कलेक्टर ने की सर्व शिक्षा अभियान के कार्यों की समीक्षा
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने आज बी.आर.सी. एवं संकुल प्रचार्यों की बैठक में सर्व शिक्षा अभियान के कार्यों व योजनाओ की प्रगति तथा समग्र आधारित छात्रवृत्ति के मेपिंग कार्य की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तरूण राठी, सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक श्री विनय रहांगडाले, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुनारिया भी मौजूद थे।
एस.एम.एस. नहीं भेजने वाले प्रधान पाठकों पर लघु शास्ति की कार्यवाही
बैठक में सर्व प्रथम शालाओं में शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बनाये गये एस.एम.एस. सिस्टम की प्रगति की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि जिले के बैहर, बिरसा, लांजी एवं परसवाड़ा विकासखंड की प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के प्रधान पाठकों द्वारा एस.एम.एस. नहीं किया जा रहा है। कलेक्टर ने इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर की और एस.एम.एस. नहीं भेजने वाले शिक्षकों को लघु शास्ति से दंडित करने व इसे उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि एस.एम.एस. भेजने में लापरवाही बरतने पर वाले प्रधानपाठकों को बख्शा नहीं जायेगा और उनके विरूध्द कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
मास्टर्स प्रशिक्षण से गायब रहे शिक्षकों का वेतन कटेगा
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षकों के मास्टर्स प्रशिक्षण की समीक्षा के दौरान पाया गया कि 23 दिसम्बर को आयोजित प्रशिक्षण में विकासखंड बैहर के 576, बालाघाट के 450, बिरसा के 303, कटंगी के 447, खैरलांजी के 105, किरनापुर के 241, लालबर्रा के 569, लांजी के 213, परसवाड़ा के 379 एवं वारासिवनी के 432 शिक्षक अनुपस्थित थे। कलेक्टर ने शिक्षकों के जानबुझकर मास्टर प्रशिक्षण से अनुपस्थित रहने को गंभीरता से लिया है और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने के कारण अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनका एक दिन का वेतन काटा जाये। इन शिक्षकों को दो दिनों के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है।
लालबर्रा एवं बैहर के बी.आर.सी. को कारण बताओ नोटिस
मास्टर्स प्रशिक्षण 23 दिसम्बर 2014 की समीक्षा में पाया गया कि विकासखंड लालबर्रा एवचं बैहर के सर्वाधिक शिक्षक इसमें अनुपस्थित रहे थे। इसके लिए वहां को बी.आर.सी. को भी जिम्मेदार माना गया है। कलेक्टर ने इसके लिए दोनों बी.आर.सी. को कड़ी फटकार भी लगाई। उन्होंने लालबर्रा के बी.आर.सी. के.जी. बिसेन एवं बैहर के बी.आर.सी. को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न उनके विरूध्द निलंबन की कार्यवाही की जाये। दोनों बी.आर.सी. को तीन दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है। खैरलांजी विकासखंड में मास्टर्स प्रशिक्षण में सबसे कम शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर वहां के बी.आर.सी. की सराहना की गई और उसे बधाई भी दी गई। बैठक में कहा गया कि मास्टर्स प्रशिक्षण में जो शिक्षक बेहतर प्रदर्शन करेंगें उन्हें 26 जनवरी 2015 को पुरूस्कृत किया जायेगा।
मेपिंग का कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश
बैठक में समग्र छात्रवृत्ति मेपिंग कार्य की प्रत्येक संकुल वार समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिले में छात्रवृत्ति के मेपिंग का कार्य 82 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। लेकिन कुछ संकुल में यह कार्य 45 प्रतिशत से भी कम हुआ है। इस पर कलेक्टर ने मेपिंग कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि केन्द्रीय विद्यालय भरवेली, मलाजखंड एवं जवाहर नवोदय विद्यालय द्वारा इस कार्य में अपेक्षित सहयोग नहीं दिया जा रहा है। बैठक में बच्चों को नि:शुल्क गणवेश वितरण, साईकिल वितरण, प्रायवेट शालाओं में 25 कमजोर वर्ग के बच्चों के प्रवेश की भी समीक्षा की गई।
