उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन.नाटो. का मानना है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट.आईएस. के आतंकवादियों के खात्मे के लिये हवाई हमले ही पर्याप्त नहीं है बल्कि इनके खिलाफ संघर्ष में इराक के सुरक्षा बलों को सुदृढ करने में पश्चिमी देश भी अपनी भूमिका निर्वहन कर सकते हैं। नाटो महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने यहां एक प्रेस कांप्रेंस में कहा कि आईएस के खिलाफ हवाई हमला ही एकमात्र कार्रवाई नहीं है और इसके लिये पश्चिमी देशों को भी आगे आना होगा।उन्होंने कहा... मैं नाटो की सहभागिता का स्वागत करता हूं और समझता हूं कि यह काफी महत्वपूर्ण है।मैं नहीं मानता कि इस समस्या को हवाई हमलों के जरिये ही समाप्त किया जा सकता है। श्री स्टोलटेनबर्ग ने कहा...इराकी सुरक्षा बलों को सुदृढ करने के लिये वहां की सरकार को मदद दिये जाने की दरकार है।हम इस संबंध में विचारविर्मश की प्रक्रिया में हैं तथा इराकी सरकार से बातचीत कर रहे हैं।
श्री स्टोलेनबर्ग ने कहा कि कुछ पश्चिमी देशों को अपने सैनिक इराक भेजने की सलाह दी गई है और उन्होंने अपने सैनिक भेजे भी हैं लेकिन वे आईएस के खिलाफ कार्रवाई के लिये सैनिक टुकडियां वहां भेजे जाने के प्रति विमुख भी हैं। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की अगुवाई वाले गठबंधन बलों ने सीरिया और इराक के काफी बडे हिस्सों पर कब्जा कर लेने वाले आईएस आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमलों को अंजाम देना शुरू किया है। इस मुहिम में नाटो एक संगठन के रूप में शामिल नहीं है लेकिन इस गठबंधन में व्यक्तिगत सहयोगी के तौर पर सहभागी है। पिछले महीने इराक सरकार ने अपने सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण देने के उद्देश्य को लेकर नाटो से अपील भी की थी।
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