पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शारदा चिटफंड घोटाला मामले में परिवहन मंत्री मदन मित्रा की कल हुयी गिरफतारी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए केन्द्र के खिलाफ आज खुलकर विरोध प्रर्दशन शुरू कर दिया। सुश्री बनर्जी ने विरोध प्रर्दशन के दौरान कहा मैं नहीं मानती कि मदन चोर हैं और उसने अपने परिवार के पालन.पोषण के लिए शारदा समूह से पैसा लिया। ये झूठ है और यह सब अफवाहें उनकी तथा पार्टी की छबि खराब करने के लिए फैलायी जा रही है।.. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई का यह कदम राजनीति से प्रेरित तथा सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर उठाया गया है।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि चूंकि तृणमूल कांग्रेस केन्द्र की सत्तारूढ भाजपा की धुरविरोधी पार्टी है इसलिए उनकी पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा ..कालीदास ने उसी पेड की टहनी काटी थी जिस पर वह बैठे थे। दिल्ली की सत्ता में बैठे लोग भी वहीं कर रहे हैं। सरकारें आती जाती रहेंगी लेकिन लोकतंत्र सदा के लिए रहेगा। दिल्ली की सरकार को यह याद रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा आप लोगों को सिर्फ इसलिए गिरफतार नहीं कर सकते कि आपके पास धनबल है।हमने शारदा घोटाले का अधिकतर पैसा लौटा दिया है।भाजपा बदले की राजनीति कर रही है। मेरी पार्टी इस राजनीति के खिलाफ सोमवार से विरोध शुरू करेगी। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिये बगैर कहा भाजपा के एक नेता कोलकाता आते हैं और चेतावनी देते हैं कि वह 2014 में मदन मित्रा 2015 में मुकुल रॉय और ममता बनर्जी को 2016 में गिरफतार कर लेंगे। कांग्रेस अपनी भूलों के कारण खत्म हो चुकी है माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी.माकपा. को अपने घमंड के कारण सत्ता गंवानी पडी है और अब भाजपा की भी यही नियति है।
सुश्री बनर्जी ने तृणमूल के निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष पर टिप्पणी करते हुए कहा जो व्यक्ति जेल में बंद है. अब वह हम पर उंगली उठा रहा है। चिटफंड घोटाला मामले में पांच घंटे तक चली पूछताछ के बाद सीबीआई ने कल श्री मित्रा को गिरफतार किया था। सुश्री बनर्जी ने कल ही भाजपा को खुली चुनौती देते हुए कहा था कि अगर उसमें हिम्मत है तो वह उन्हें गिरफतार करके दिखाये। उन्होंने भाजपा के खिलाफ खुली लडाई शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह अब राजनीतिक तरीके से उसकी षडयंत्रकारी नीतियों का विरोध करेंगी। गौरतलब है कि श्री मित्रा के पहले तृणमूल के सांसद कुणाल घोष और संजय बोस भी इस मामले में गिरफतार हो चुके हैं।

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