विशेष आलेख : मसीही समुदाय भाजपाईयों के तांडव से खौफजदा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 दिसंबर 2014

विशेष आलेख : मसीही समुदाय भाजपाईयों के तांडव से खौफजदा

क्रिसमस की खुखियां मना रहे लोगों धर्मांतरण के नाम देकर जगह-जगह हो रहे हमले, मसीही समुदाय के लोगों ने सराकर से की बचाव की मांग, जबकि भाजपाजनों का कहना है कि गांवों में बड़े पैमाने पर ईसाई मिसनिरियों द्वारा गरीब हिन्दुओं का धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दी जा रही है। ऐसे में जब वह बिछड़ गए लोगों की घर वापसी करा रही है तो प्रशासन उनका उत्पीड़न कर रही है 

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एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के विकास व जनता से किए वादे को पूरा करने के लिए दिन-रात हाड़तोड़ मेहनत कर पूरा करने में लगे है। इस मामले में काफी हद तक उन्हें सफलता भी मिलती दिख रही है, लेकिन भाजपा से जुड़े उनके आनुसांगिक संगठन उनकी साख पर बट्टा लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे है। बड़ा मामला इन दिनों धर्मांतरण को लेकर है जहां विपक्षी लगातार इस मुद्दे को लेकर संसद की कार्यवाही को ठप कर रखे है वहीं घर वापसी के नाम भाजपा, बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद जगह-जगह बवेला खड़ा कर दिया है। इसका बड़ा असर क्रिसमस की तैयारियों में जुटा मसीही समाज पर पड़ रहा है। जहां कही भी मसीही समाज बस्तियों में हर साल की तरह इस साल भी प्रभु यीशु की याद में उनकी जन्मदिन मनाने के लिए प्रार्थना सभाएं कर रहे है वही भाजपा एवं उसके आनुसांगिक संगठन उन पर कहर बनकर टूट पड़ रहे है, इसके चलते पूरा मसीही समाज पर्व को लेकर भयभीत नजर आ रहा है। ताजा मामला यूपी के भदोही-गोपीगंज के तिवारीपुर गांव का है। 

बताया जाता है कि रविवार को तिवारीपुर के दलित बस्ती में प्रभु यीशु में आस्था रखने वाले तकरीबन दो-तीन सौ संख्या में जुटे लोग प्रार्थना सभाएं कर रहे थे। इसी बीच कुछ बीजेपी, आरएसएस, बजरंग दल के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और धर्मांतरण नहीं होने देंगे कहकर उन्हें मारते-पीटते बंधक बना लिया। हंगामा इस कदर हुआ कि लोग भयभीत हो गए। चीख-चीखकर जान बचाने की दुहाई देने लगे। हालांकि सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गयी और उन्हें मुक्त कराया। समाचार प्रतिनिधियों से फोटो खिचवाने के बाद भाजपाई व उससे जुड़े आनुसांगठनिक संगठनों के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए वापस लौट गए। समाचार पत्रों में तरह-तरह के खबरे छपने के बाद भाजपाई तो अपने राजनीति चल निकलने व काम पूरा कर खुशी से इतरा तो रहे है, लेकिन मसीही समुदाय के लोगों में दहशत फैल गयी है। समुदाय से जुड़े लोगों ने सरकार व पुलिस अधिकारियों को पत्र भेंजकर सुरक्षा एवं जानमाल की रक्षा की गुहार लगाई है। घटनास्थल पर मौजूद पास्टर ने बताया  िकवह हर साल की तरह इस साल भी बस्ती के लोगों ने कार्यक्रम आयोजित किया था। लोग प्रभु यीशु की याद में प्रार्थना सभा कर रहे थे। वह यहां धर्मांतरण नहीं कर रहे थे। जिनकी प्रभु यीशु में आस्था है वह लोग यहां जुटे थे। किसी को जबरन या लालच देकर नहीं बुलाया गया था। फिर भी लोगों ने बिना किसी से पूछताछ के हंगामा खड़ा कर दिया। भाजपाजनों का कहना रहा कि तिवारीपुर (चकराजाराम) हरिजन बस्ती में काफी दिनों से भूत-प्रेत और पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने की कहानी बनाई जा रही थी। 25 दिसंबर को घोसिया के पास किसी गांव में धर्म परिवर्तन करने की तैयारी में रविवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में लगभग तीन सौ की संख्या में दलित परिवार के लोग शामिल थे। 

आगरा जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित गढ़ी संपत गांव में करीब 1800 की आबादी है। बीते करीब एक साल ये यहां ईसाई मिशनरी प्रार्थना सभाएं करते आ रहे है। वहां हर सप्ताह धर्म सभा का आयोजन होता है। यहां भी काफी संख्या में लोग प्रार्थना सभाएं कर रहे थे। इसकी जानकारी मिलने के बाद हिंदुवादी संगठनों में आक्रोश फैल गया। आरएसएस के प्रांत प्रचारक दिनेश जी ने कहा कि कुछ लोग धर्म परिवर्तन के जरिए राष्ट्र के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। महिलाओं को निशाना इसलिए बनाया जा रहा है, क्योंकि महिला की सोच बदलने पर पूरी पीढ़ी की सोच बदलती है। धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनना चाहिए, लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले राजनीतिक दल इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। इसके बाद वहां भी जमकर हंगामा किया गया और कार्यक्रम को स्थगित करा दिया गया। कुछ इसी तरह की कहानी मैनपुरी जिले की है। यहां भी आरोप है कि ईसाई मिशनरियों का एक दल हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता है। पहले गांव में एक -दो लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाता है। फिर ये लोग एक साथ मिलकर समाज के निचले तबके के लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच देते हैैं। किसी न किसी बहाने से उन्हें समझाया जाता है कि निचले तबके के होने के कारण वह न तो हिंदू रह गए और न ही मुसलमान। ऐसे में वह ईसाई धर्म अपना लें। नौकरी का प्रलोभन देने पर बेरोजगार तुरंत ही धर्म परिवर्तन के लिए तैयार हो जाते हैैं। यही कारण रहा कि जिले के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर हिंदुओं ने ईसाई धर्म कुबूल लिया। पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामलों में हर गांव में लोगों पर नजर रखी जा रही है। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई होगी। फिरोजाबाद जिले में भी धर्मांतरण को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। 






(सुरेश गांधी)

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