डॉ. रावत को सोनोग्राफी मशीन के प्रयोग की अनुमति, डॉ. अनिता पाराशर का आवेदन अमान्य
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की अनुशंसा पर लालबर्रा रोड वारासिवनी के डॉ. प्रकाशचंद रावत को बी.एस.आर. डायग्नोस्टिक वार्ड नं.10 बालाघाट हास्पिटल के सामने भटेरा रोड बालाघाट में सोनोग्राफी मशीन के प्रयोग की अनुमति प्रदान की है। डॉ. रावत की सोनोग्राफी मशीन का पंजीयन 23 दिसम्बर 2019 तक के लिए वैद्य रहेगा। पी.एन.डी.टी. अधिनियम का उल्लंघन पाये जाने पर यह पंजीयन निरस्त कर दिया जायेगा। इसके साथ ही जिला चिकित्सालय बालाघाट की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिता पाराशर द्वारा भिलाई रोड, लांजी में सोनोग्राफी केन्द्र के पंजीयन के लिए दिया गया आवेदन अमान्य कर दिया गया है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. शासन द्वारा डॉ. श्रीमती पाराशर की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति 16 फरवरी 2014 को अमान्य करते हुए उन्हें शसकीय सेवा में बहाल कर दिया गया है। शासकीय चिकित्सक स्वयं के नाम अथवा परिजन के नाम से कोई क्लीनिक, नर्सिंग होम या नीजि चिकित्सालय संचालित नहीं कर सकते है। वे अपनी परामर्श सेवायें मात्र पदस्थापना मुख्यालय पर ही दे सकते है। शासकीय चिकित्सक ऐसे उपकरण(एक्स-रे मशीन, सोनोग्राफी, ईकोकार्डियोग्राफी मशीन) जिनके लिए पृथक से लायसेंस की आवश्यकता है उन्हें अपने निवास पर अपने नाम से पंजीकृत कर कतई नहीं रख सकते है। इन्हीं कारणों से डॉ. अनिता पाराशर के सोनोग्राफी मशीन के पंजीयन का आवेदन अमान्य कर दिया गया है।
समर्थन मूल्य पर 15 लाख 26 हजार क्विंटल धान की हुई खरीदी, किसानों को किया गया 176 करोड़ रु. का भुगतान
किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने एवं उन्हें बिचौलियें व दलालों के शोषण से बचाने के लिए जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के व्यापक इंतजाम किये गये है। जिले के 154 केन्द्रों पर किसानों से धान की खरीदी का कार्य निरंतर जारी है। कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने किसानों से खरीदे गये धान का तेजी से उठाव कर उसे गोदामों में पहुंचाने के निर्देश दिये है और कहा है कि धान के उठाव के अभाव में धान की खरीदी किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होना चाहिए। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रबंधक श्री जी.एस. तुरकर ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में अब तक जिले के 154 केन्द्रों पर 44 हजार 634 किसानों से 200 करोड़ 87 लाख रु. का 15 लाख 26 हजार 826 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। इसमें से 13 लाख 44 हजार 142 क्विंटल धान का परिवहन कर उसे गोदामों में पहुंचाया जा चुका है। किसानों से खरीदे गये धान के बदले में उन्हें अब तक 176 करोड़ 19 लाख रु. का भुगतान किया जा चुका है। यह राशि किसानों के खाते में जमा कराई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 25 जनवरी 2015 तक ही की जायेगी। किसानों से अपील की गई है कि वे 25 जनवरी तक अपनी समिति में धान बेचने के लिए ला लें। 25 जनवरी के बाद धान की खरीदी नहीं की जायेगी। श्री तुरकर ने बताया कि किसानों से कामन धान का 1360 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का मूल्य 1400 रुपये क्विंटल की दर से खरीदी जा रही है। किसानों से कहा गया है कि वे अपने केन्द्र पर एफ.ए.क्यू. मापदंड की धान ही बिक्री के लिए लायें। धान में अधिक नमी, बदरा व कचरा नहीं होना चाहिए। जिले के सभी धान खरीदी केन्द्रों पर पर्यापत संख्या में बारदाने की व्यवस्था की गई है। किसी भी केन्द्र पर बारदाने की कमी नहीं है। धान की खरीदी के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति संचालनालय में (विन्ध्याचल भवन भोपाल) कन्ट्रोल रूम बनाया गया है। यह कन्ट्रोल रूम 25 जनवरी 2015 तक प्रात: 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक कार्य करता रहेगा । कन्ट्रोल रूम का फोन नम्बर 0755-2573877 है। किसान इस फोन के अलावा टोल फ्री नम्बर 155343 एवं सीएम हेल्पलाइन 181 पर भी धान खरीदी के सबंध में समस्या/शिकायत दर्ज करा सकते है।
