हर कार्यालय घर की तरह साफ रहे: सहायक कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा
- सुशासन सप्ताह के प्रथम दिन हुई कार्यालयों की सफाई
- स्वच्छता कार्य को निरंतर जारी रखने समिति गठित
टीकमगढ़, 26 दिसबंर 2014। सहायक कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा ने कहा कि जिले का हर कार्यालय घर की तरह साफ रहे। उन्होंने कहा इस कार्य को इस सप्ताह से प्रारंभ करें और इसे निरंतर जारी रखा जाये। सुशासन सप्ताह के तहत जिले में किये जाने वाले कार्यों की रूपरेखा एवं समीक्षा हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुय श्री मिश्रा ने ये विचार व्यक्त किये। श्री मिश्रा ने कहा कि संयुक्त जिला कार्यालय में सफाई व्यवस्था अनुकरणीय होनी चाहिये जिससे जिले के अन्य शासकीय कार्यालयों को प्ररेणा मिले। उन्होंने कहा स्वच्छता कार्य को व्यवस्थित करने एवं इसे निरंतर जारी रखने हेतु समिति गठित की जाये। यह समिति संयुक्त कार्यालय परिसर की स्वच्छता हेतु कार्ययोजना बनाकर उसका क्रियान्वयन करायेगी जिसमें सभी विभागों की सहभागिता रहेगी। इस समिति में प्रबंधक लोक सेवा गारंटी श्री के.आर. झा, जिला समन्वयक डी.पी.आई.पी. श्री ए.के. खरे, स्वच्छता मिशन के जिला समन्वयक श्री मनीष जैन एवं संबंधित अधिकारी स्वैच्छिक रूप से कार्य करेंगे। इस अवसर पर प्रबंधक लोक सेवा गारंटी श्री के.आर. झा, जिला समन्वयक डी.पी.आई.पी. श्री ए.के. खरे, स्वच्छता मिशन के जिला समन्वयक श्री मनीष जैन, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद श्रीमती लक्ष्मी शुक्ला, जिला वाणिज्यकर अधिकारी श्रीमती लता पाल, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें श्री एस.के. खरेर्, इ.ई.पी.डब्लू.डी. श्री आई.के. शुक्ला, जिला आयुष अधिकारी श्री एस.के. त्रिपाठी, जिला आबकारी अधिकारी श्री अभिषेक तिवारी, जिला कोषालय अधिकारी श्री के.डी. अहिरवार, जिला पेंशन अधिकारी श्री जी.डी. साहू, जिला योजना अधिकारी श्री रामबाबू गुप्ता तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
सुशासन सप्ताह के प्रथम दिन हुई कार्यालयों की सफाई
सुशासन सप्ताह के तहत आज प्रथम दिन संयुक्त कार्यालय परिसर में विशेष रूप से सफाई की गई। साथ ही परिसर को साफ किया गया। उल्लेखनीय है कि 26 से 30 दिसंबर 2014 के बीच सुशासन सप्ताह मनाया जायेगा एवं इस दौरान कार्यक्रम आयोजित किये जायेेंगे। इसके तहत ऐसे शासकीय सेवकों का स्थानीय स्तर पर चयन किया जायेगा जिन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रशासकीय कार्य किये हो एवं उन्हें जिला स्तर पर सम्मानित किया जायेगा। साथ ही समस्त शासकीय कार्यालयों में इस अवधि में स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा, जिसे इस अवधि के बाद भी निरंतर रखा जायेगा। इस अभियान के दौरान कार्यालय के अभिलेखों की व्यवस्थित किया जायेगा, शौचालय में साफ-सफाई, पीने का पानी की व्यवस्था एवं इसी प्रकार के अन्य कार्य जिससे कार्यालय परिवेश का स्वरूप स्वच्छ हो सके किये जायेंगे।
प्रतिबंधित दवा डाईक्लोफेनेक का उपयोग न करें
