बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (30 मार्च) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 मार्च 2015

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (30 मार्च)

बैगा आलंपिक मशाल आठ जिलों का भ्रमण कर वापस बैहर पहुंची
  • सभी जिलों में उत्साहपूर्वक किया गया स्वागत

balaghat news
बालाघाट जिले में निवास करने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा की संस्कृति के संरक्षण, जिले में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन देने तथा पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर पैदा करने के मकसद से बालाघाट टूरिज्म प्रमोशन काउंसिल व आदिवासी विकास विभाग द्वारा आगामी 04 एवं 05 अप्रैल 2015 को बैहर में बैगा आलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। बैगा आलंपिक के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं इस आयोजन की सूचना जन-जन तक पहुंचाने के मकसद से आज 27 मार्च 2015 को कलेक्ट्रेट परिसर बालाघाट से कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने आलंपिक मशाल को इस आयोजन में भाग लेने वाले जिलों के भ्रमण के लिए झंडी दिखाकर रवाना किया था। 30 मार्च को बैगा आलंपिक मशाल बिरसा विकासखंड के मानेगांव पहुंची। मानेगांव से यह मशाल नये दल को सौंप दी गई है। यह नया दल मशाल को जिले के बैगा बाहुल्य विकासखंडों के ग्रामों का भ्रमण करायेगा और 04 अप्रैल को प्रात: बैहर पहुंचायेगा। खेल परिसर बैहर के पी.टी.आई. श्री नवजीत सिंह परिहार के नेतृत्व में रेलवाही छात्रावास के अधीक्षक मिर्जा बेग, मानेगांव छात्रावास के अधीक्षक रामेश्वर रिनायत, दमोह छात्रावास के अधीक्षक मूलचंद घोरमारे एवं बिठली छात्रावास के अधीक्षक रमेन्द्र टेकाम का दल यह मशाल बैगा आलंपिक में भाग लेने वाले जिले मंडला, डिंडोरी, शहडोल, उमरिया, अनुपपुर, छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा एवं राजनांदगांव जिलों के भ्रमण पर 27 मार्च को रवाना हुआ था। इन जिलों में बैगा आलंपिक मशाल के पहुंचने पर उत्साह पूर्वक स्वागत किया। शहडोल, उमरिया एवं डिंडोरी जिले के कलेक्टर ने बैगा आलंपिक मशाल को अगले जिले के लिए रवाना किया।  आगामी 04 एवं 05 अप्रैल 2015 को बैहर में बैगा आलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। बैगा आलंपिक में बैगा जनजाति के लोग ही शामिल होंगें और अपने पारंपरिक खेल टिल्ली, गोबरंडा, शिकारीखेल धुनषबाण, रस्सा-कसी, मटका दौड़, बोरा दौड़, बाधा दौड़, त्रिटंगी दौड़, बजनी खेल(कुश्ती), लीपा-पोती, कबड्डी, खो-खो की प्रतियोगितायें होंगी तथा रात्री में बैगा नृत्य एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगें। इस आयोजन में आठ जिलों के 750 बैगा प्रतिभागी भाग लेने बैहर आ रहे है।बैगा आलंपिक में 04 अप्रैल की रात्री में संस्कृति विभाग द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगें। इसमें संस्कृति विभाग के कलाकारों द्वारा गुजरात का गरबा व टिप्पनी नृत्य, राजस्थान का भवई व सपेरा(कालबेलिया) नृत्य तथा म.प्र. का बधाई व नवरात्रा नृत्य प्रस्तुत किया जायेगा। बैहर में गुजरात एवं राजस्थान के इन नृत्यों की प्रस्तुति प्रथम बार होगी। बैगा आलंपिक में बैगा जनजाति के व्यजनों के स्टाल भी लगाये जायेंगें। इन स्टाल का संचालन बैगाओं के द्वारा ही किया जायेगा। इसमें विशेष रूप से कोदो-कुटकी से बने व्यंजन, महुआ व शहद, बैचांदी के चिप्स, मटका पेज आदि का प्रदर्शन किया जायेगा। इसके अलावा वन विभाग, स्वयं सहायता समूह तथा रेशम विभाग द्वारा भी वनोपज एवं प्रकृति से तैयार की गई सामग्री के विक्रय के लिए स्टाल लगाये जायेंगें। बैगा आलंपिक में अधिक से अधिक जनता बैगा संस्कृति को देखने पहुंच सके इसके लिए जिला प्रशासन वारासिवनी एवं बालाघाट से बैहर के लिए 04 एवं 05 अप्रैल को विशेष बसें चलायेगा। इन बसों में बैगा आलंपिक देखने जाने वालों के लिए रियायती दर पर टिकट लिया जायेगा। प्रयास होगा कि अधिक से अधिक जनता बैगा आलंपिक का आनंद उठा सके। बसों की व्यवस्था के लिए जिला परिवहन अधिकारी द्वारा तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से लगे रिसोर्ट एवं पर्यटन व्यवसायियों से भी कहा गया है कि वे बैगा आलंपिक में अधिक से अधिक पर्यटकों को लाने का प्रयास करें। 

