बिहार विधान मंडल का कल से शुरू हो रहे सत्र के हंगामेदार रहने के आसार है। विधानमंडल के इस सत्र में कुल पांच दिन हीं बैठकें होगी लेकिन इस सत्र के दौरान राज्य में कानून व्यवस्था की लगातार बिगड़ती स्थिति .दवा और शराब घोटाला. पटना नगर आयुक्त का निलंबन.धान खरीद में देरी.दशहरा हादसा जांच रिपोर्ट में लीपाशपोती और मधुबनी मंदिर प्रकरण को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि राज्य में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गयी है और आये दिन आपराधिक घटनायें हो रही है। भ्रष्टाचार चरम पर है और विकास के कार्य ठप है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन गंभीर मुद्दो पर चर्चा करने से बचना चाहती है इसलिये उसने विधान मंडल का सत्र छोटा रखा है।
विधान सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि सत्र छोटा होने के बावजूद इसमें जनसमस्याओं पर ध्यान दिया जायेगा. उन्होंने सभी दलों के नेताों से विधान सभा के संचालन में सहयोग करने की अपील की। इस सत्र के दौरान 22 दिसंबर को दोनो सदनो में वित्तीय वर्ष 2014श।5 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन होगा। इस सत्र में 121 वें संविधान संशोधन के तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों की नियुक्ति संबंधी नयी प्रक्रिया लागू करने के लिये संसद से पारित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्तियां .आयोग .विधेयक 2014 पर सहमति ली जायेगी।विधान परिषद में पहली बार आचार समिति का प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा जायेगा। इस समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार है। कल से शुरू हो रहे सत्र में जदयू के चार विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू .रवीन्द्र राय .राहुल शर्मा और निर्दलीय सोम प्रकाश नही दिखेंगे जिनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो चुकी है।

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