सैनिक कल्याण अधिकारी का 30 दिसम्बर को बैहर आगमन
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सेवानिवृत्त ले.कर्नल जया जेवियर का 30 दिसम्बर को बैहर आगमन हो रहा है। अपने बैहर प्रवास के दौरान वे 30 दिसम्बर को प्रात: 11.30 बजे से विश्राम गृह में जिले में निवासरत भूतपूर्व सैनिकों, सैनिकों की विधवाओं, सेवारत सैनिकों के परिजनों एवं आश्रितों से मुलाकात करेंगी। इस दौरान वे उन्हें स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगी तथा उनकी गणना, पंजीकरण व पहचान पत्र जारी करने के संबंध में चर्चा करेंगी। जिला सैनिक कल्याण संयोजक श्री एल.आर. दमाहे ने जिले में निवासरत भूतपूर्व सैनिकों, सैनिकों की विधवाओं, सेवारत सैनिकों के परिजनों व आश्रितों से अपील की गई है कि वे जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के बालाघाट प्रवास का अधिक से अधिक संख्या में आकर लाभ उठायें।
सभी चरण के जनपद और जिला पंचायत सदस्य के परिणाम की घोषणा एक साथ होगी
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायतों के आम निर्वाचन 2014-15 के लिये जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य के लिये पूर्व में जारी मतों के सारणीकरण और निर्वाचन परिणाम की घोषणा के कार्यक्रम में संशोधन किया गया है। सभी चरण के लिये अब जनपद पंचायत सदस्य के लिये मतों का सारणीकरण और निर्वाचन परिणाम की घोषणा 24 फरवरी को और जिला पंचायत सदस्य के लिये 25 फरवरी को की जायेगी। शेष कार्यक्रम यथावत रहेगा।
विद्युत कनेक्शन नहीं होने का प्रमाण-पत्र देना होगा
पंचायत निर्वाचन- 2014-15 में जिस अभ्यर्थी के नाम से विधुत कनेक्शन नहीं है, उसे अदेय प्रमाण-पत्र के स्थान पर विधुत कनेक्शन नहीं होने का प्रमाण-पत्र नाम निर्देशन-पत्र के साथ देना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश विधुत वितरण कंम्पनी के सभी प्रबंध संचालक को इस तरह के प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश दिये गये हैं।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम में 26 और नई लोक सेवा शामिल, मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणा के अनुरूप आदेश जारी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज चौहान द्वारा की गई घोषणा के अनुरूप लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में 26 और नई लोक सेवा शामिल कर ली गई हैं। प्रदेश में 21 विभाग की 102 सेवा पूर्व से इस अधिनियम में शामिल थीं। इस संबंध में लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बुधवार की शाम लोक सेवा दिवस समारोह में 26 और लोक सेवा को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किये जाने की घोषणा की थी। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल 26 सेवा में शामिल हैं - लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की मुख्यमंत्री बाल ह्मदय उपचार योजना के प्रकरण की स्वीकृति, निजी उपचर्यागृह/रूजोपचार्य संबंधी स्थापनाओं का रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन, निजी उपचर्यागृह/रूजोपचार्य संबंधी स्थापनाओं के रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन का नवीनीकरण। इसी प्रकार गृह विभाग के अंतर्गत मृतक के परिवार के सदस्य के आवेदन पर पोस्ट-मार्टम (पी.एम.) रिपोर्ट की प्रतिलिपि प्रदाय करना, स्टेशन हाउस ऑफिसर द्वारा फरियादी को एफआई.आर. की प्रति न देने पर वरिष्ठ स्तर से एफ.आई.