अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पार्टी के बिहार मामलों के प्रभारी सी0पी0 जोशी ने आज कहा कि इस वर्ष प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी मई में अपनी रणनीति की घोषणा करेगी श्री जोशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले चार दिनों से लगातार चिंतन शिविर में पार्टी के संविधान में प्रस्तावित संशोधन के अलावा पार्टी को मजबूत करने के लिए किये जाने वाले उपायों पर गहन विचार विर्मश किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करना पहली प्राथमिकता है और इसके बाद विधानसभा चुनाव के संबंध में रणनीति तय की जायेगी. कांग्रेस महासचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी अगला विधानसभा चुनाव अपने बूते लड़ेगी या फिर किसी अन्य दलों से गठबंधन होगा. इस पर फैसला मई में ही होगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले पार्टी पूरे प्रदेश में तीन माह फरवरी.मार्च और अप्रैल में केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करेगी. इसके बाद ही विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनायी जायेगी.
श्री जोशी ने कहा कि चिंतन शिविर में पार्टी के नेताों से गहन विचार विर्मश किया गया और संगठन को मजबूत बनाये जाने के लिए उनसे सुझाव मांगे गये।सभी सुझाव को संकलित कर पार्टी आलाकमान को र्समपित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अप्रैल में होने वाली बैठक में पार्टी सभी राज्यों से प्राप्त सुझाव पर गौर करेगी और संगठन को मजबूत करने के लिए ठोस फैसला लेगी. कांग्रेस महासचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वैसे भी देश में राजनीतिक परिवर्तन की शुरूआत हमेशा बिहार से हीं हुई है । उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल:राजद: के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार का नाम लिये बगैर कहा कि बिहार ही वह प्रदेश है जहां श्री लालकृष्ण आडवाणी के रथ को रोका गया था। इसी तरह जब श्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया तब बिहार ने एक मजबूत निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने की जिम्मेवारी से अवगत है।
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