अमेरिका की सेनेट इंटेलिजेंस कमिटी की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के बाद पकड़े गए आतंकियों को भयंकर यातनाएं दी हैं। रिपोर्ट के अनुसार संदिग्ध आतंकियों को जंजीरों में बांधकर नंगा रखा जाता है। उन्हें पूछताछ के दौरान ताबूतों में बंद कर दिया जाता। उन्हें 180 घंटे तक सोने तक नहीं दिया जाता, आतंकियों के सिर पर तौलिया डालकर उनकी बुरी तरह पिटाई की जाती, दवाएं देकर डुबोया जाता, मारपीट की जाती, जान से मारने की धमकी जाती और यौन शोषण जैसे तरीके काम में लिए जाते।
आतंकी जानकारियों उगलवाने के लिए सीआईए एजेंट संदिग्धों के शरीर में गुदा द्वार से पानी और खाना डालते थे। कई आतंकियों को लगातार पानी में डुबोकर रखा जाता। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने 2002 में इस तरह की यातनाओं को मंजूरी दी थी, लेकिन इसकी असल तस्वीर उन्हें 2006 में दिखाई गई। रिपोर्ट का दावा है कि इस तरह के बर्बर उपाय अपनाने के बावजूद सीआईए को आतंकवाद रोकने में नाकामी मिली। रिपोर्ट के अनुसार इससे न तो आतंकी गतिविधियां रुकीं और न ही ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को पकड़ने में मदद मिली।

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