विश्व मानव अधिकार दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, थानावार वृद्वजनों की जानकारी संकलित की जाएगी
अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस 10 दिसम्बर को जिला मुख्यालय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय विदिशा के सभागृह में वृद्वजनों के अधिकार विषय पर आगंतुक अतिथियों द्वारा विचार प्रकट किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत के सीईओ श्री चन्द्रमोहन मिश्रा ने कहा कि वृद्वजनों के संरक्षण की जबावदेही समाज के हर वर्ग की है। वृद्वजन शारीरिक रूप से कमजोर होने पर ही सहायता भरी निगाहों से समाज की ओर टकटकी लगाते है ऐसे समय समाज का कोई भी वर्ग उनकी मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए। हम सबकों इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वृद्वजनों के भीतर की ताकत कम हो सकती है परन्तु उनके पास अनुभव का जो भण्डार है वह उनकी ताकत को और बढ़ाता है। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने कहा कि संगोष्ठी का विषय ‘‘वृद्वजनों के अधिकार’’ पुर्नविचार की याद दिलाता है। भारतीय समाज में वृद्वजनों का स्थान सर्वोच्च है। सामाजिक संस्कार हम इस बात की प्रेरणा देते है कि वृद्वजन अति सम्माननीय है। भौतिकता के युग में वृद्वजनों को अनेक समास्याओं से जुझना पड़ रहा है। यही कारण है कि उनके संरक्षण हेतु कानूनन प्रावधान किए गए है। पुलिस अधीक्षक श्री चैधरी ने कहा कि विदिशा जिले में थानावार वृद्वजनों की जानकारी संकलित की जाएगी ताकि उनसे समय-समय पर संवाद स्थापित कर उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा से अवगत हो सकें। यह कार्य सामाजिक सहयोग से ही संभव है। कार्यक्रम को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राय सिंह नरवरिया ने भी सम्बोधित किया। इससे पहले वरिष्ठ समाजसेवी श्री मोहन बाबू अग्रवाल ने वृद्वों की महत्वता एवं लालसा को रेखांकित किया। कार्यक्रम स्थल पर शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती चारू सक्सेना, आयोग मित्र श्री अतुल शाह, श्रीमती विद्या यादव के अलावा रोटरी क्लब के पदाधिकारी श्री चन्द्रमोहन अग्रवाल समेत अन्य समाजसेवी एवं शैक्षणिक संस्था के अध्यापकगण और बच्चे मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा प्रकाशित ‘‘वृद्वजनों के अधिकार’’ पुस्तिका का भी वितरण किया गया।
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