आम आदमी पार्टी में सुलह की कोशिशें नाकाम होने के बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी नेतृत्व पर निशाने साधे। योगेंद्र यादव ने कहा कि बीते एक महीने में बहुत कुछ टूटा है, विश्वास टूटा है, कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा, देश को 'आप' से बहुत उम्मीदें हैं, सिर्फ आप में ही आंतरिक लोकतंत्र पर चर्चा होती है... पार्टी किसी एक शख्स की नहीं, आंदोलन से खड़ी हुई पार्टी है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि यह आंदोलन को आत्मा की बचाने की लड़ाई है। हमने मर्यादा तोड़े जाने, फंडिंग, शराब बांटने, खरीद-फरोख्त करने की पार्टी की आंतरिक लोकपाल से जांच की मांग की। ये कोई मुद्दा नहीं है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव किसी समिति में रहें या न रहें। योगेंद्र ने कहा कि पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा ये मुद्दा है ही नहीं, हमने कभी भी इस मुद्दे को नहीं उठाया, पार्टी के संविधान के तहत राष्ट्रीय परिषद वह जगह नहीं है, जहां पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के मुद्दे पर फैसला हो। कल की बैठक एक पड़ाव भर है।
प्रशांत भूषण ने कहा कि अरविंद की तरफ से बार-बार जोर दिया जा रहा है कि या तो ये लोग इस्तीफा दे दें या मैं (केजरीवाल) दिल्ली में अपने 67 विधायकों के साथ अलग पार्टी बना लूं। भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल पिछली बार दोबारा सरकार बनाना चाहते थे और वह कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। भूषण ने कहा कि अगर हमारी मांगें मान ली जाए तो हम इस्तीफा देने को तैयार हैं।
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