एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय सात साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। नागर विमानन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के संबंध में 226 बिंदुों में से 204 पर काम पूरा हो चुका है लेकिन 24 बिंदुों पर अभी भी विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है। डा. शर्मा ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उडान अकादमी परिसर में 202 करोड रुपए की अनुमानित लागत से एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव है। भवन निर्माण शुरू हो चुका है। विषय निर्वाचन समिति का गठन और कुलपति एवं परियोजना निदेशक के पदों के सृजन संबंधी कार्य पहले ही पूर्ण हो चुके हैं और इन पदों को भरने के लिए चयन प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है।
उन्होंने साथ ही बताया कि नागर विमानन क्षेत्र लोक शिकायतों और विवादों के निपटारे के लोकपाल के गठन की व्यवहार्यता की जांच के लिए एक कार्यकारी समूह का गठन किया गया था। समूह ने अपनी रिपोर्ट साैंप दी है लेकिन अब तक लोकपाल के गठन के लिए कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। डा. मिश्रा ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मानवरहित विमानों की असैन्य उपयोग की बहुत संभावनाएं हैं लेकिन इसमें कुछ सुरक्षा संबंधी खतरे भी हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने ड्रोन विमानों के नागरिक उपयोग के संबंध में अभी नियम नहीं बनाए हैं। इन नियमों के बनने तक ड्रोन विमानों के असैन्य उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

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