भारत में मिले बेपनाह प्यार से अभिभूत स्विस टेनिस स्टार रोजर फेडरर ने कहा कि वह भविष्य में इस खूबसूरत देश के लंबे दौरे पर आएंगे। इंडियन प्रीमियर टेनिस लीग के आखिरी दिन साफ जाहिर था कि भारतीय टेनिस प्रेमी किस कदर फेडरर के दीवाने हैं जब उन्होंने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को एक सेट के मुकाबले में हराया। उन्होंने दिल्ली प्रवास के दो दिन कोर्ट पर और होटल में ही बिताए, लेकिन अपने स्वागत से वह अभिभूत हो गए। उन्होंने भारत से रवानगी से कुछ घंटे पहले आज तड़के ट्विटर पर लिखा, जो शानदार पल मैंने यहां बिताए, वे हमेशा मेरी यादों में रहेंगे। शुक्रिया नई दिल्ली। दर्शकों का जबर्दस्त सहयोग मिला। मैं हमेशा आभारी रहूंगा। इससे पहले उन्होंने भारत में अपने अनुभव के बारे में कहा, फोटोशाप का अनुभव जबर्दस्त रहा। टाइमलाइन पर इसे पढ़कर अच्छा लगा। मुझे भारत में काफी मजा आया। मैं इस तरह के दौरे ज्यादा नहीं करता, लेकिन एक दिन लंबे दौरे पर भारत आऊंगा। उम्मीद है कि कुछ स्थानीय लोगों का मुझे साथ मिलेगा। मुझे भारत में बहुत कुछ देखना है और मैं अपने परिवार के साथ आऊंगा। मैं इस खूबसूरत देश में घूमना चाहता हूं।
यह पूछने पर कि क्या उन्हें अहसास था कि भारत में उन्हें इस तरह का समर्थन मिलेगा, फेडरर ने कहा, बिल्कुल। मैं इंडियन एसेस टीम में हूं। उन्होंने कहा, मेरे प्रशंसक हमेशा मेरा साथ देते हैं। उन्हें पता है कि मैं उनके समर्थन को कितना महत्व देता हूं। मैं हर बार इसके बारे में नहीं बोलता, लेकिन उन्हें पता है। यदि उन्हें लगता है कि मैं इसकी दाद नहीं देता या उनके बैनर, झंडे, टीशर्ट नहीं देखता तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं देखता हूं और मुझे बहुत अच्छा लगता है। यही वजह है कि मैं यहां आया और मुझे बहुत अच्छा लगा।
सत्रह बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन फेडरर ने कहा, उम्मीद है कि इनमें से कुछ को टूर पर मिलूंगा और जो वहां नहीं आएंगे, उन्हें यहां या भारत के किसी और शहर में मिलूंगा। जोकोविच के खिलाफ मैच के बारे में उन्होंने कहा, यह शानदार मैच था। हम दोनों ने बेहतरीन खेल दिखाया। पहले दो गेम में उसे परेशानी हुई, लेकिन बाद में उसने बेहतरीन खेला। दर्शकों में जबर्दस्त उत्साह था। भारत दौरे के लिए दी गई रकम के बारे में पूछने पर फेडरर ने कहा, अगला सवाल। पैसे के बारे में बात न करें। यह बोरिंग होता है। उन्होंने भारत में फिर खेलने की इच्छा जताई लेकिन कहा कि वह आईपीटीएल के भविष्य के बारे में कयास नहीं लगा सकते। उन्होंने कहा, मैं भविष्य के बारे में नहीं बता सकता। यह आंकड़ाविदों का काम है। मैं यहां सिर्फ दो दिन के लिए आया था। देखते हैं कि फिर आता हूं या नहीं। 12 महीने काफी लंबा समय है। मेरे चार बच्चे हैं और मैं 33 साल का हो गया हूं। इस सत्र में 85 मैच खेल चुका हूं। अभी कुछ कह नहीं सकता।
फेडरर ने कहा, मुझे अगले साल चोटों से बचना है। मैं यहां फिर खेलने पर विचार करूंगा, लेकिन इसके लिए परिवार और आयोजकों से बात करनी होगी। अभी हां या ना कहना मुश्किल है। विम्बलडन 2012 के बाद से एक भी ग्रैंडस्लैम नहीं जीत सके फेडरर की नजरें 18वें ग्रैंडस्लैम खिताब पर है। उन्होंने कहा, मैं विम्बलडन फिर जीतना चाहता हूं। वहीं से शुरुआत हुई थी जहां मैं स्टीफन एडबर्ग और बोरिस बेकर को खेलते देखता था। उन्हें देखकर ही मुझे टेनिस खेलने की प्रेरणा मिली। वह सत्र की शुरुआत ब्रिसबेन से करेंगे, जिसके बाद अगले महीने ऑस्ट्रेलियाई ओपन खेलना है।

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