सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी (आप) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुए बवाल पर कहा है कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और इस पचड़े में मैं क्यों पडूं। आप की यहां हुई राष्ट्रीय परिषद की हंगामेदार बैठक में पार्टी संस्थापक सदस्यों- योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ ही प्रोफेसर आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया। इसे लेकर दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाये। श्री यादव और श्री भूषण ने कहा कि बैठक में उनके समर्थकों के साथ मारपीट की गई जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थकों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
आप की बैठक में हुई घटना पर श्री अन्ना हजारे से जब पूछ गया- तो उन्होंने कहा कि यह आप का अंदरूनी मामला है, मुझे इस पचड़े में पड़ने की कोई जरूरत नहीं है। यह मेरी समझ से परे है। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने इस मामले पर कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल के खिलाफ जो भी आवाज उठायेगा उसका यही अंजाम होगा। उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा। कांग्रेस ने भी आप राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घटना को निंदनीय बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यदि ऐसे ही चलता रहा तो सबसे बड़ा नुकसान दिल्ली का होगा। उन्होंने कहा कि आप को पार्टी में अनुशासन बनाकर दिल्ली के लोगों के साथ किए गए वायदों पर काम करना चाहिए और यही हमारी चिंता है। कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आप में जो आज उसके सदस्यों के साथ हो रहा है जनता कल वही उनके साथ करेगी।

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