04 से 15 अप्रैल 2015 तक होगा कक्षा 1 से 8 का वार्षिक परीक्षा(मूल्यांकन)
राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के निर्देशानुसार जिले की समस्त शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में कक्षा पहली से 8 वीं की वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन कार्य किया जायेगा। इस संबंध में आज 30 मार्च को सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक श्री विनय रहांगडाले की अध्यक्षता में जिला शिक्षा केन्द्र बालाघाट में बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी श्री एस.पी. लाल, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) बालाघाट, उत्कृष्ट विद्यालय बालाघाट के प्राचार्य श्री राजेन्द्र कुमार लटारे उपस्थित थें। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा समस्त विकासखण्ड के विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों को परीक्षा (मूल्यांकन) के संबंध में निर्देश दिये गयें।

अप्रैल माह में 63 नसबंदी शिविरों का आयोजन, प्रत्येक शिविर में 30 आपरेशन का लक्ष्य
परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग द्वारा माह अप्रैल 2015 में जिले के विभिन्न स्थानों पर 63 नसबंदी शिविरों के आयोजन का कार्यक्रम बनाया गया है। इनमें से 45 शिविर महिलाओं के नसबंदी आपरेशन के लिए तथा 18 शिविर पुरूषों के नसबंदी आपरेशन के लिए लगाये जायेंगें। प्रत्येक नसबंदी शिविर में 30 नसबंदी आपरेशन का लक्ष्य रखा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला ने इस संबंध में बताया कि महिलाओं के नसबंदी आपरेशन के लिए 01 अप्रैल को कटंगी, 02 अप्रैल को उकवा, 04 अप्रैल को वारासिवनी व खैरलांजी, 06 अप्रैल को परसवाड़ा, लामता व किरनापुर, 08 अप्रैल को  लांजी, वारासिवनी व कटंगी, 09 अप्रैल को गढ़ी, लालबर्रा व परसवाड़ा, 13 अप्रैल को वारासिवनी, किरनापुर व लांजी तथा 15 अप्रैल को खैरलांजी व लालबर्रा में शिविर लगाया जायेगा। महिलाओं के नसबंदी आपरेशन के लिए 16 अप्रैल कटंगी, लांजी, बैहर व बिरसा, 18 अप्रैल को वारासिवनी व तिरोड़ी, 20 अप्रैल को परसवाड़ा व लामता, 22 अप्रैल को कटंगी व लांजी, 23 अप्रैल को बिरसा व बैहर, 25 अप्रैल को परसवाड़ा, लामता, किरनापुर व भानेगांव, 27 अप्रैल को खैरलांजी व वारासिवनी, 29 अप्रैी को लालबर्रा तथा 30 अप्रैल को परसवाड़ा, लामता, बिरसा व बैहर में शिविर लगाया जायेगा। इसके अलावा जिला चिकित्सालय बालाघाट में प्रत्येक शनिवार अर्थात 04, 11, 18 व 25 अप्रैल को शिविर लगाकर महिलाओं के नसबंदी आपरेशन किये जायेंगें। पुरूषों के नसबंदी आपरेशन के लिए 04 अप्रैल को वारासिवनी, 08 अप्रैल को लांजी व वारासिवनी, 09 अप्रैल को लालबर्रा, 13 अप्रैल को वारासिवनी व लांजी, 16 अप्रैल को लांजी व बिरसा, 18 अप्रैल को वारासिवनी, 22 को लांजी, 23 को बिरसा, 27 को वारासिवनी, 29 को  लालबर्रा तथा 30 अप्रेल को बिरसा में शिविर लगाया जायेगा। इसके अलावा जिला चिकित्सालय बालाघाट में प्रत्येक शनिवार अर्थात 04, 11, 18 व 25 अप्रैल को शिविर लगाकर पुरूषों के नसबंदी आपरेशन किये जायेंगें।  जिले के विभिन्न स्थानों पर लगने वाले इन शिविरों में विशेषज्ञ सर्जन द्वारा नसबंदी के आपरेशन किये जायेंगें। जिले के विवाहित दम्पत्तियों से अपील की गई है कि वे अपना परिवार सीमित रखें और बच्चे दो से अधिक न होने दें। परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में नसबंदी आपरेशन को अपनाने कहा गया है। महिला को नसबंदी आपरेशन के लिए बाध्य करने की बजाय पुरूष को नसबंदी आपरेशन के लिए आगे आना चाहिए।