टीकमगढ़, 26 दिसबंर 2014। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें श्री एस.के. खरे ने बताया है कि भारत सरकार के असाधारण राजपत्र दिनांक 5 जुलाई 2008 द्वारा डाईक्लोफेनेक दवा का प्रयोग पशुओं के उपचार हेतु प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि मानव उपचार में उपयोग में लाई जाने वाली डाइक्लोफेनेक दवा का उपयोग सामान्य तथा गैर सरकारी संस्थान, निजी झोलाछाप/कथित पशु चिकित्सकों के द्वारा अनाधिकृत रूप से किया जा रहा है जिसमें गिद्धों की संख्या पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है एवं गिद्धो की 99 प्रतिशत संख्या विलुप्त हो चुकी है। श्री खरे ने अपील की है कि पशु चिकित्सा से संबंधित सभी पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, गौ रक्षक, गौ सेवक, इस दवा का उपयोग न करें, इसके स्थान पर वैकल्पिक दवा का प्रयोग किया जाये। उन्हांेने बताया कि वी.एन.एच.एस. टीम गिद्वांे के संरक्षण का कार्य कर रही है, सभी जनमानस से सहयोग की अपील है। साथ ही उन्होंने समस्त विभागीय अमले को पुनः निर्देशित किया है कि गौ सेवकों एवं गैर सरकारी संस्थानों के कार्यकर्ताओं को डाईक्लोफेनेक औषधि उपयोग न किये जाने हेतु निर्देशित करें। ऐसा करते हुये पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाई की जायेगी।
शीत लहर से फसल बचाव एवं नींदा नियंत्रण की सलाह
टीकमगढ़, 26 दिसबंर 2014। उप संचालक कृषि श्री बी.एन. सिंह ने बताया है कि गत एक सप्ताह से मावठ की वारिस होने के साथ ही शीत लहर चल रही है। तापक्रम कम-बढ़ हो रहा है। ऐसी स्थिति में फसल की सिचांई अभी नहीं करें। कुछ फसलें जैसे-राई, सरसों, मसूर, मटर आदि में एवं सब्जी वाली फसलों में व साथ ही दलहन वाली फसलों में विशेषकर नदी कछार के किनारे ऊँची-नीची सतह पर बोई गई फसलों में पाले की अधिक संभावना रहती है। ऐसी फसलों में हल्की सी सिचांई करें एवं खेत की मेढ़ों के किनारें धुआ करें। सब्जियों को पाॅलीथिन की शीट से ढक्कर भी बचाव किया जा सकता है। गेहूँ में खरपतवार नियंत्रण के लिये बुवाई के 30-35 दिन बाद हल्की मिट्टी वाले खेतों में 0.75 कि.ग्रा. जथा भारी वाले खेतों में 1.25 कि.ग्रा. आईसो प्रोटूरान या मेटामेक्स सक्रिया तत्व को 500-700 ली. पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें एवं खरपतवार का बीज बनने से पहले खेत से बाहर निकाल कर जला दें अथवा जमीन के अंदर गाड़ दें। चना में इल्ली का प्रकोप होने पर मोनो क्रोटोफास 1.5ली. या क्विनालफास 01 ली. दवा को 500-700ली. पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। जस्ते की कमी (30 दिन बाद) गेहूँ बोनें के 25-30 दिन बाद नीचे की तीसरी, चैथी पत्ती पर हल्के पीले धब्बे जो बाद में बड़े हो जाते है। जिसमें जस्ते की कमी के लक्षण है। ऐसी स्थिति में तुरंत 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फे, 2.5 प्रति. यूरिया का घोल बनाकर 10-15 दिन के अंतर से छिडकें। श्री सिंह ने बताया कि आज क्षेत्रीय प्रबंधक विपणन संघ सागर से चर्चा अनुसार 6-7 दिन में निवाड़ी रैक पाइंट पर यूरिया आयेगा जिससे जिले की किसानों को भरपूर यूरिया मिलेगा। उन्होंने बताया कि कलेक्टर जिला-टीकमगढ़ ने प्रमुख सचिव को 3000 टन यूरिया उपलब्ध कराने के लिये बात भी की है तथा पत्र भी लिखा है जिससे यूरिया प्राप्त होने की संभावना है।

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