- कैलाश सत्यार्थी और मलाला ने दिया भारत.पाकिस्तान को मित्रता का पैगाम
बचपन बचाओ आंदोलन के प्रणेता कैलाश सत्यार्थी तथा बालिका शिक्षा की पक्षधर पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को आज यहां संयुक्त रूप से शांति का नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया। श्री सत्यार्थी ने यहां आयोजित कार्यक्रम में अपने भाषण की शुरूआत .नमस्ते. के साथ की। उन्होंने अपना पुरस्कार विश्वभर के उन लाखों बच्चों को र्समपित किया जो या तो बंधुआ मजदूर हैं अथवा जबरदस्ती देह व्यापार में धकेले गये हैं अथवा शिक्षा से वंचित हैं। श्री सत्यार्थी ने कहा.. यह पुरस्कार उन बच्चों के लिए है जिन्हें शिक्षा नहीं दी गई। यदि एक भी बच्चा देह व्यापार में है या बंधुआ मजदूर बनता है तो पूरा विश्व खतरे में है।
नोबेल पुरस्कार विजेता और बचपन बचाओ आंदोलन के प्रणेता कैलाश सत्यार्थी तथा बालिका शिक्षा की पक्षधर पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई ने आज यहां नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाने की पूर्व संध्या पर भारत. पाकिस्तान को शांति एवं मित्रता का पैगाम दिया। पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर दोनों ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
श्री सत्यार्थी ने अपने भाषण की शुरूआत .नमस्ते. के साथ की। उन्होंने अपना पुरस्कार विश्वभर के उन लाखों बच्चों को र्समपित किया जो या तो बंधुआ मजदूर हैं अथवा जबरदस्ती देह व्यापार में धकेले गये हैं या शिक्षा से वंचित हैं। श्री सत्यार्थी ने कहा.. यह पुरस्कार उन बच्चों के लिए है जिन्हें शिक्षा नहीं मिल सकी। यदि एक भी बच्चा देह व्यापार में है या बंधुआ मजदूर बनता है तो पूरा विश्व खतरे में है। उन्होंने दोनों देशों को मित्रता का पैगाम देते हुये कहा कि वह पिछले कई सालों से पाकिस्तान जा रहे हैं और वहां के लोग बहुत प्यार से उनसे मिले।

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