बिहार विधान सभा में आज भारतीय जनता पार्टी :भाजपा : ने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत विधायकों की अनुशंसा पर लगाये जाने वाले ट्रांसफर्मरों के लिये प्राक्कलन राशि बढ़ाये जाने को घोटाला बताते हुये इसकी जांच कराने की मांग को लेकर हंगामा किया। विधानसभा में भाजपा के रामेश्वर प्रसाद के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में प्रभारी उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि 63 केवीए के नये ट्रांसफर्मर की कीमत एक लाख 25 हजार रूपया और 100 केवीए के नये ट्रांसफर्मर का मूल्य डेढ़ लाख रूपया है। ट्रांसफर्मरों की कीमत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुयी बैठक में तय हुआ था।उन्होंने कहा कि जब सरकार हीं ट्रांसफर्मर बेच रही है और वही खरीद भी रही है तो इसमें कहां कोई घोटाला हुआ है। श्री यादव ने कहा कि यह कहा जा सकता है कि जब बाजार में कम कीमत पर ट्रांसफर्मर मिल रहा है तब सरकार के ट्रांसफर्मर का दाम क्यों अधिक है। उन्होंने कहा कि विधायक फंड किसी विधायक का नही बल्कि सरकार का हीं पैसा है। इसपर भाजपा के सदस्य उत्तेजित हो गये और शोरगुल करने लगे। प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि सरकारी राशि की लूट नही हो यह विधायक की जिम्मेवारी है और मंत्री ने जो बात कही है उन्हें उसे वापस लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि जब ट्रांसफर्मर की कीमत सवा लाख से डेढ़ लाख के बीच है तब इसे लगाने का प्राक्कलन साढ़े तीन से चार लाख रूपया क्यों बनाया जा रहा है।
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि विधायक फंड से साढ़े तीन से चार लाख रूपया काटा जाना निश्चित रूप से एक घोटाला है। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि वह इसकी जांच कराना चाहती है या नही. इस पर मंत्री विजेन्द्र यादव ने कहा कि इसमें कोई घोटाला नही है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ही हुयी बैठक में इसका दर निर्धारित किया गया था और मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दी है। उस समय श्री नंद किशोर यादव भी सरकार में थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने नये ट्रांसफर्मर लगाने के लिये सवा तीन अरब रूपया आवंटित कर दिया है 1अब सरकार स्वयं जले हुये ट्रांसफर्मरों को बदलेगी और इसके लिये विधायक फंड की जरूरत नही होगी। भाजपा सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नही हुये और अपनी सीट से हीं शोरगुल करते रहे. इस बीच सभाध्यक्ष ने सरकार को इस मामले को गंभीरता से देखने का निर्देश दिया। भाजपा के सदस्य कुछ देर तक शोरगुल करने के बाद शांत होकर अपनी सीट पर बैठ गये।

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