नरकटियागंज (बिहार) की खबर (27 दिसंबर) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 27 दिसंबर 2014

नरकटियागंज (बिहार) की खबर (27 दिसंबर)

शिक्षकों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता और शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर

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नरकटियागंज(पच) पहले विद्यालय मंदिर, शिष्य पुजारी और गुरु देवता हुआ करते थे। कालान्तर विद्यालय स्कूल बन गया तो वही शिष्य छात्र व गुरु  शिक्षक में तब्दिल हो गये और शिक्षा के मायने बदल गये। इनदिनों स्कूल को मंदिर तो माना जाता है लेकिन शिक्षक पुजारी व छात्र देवता बन गये हैं। शिक्षको को चपरासी भी नहीं माना जाता, वे मानदेय भोगी मजदूर की माफिक है। जिन्हे जब चाहे सरकार ठिकेदार बना देती है। जैसे 22 दिसम्बर 2014 से 5 जनवरी 2015 तक सभी विद्यालय के शिक्षकों को सरकार पोशाक, छात्रवृति और साइकिल राशि का वितरण करने का ठेका दे रखी है। उपर्युक्त बाते नरकटियागंज के रामजानकी मंदिर परिसर में टीईटी-एसटीईटी शिक्षक संगठन की बैठक में संगठन के प्रदेश अघ्यक्ष राजेश कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि पश्चिम चम्पारण में जुलाई 2014 से नियुक्त शिक्षकों को विगत छव माह से उनके मानदेय का भुगतान नही मिल सका हैं। जिसके कारण उनके ईद, दशहरा, दीपावली, छठ व क्रिसमस जैसे त्योहार कैसे मने होंगे इसका अंदाजा भी सरकार को नहीं हैं। संगठन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह बताया गया है कि सरकार के साथ शिक्षा विभाग भी इतना लापरवाह व संवेदनहीन हो गया है कि नवनियुक्त शिक्षकों के परिवार के लोगों की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा नही लगा सका हैं। टीईटी-एसटीईटी शिक्षक संगठन की एक बैठक राजेश कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग की लापरवाही और सरकार की उदासीनता के कारण नवनियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति के छव माह बाद क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर भी मानदेय का मिलना संदेहास्पद है। इससे यह साबित होता है कि सरकार व अधिकारी संवेदनहीन हो गये है। नवनियुक्त शिक्षकों ने छठ, दीपावली, दशहरा, ईद जैसे त्योहार कैसे मनाया इसका अंदाजा भी सरकार व अधिकारियों को नहीं है। बावजूद इसके नवनियुक्त शिक्षक मानदेय की प्रत्याशा में नियमित विद्य़ालय जाते है और बच्चों को शिक्षा देने का काम अनवरत जा रखे हुए है। संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष ने सभी शिक्षकों को एकजुट होकर सरकार के विरूद्ध अपनी मांगों के समर्थन में आन्दोलन करने का आह्वान किया। बैठक में आनन्द कुमार, अर्जुन प्रसाद, अर्जुन कुमार, सुदीप पाण्डेय, विकास कुमार, प्रकाश कुमार, रणविजय कुमार, विश्वनाथ कुमार, अवधेश कुमार, मृत्युन्जय तिवारी, ओमप्रकाश वर्णवाल, गिरीशचन्द्र कुमार, अमीत यादव ओर महम्मद औरंगजेब समेत अन्य शामिल हुए।

प्रधान सचिव स्वास्थ विभाग के आदेश व टिप्पणियों की छाया प्रति की मांग 

नरकटियागंज(पच) पश्चिम चम्पारण जिला के निवासी व बिहार राज्य अराजपत्रीत कर्मचारी महासंघ के कल्याण परिषद प्रांतीय संयुक्त सचिव दिलीप कुमार ने लोक सुचना पदाधिकारी सह अवर सचिव स्वास्थ्य विभाग बिहार पटना से स्वास्थ्य विभाग के पत्रांक 221(9) दिनांक 18 फरवरी 2013 के आलोक में निर्गत पत्रांक 89/गोपनीय दिनांक 25 मार्च 2013 एवं पत्रांक 383/दिनांक 28 मार्च 2013 के संदर्भ में स्वास्थ विभाग के प्रशाखा 9 के राजपत्रीत पदाधिकारियों एवं प्रधान सचिव के द्वारा उपर्युक्त तिथियों के बीच निर्गत व पारित आदेशों की तिथिवार टिप्पणीयों की छाया प्रति उपलब्ध कराने की मांग सूचना के अधिकार अधिनियम द्वारा की हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि ओमेगा बायोटेक लिमिटेड द्वारा सीफाक्लर कैपसूल 500 एमजी और 250 एमजी दवा क्रय करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति पश्चिम चम्पारण की संचिका डीएचएस/11/2011-2012 के मामले में तत्कालीन सिविल सर्जन डाॅ कुमकुम सिंह और डाॅ गोपाल कृष्ण की कोई टिप्पणी है और उन्हे इसकी जानकारी नहीं थी जैसा कि सिविल सर्जन गोपाल कृष्ण ने डीएम को अपने पत्र में लिखा है। अर्थात सिविल सर्जन कार्यालय का सभी काम वैध अथवा अवैध दवा क्रय लिपिक और जिला कार्यक्रम प्रबंधक ही सिविल सर्जन कार्यालय के सभी क्रय व आपूर्ति कार्य को देखते हैं। देखा जाए तो यह छोटा सा दिखने वाला मामला काफी पेचीदा है और लाखो ही नहीं वरन् करोड़ों की वित्तीय अनियमितता का खुलासा हो सकता हैं।

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