कांग्रेस ने संसद के शीतकालीन सत्र में कामकाज में बाधा पडने के लिए सरकार के .अडियल रवैये. को जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि यदि सत्ता पक्ष कुछ लचीला रुख अपनाता तो ज्यादा काम निपटाया जा सकता था। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने शीतकालीन सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के समाप्त होने के बाद संसद भवन परिसर में संवाददाताों से कहा कि पूरे के सत्र के दौरान सरकार का रवैया बहुत अडियल रहा। वह लोकसभा में बहुमत के अभिमान में रही और विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करती रही।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष की मांग पर प्रधानमंत्री यदि 15 मिनट के लिए आकर सदन में अपनी बात कह देते तो सदन के पांच दिन खराब नहीं होते और जरूरी काम निपटाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि श्री मोदी सिर्फ भाजपा के नेता नहीं है बल्कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्हें सदन में आना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने कहा कि विधेयक पास कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है और यदि उसे इन विधेयकों की चिंता होती तो सबको बुलकार बात की जा सकती थी। सरकार श्री मोदी जी के नाम पर बनी है और इसी वजह से पूरा विपक्ष उनसे सदन में अपनी बात रखने की मांग कर रहा था।पूरा विपक्ष प्रधानमंत्री के रुख को जानना चाहता था लेकिन वह सदन में ही आने को तैयार नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि धर्मांतरण के मुद्दे पर विपक्ष सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य की मांग कर रहा था और इसके कारण करीब सात दिन तक राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई और लोकसभा में भी इसको लेकर भारी हंगामा हुआ।

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