नाथूराम गोडसे की प्रतिमा संसद में लगाने की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 20 दिसंबर 2014

नाथूराम गोडसे की प्रतिमा संसद में लगाने की मांग

नाथूराम गोडसे के विचारों में आस्था रखने वाला संगठन अखिल भारतीय ¨हदू महासभा गोडसे की प्रतिमा को संसद भवन परिसर में स्थापित करने के प्रयास में जुटा है। इसके लिए महासभा ने राजस्थान के किशनगढ़ से उनकी संगमरमर से निर्मित प्रतिमा मंगवाई है। फिलहाल, यह प्रतिमा मंदिर मार्ग स्थित महासभा के केंद्रीय कार्यालय में रखी हुई है।

महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रप्रकाश कौशिक का कहना है कि अब तक देश पर शासन करने वाली सरकारों ने गोडसे की छवि को महात्मा गांधी के हत्यारे के तौर पर ही पेश किया है, जबकि गोडसे अनन्य देशभक्त थे। देश में आज भी ऐसे युवाओं की कमी नहीं है, जो गोडसे को सच्चा देशभक्त मानते हैं। युवा उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लें, इसी मकसद से महासभा गोडसे की प्रतिमा को देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित करना चाहती है।

उन्होंने बताया कि इस कार्य की शुरुआत हम संसद परिसर से करना चाहते हैं। सरकार से अनुमति मिलते ही उनकी प्रतिमा को संसद परिसर में स्थापित कर दिया जाएगा। कौशिक बताते हैं कि यदि सरकार संसद परिसर में इस प्रतिमा को स्थापित करने की मंजूरी नहीं देती है तो मंदिर मार्ग स्थित महासभा के केंद्रीय कार्यालय परिसर में ही इसे स्थापित किया जाएगा। इसके बाद देश के विभिन्न भागों में स्थित महासभा के क्षेत्रीय कार्यालयों में भी गोडसे की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

संसद में भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा गोडसे को पहले देशभक्त करार देने और बाद में बयान वापस लेने की घटना पर नाराजगी जताते हुए कौशिक बताते हैं कि राजनीतिक लाभ-हानि के कारण ऐसा किया गया। देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो गोडसे के प्रति पूरा सम्मान रखते हैं, लेकिन वे खुलकर कहने से डरते हैं। गोडसे की प्रतिमा को स्थापित करने का उद्देश्य यही है कि लोग इस सम्मान को खुलकर व्यक्त करें।नाथूराम गोडसे के विचारों में आस्था रखने वाला संगठन अखिल भारतीय ¨हदू महासभा गोडसे की प्रतिमा को संसद भवन परिसर में स्थापित करने के प्रयास में जुटा है। इसके लिए महासभा ने राजस्थान के किशनगढ़ से उनकी संगमरमर से निर्मित प्रतिमा मंगवाई है। फिलहाल, यह प्रतिमा मंदिर मार्ग स्थित महासभा के केंद्रीय कार्यालय में रखी हुई है।

महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रप्रकाश कौशिक का कहना है कि अब तक देश पर शासन करने वाली सरकारों ने गोडसे की छवि को महात्मा गांधी के हत्यारे के तौर पर ही पेश किया है, जबकि गोडसे अनन्य देशभक्त थे। देश में आज भी ऐसे युवाओं की कमी नहीं है, जो गोडसे को सच्चा देशभक्त मानते हैं। युवा उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लें, इसी मकसद से महासभा गोडसे की प्रतिमा को देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित करना चाहती है।

उन्होंने बताया कि इस कार्य की शुरुआत हम संसद परिसर से करना चाहते हैं। सरकार से अनुमति मिलते ही उनकी प्रतिमा को संसद परिसर में स्थापित कर दिया जाएगा। कौशिक बताते हैं कि यदि सरकार संसद परिसर में इस प्रतिमा को स्थापित करने की मंजूरी नहीं देती है तो मंदिर मार्ग स्थित महासभा के केंद्रीय कार्यालय परिसर में ही इसे स्थापित किया जाएगा। इसके बाद देश के विभिन्न भागों में स्थित महासभा के क्षेत्रीय कार्यालयों में भी गोडसे की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

संसद में भाजपा सांसद साक्षी महाराज द्वारा गोडसे को पहले देशभक्त करार देने और बाद में बयान वापस लेने की घटना पर नाराजगी जताते हुए कौशिक बताते हैं कि राजनीतिक लाभ-हानि के कारण ऐसा किया गया। देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो गोडसे के प्रति पूरा सम्मान रखते हैं, लेकिन वे खुलकर कहने से डरते हैं। गोडसे की प्रतिमा को स्थापित करने का उद्देश्य यही है कि लोग इस सम्मान को खुलकर व्यक्त करें।

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