सीरिया और इराक में तबाही मचाने वाले कुख्यात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट. आईएस. की बेरहमी का आलम यह है कि उसने अपने संगठन के जुडे 100 से अधिक विदेशी आतंकवादियों को सीरिया के राका शहर में मौत के घाट उतार दिया. मीडिया के अनुसार आईएस के राका स्थित मुख्यालय से भागने की कोशिश करने वाले 100 से अधिक विदेशी आतंकवादी उसी संगठन के हाथों मारे गये. जिसके साथ जुडकर लडने का सपना संजोये . वे अपने अपने देशों से आये थे। कई बार जेहादी आईएस में शामिल होने के बाद उसके काम काज के तरीके से संतुष्ट नहीं होते और वे संगठन को छोडने का मन बना लेते हैं।उनकी घरवापसी लेकिन इतनी आसान नहीं होती है। सूत्रों के मुताबिक आईएस ने मिलिट्री पुलिस का गठन किया है जिसका काम यह देखना है कि कौन सा विदेशी आतंकवादी अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचा है। उनकी तलाश के लिए कई घरों पर छापा मारा जाता है और उसके बाद पकडे गये जेहादियों को गिरफतार कर लिया जाता है।
ब्रिटिश अखबारों में गत अक्टूबर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के पांच.फ्रांस के तीन.र्जमनी के दो और बेल्जियम के दो नागरिक सीरिया में आईएस के साथ लडने गये थे लेकिन वे सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार के खिलाफ लडना चाहते थे लेकिन आईएस में शामिल होने के बाद उन्हें यह मौका नहीं मिल पाया और वे व्िद्रोही लडाकों से ही लडते रहे। इसके बाद जब वे आईएस को छोडना चाहने लगे तो उन्हें बंदी बना लिया गया। लंदन स्थित किंग्स कॉलेज के शोधर्कताों के मुताबिक फिलहाल आईएस के साथ जुडे ब्रिटेन के 40 से 50 नागरिक वापस स्वदेश लौटना चाहते हैं लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिल पा रहा है।

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