आर. की प्रति प्रदान किया जाना एवं शस्त्र लायसेंस की डुप्लीकेट प्रति प्रदाय करना शामिल हैं। श्रम विभाग में संविदा श्रम अधिनियम, 1970 के अंतर्गत ठेकेदारों को अनुज्ञप्ति का प्रदाय, ठेकेदारों को अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण का प्रदाय एवं ठेकेदारों की अनुज्ञप्ति में संशोधन किया जाना, कारखाना अधिनियम में गैर खतरनाक श्रेणी के कारखानों की नवीन अनुज्ञप्ति जारी किया जाना (ए) 100 श्रमिकों तक का नियोजन (बी) 100 से अधिक श्रमिकों का नियोजन, गैर खतरनाक श्रेणी के कारखानों की अनुज्ञप्ति का नवीनीकरण/संशोधन किया जाना, वाणिज्यिक स्थापनाओं/मोटर परिवहन आदि स्थापनाओं के लिए स्व-प्रमाणीकरण योजना में प्राप्त आवेदनों का निराकरण एवं कारखानों से स्व-प्रमाणीकरण योजना में प्राप्त आवेदनों का निराकरण शामिल हैं। इसी प्रकार लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के अंतर्गत अनुज्ञप्तियाँ जारी करना, केन्द्रीय अनुज्ञापन अनुमोदन प्रणाली के अलावा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के नियम 69 (1) एवं 90 (1) के तहत अनुज्ञप्तियाँ जारी करना, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम में अधिकतम 10 उत्पाद के लिए अनुमति जारी करना, 10 से अधिक उत्पादों के लिए अनुमति जारी करना, औषधि निर्माण लायसेंसों में अधिकतम 10 औषधि की अनुमति जारी करना, औषधि निर्माण लायसेंसों में 10 से अधिक औषधि की अनुमति जारी करना, भारत सरकार से अनुमति/अनापत्ति प्रमाण-पत्र और औषधि निर्माण लायसेंसों में अधिकतम 10 औषधि की अनुमति जारी करना शामिल हैं। औषधि निर्माण लायसेंसों में 10 से अधिक औषधियों की अनुमति जारी करना एवं औषधि विक्रय अनुज्ञप्ति जारी करना शामिल है। इसी प्रकार नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग में जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) तथा अधिनियम 1974 की धारा 25 के तहत पर्यावरण स्वीकृति के प्रकरणों के अतिरिक्त वृहद/मध्यम श्रेणी उद्योगों को सम्मति, वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 21 के तहत पर्यावरण स्वीकृति के प्रकरणों के अतिरिक्त वृहद/मध्यम श्रेणी उद्योगों को सम्मति आदि शामिल हैं।
विद्युत कंपनियों में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधान में संशोधन, ऊर्जा विभाग ने जारी किए निर्देश
मध्यप्रदेश की विद्युत कंपनियों में लागू अनुकम्पा नियुक्ति नीति-2013 के प्रावधान में संशोधन किए गए हैं। संशोधन के अनुसार 10 अप्रैल 2012 के पूर्व एवं 15 नवम्बर 2000 के बाद के दुर्घटना मृत्यु के प्रकरण को भी अनुकम्पा नीति में शामिल किया गया है। विद्युतकर्मी के कार्य दौरान दुर्घटना में मृत्यु के प्रकरणों को अनुकम्पा नियुक्ति में सामान्य मृत्यु के प्रकरणों के ऊपर प्राथमिकता दी जायेगी। दुर्घटना मृत्यु में मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल/कंपनी में कार्य करते समय आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या और कार्य के दौरान वाहन दुर्घटना को भी शामिल किया गया है। संशोधन के अनुसार दुर्घटना मृत्यु के दिनांक 10 अप्रैल 2012 के पूर्व के प्रकरणों में अनुकम्पा नीति 2013 के समान ही अधिकत्तम आयु सीमा मृतक सेवक की पत्नी अथवा पति के मामले में पूर्णत: शिथिल रहेगी। परन्तु नए पात्र आश्रित को भी अनुकम्पा नियुक्ति निर्धारित आयु सीमा में दुर्घटना मृत्यु दिनांक से नीति जारी होने की तिथि अथवा 8 वर्ष जो भी अधिक की छूट दी जायेगी। इसी प्रकार दुर्घटना मृत्यु के पुराने प्रकरणों में भी संशोधित आदेश जारी होने की दिनांक 1 अप्रैल 2014 से 3 वर्ष तक पद उपलब्धता होने पर ही आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी। इस संबंध में यह भी कहा गया है कि आदेश जारी होने की तिथि 1 नवम्बर 2014 से अगले एक वर्ष तक पूर्वति प्रकरणों के आवेदन स्वीकार किए जायेंगे। आगामी स्थिति में यथा अनुसार आवेदन दुर्घटना दिनांक से 6 माह तक स्वीकार किए जायेंगे। अनुकम्पा नियुक्ति के सभी प्रकरण में आश्रितों को पद के अनुसार न्यूनतम योग्यता शैक्षणिक योग्यता के मापदण्ड के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। विद्युत कंपनियों के सभी प्रबंध संचालकों को जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा गया है। संशोधित आदेश की जानकारी विद्युत कंपनियों के प्रबंध संचालकों को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी गई है।
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