेंस 16 सीटों पर और कांग्रेस 11 सीटों पर आगे हैं। 

81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बीजेपी और उसकी सहयोगी आजसू 15 सीटें जीत चुकी हैं और 27 पर आगे चल रही है। सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को 9 सीटों पर जीत मिली है और 10 पर आगे चल रही है। कांग्रेस एक सीट जीत चुकी है और 5 पर आगे चल रही है। लालू प्रसाद यादव की पार्टी 2 सीटों पर और बाबू लाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) 6 सीटों पर आगे चल रही है। 

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी सबसे बडी पार्टी के रूप में उभरी है और उसके पास बीजेपी या कांग्रेस किसी से हाथ मिलाने का विकल्प है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की तरफ से पीडीपी को समर्थन की पेशकश कर दी है। साल 2002 में कांग्रेस और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी। सत्तारूढ़ नैशनल कॉन्फ्रेंस 11 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। साल 2008 के चुनाव में उसे 28 सीटें मिली थीं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सोनवार सीट पर चुनाव हार गए हैं और बीरवाह पर मामूली अंतर से जीते हैं। पीडीपी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर बेग ने मिलाजुला संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की तुलना में कांग्रेस के साथ जाना उनकी पार्टी के लिए आसान रहेगा, लेकिन वह महसूस करते हैं कि बीजेपी को अछूत नहीं माना जा सकता। 

राज्य में यह बीजेपी का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है। इसके बावजूद पार्टी जम्मू तक सीमित रह गई है। यहां 37 सीटों में से 25 पर बीजेपी जीती है और पार्टी कश्मीर घाटी में कोई मौजूदगी दर्ज कराती नजर नहीं आ रही है, जहां 46 सीटें हैं। रुझानों से लग रह है कि राज्य में तब तक सरकार का गठन संभव नहीं है जब तक कि बीजेपी और पीडीपी या इन दोनों पार्टियों के साथ नैशनल कॉन्फ्रेंस या कांग्रेस में से कोई एक दो दल साथ नहीं आते। 

पीडीपी के सामने साझीदार चुनने को लेकर वह 'मुश्किल' स्थिति में आ गई है। एक तरफ उसका बीजेपी के साथ वैचारिक मतभेद है, तो दूसरी ओ राज्य में लोगों ने कांग्रेस शासन के खिलाफ मतदान किया है। पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने संवाददाताओं से कहा, 'रुझान से दिख रहा है कि हम अपने दम पर सरकार नहीं बनाने जा रहे। यह हमारे के लिए कठिन परिस्थिति है।'

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