बड़गांव में किया गया कृषि आदान विक्रेता, कृषक मित्र, कृषक एवं वैज्ञानिक परिचर्चा का आयोजन
राणा हनुमानसिंह कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गॉव, बालाघाट में 24 मार्च को कृषि आदान विक्रेता, कृषक मित्र, कृषक एवं वैज्ञानिक परिचर्चा संम्पन्न हुई, जिसमें करीब 80 कृषकों, कृषि आदान विक्रेता, महिलाओं तथा अधिकारीयों ने भाग लिया। परिचर्चा में भाग लेते हुए परियोजना संचालक आत्मा श्री एस एस मरावी ने कृषकों को समन्वित कृषि पध्दतियों को अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर एल राउत ने कम लागत उत्पादन तकनीकी के विषय में जानकारी दी। कृषि विभाग के सहायक संचालक कृषि एवं मिट्टी परिक्षण अधिकारी श्री पिन्टू जामोद ने फसलों का अधिक उत्पादन लेने संतुलित मात्रा में पौषक तत्वों का महत्व तथा मिट्टी परीक्षण के संबंध में जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक डॉ. सीताराम धुवारे ने जैविक खेती के महत्व एवं विधि के संबंध में जानकारी दी। बी. टी. एम. आत्मा विकासखण्ड किरनापुर कु. प्रतिभा टेम्भरे ने आत्मा द्वारा संचालित योजानाओं के संबंध में जानकारी दी।  परिचर्चा में विकासखण्ड किरनापुर के आत्मा समिति अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र बिसेन, ग्राम बड़गॉव के पूर्व संरपंच श्री सिहोरे, पशुपालन विभाग के श्री अजय पॉचे, उद्यानिकी विभाग के श्री शरणागत, केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. सतेन्द्र कुमार, वरिष्ठ अनुसंधान ध्येता श्री रमेंश अमूले तथा ग्राम नक्शी के प्रगतीशील कृषक श्री लखनलाल पांचे ने परिचर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ धुवारे ने तथा आभार प्रदर्शन ए टी एम कु. सुवर्णा बन्सोड़ ने किया।  

धापेवाड़ा में स्वच्छ भारत अभियान पर ग्रामीणों को दी गई जानकारी

भारत सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, बालाघाट इकाई द्वारा दिनाँक 27 मार्च 2015 को शासकीय जटाशंकर त्रिवेदी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बालाघाट की बालक इकाई द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर ग्राम धापेवाड़ा में स्वच्छ भारत अभियान एवं इसके महत्व के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी गई । राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर ग्राम धापेवाड़ा में क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय द्वारा स्वच्छ भारत अभियान पर सरपंच श्रीमती कुम्हारीन बाई नगपुरे, पूर्व सरंपच एवं पंच श्री शांतिलाल नगपुरे, धापेवाड़ा के वरिष्ठ नागरिक श्रीराम डोहरे, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रमोद मेश्राम, महाविद्यालय के डॉ. राकेश वैद्य, मुकुल विश्वकर्मा, पंच श्रीमती उर्मिला बाई, श्री भरत लाल सोलाखे की उपस्थिति में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमे क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय की बालाघाट इकाई प्रभारी श्री बी.एस. ध्रुव ने स्वच्छ भारत अभियान पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की और ग्रामीणों से कहा कि अपने घरों के आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी न होने दे, श्रमदान के माध्यम से सफाई अभियान चलाकर ग्राम को स्वच्छ बनाये । कार्यक्रम में ग्राम के पंच श्री शांति लाल नगपुरे ने ग्रामीणों को सम्बोधित कर गुटखा, तम्बाकू, मदिरापान आदि के दुष्प्रभाव पर जानकारी दी एवं इनसे दूर रहने की अपील की। कार्यक्रम में ग्राम के वरिष्ठ नागरिक श्रीराम डोहरे ने बताया कि जैविक खाद के उपयोग से खेतों में पोषक क्षमता बनी रहती है एवं उपज भी अधिक होती है, जबकि रासायानिक खाद से जमीन को नुकसान होता है एवं होनी वाली उपज पौष्टिकता पूर्ण नही होता है। कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों से अपील की गई कि जैविक खाद का उपयोग करे । कार्यक्रम को श्री रोकष वैद्य ने भी सम्बोधित कर स्वच्छ भारत अभियान पर जानकारी दी । कार्यक्रम के अन्त में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रमोद मेश्राम ने सभी का आभार प्रदर्शन किया । कार्यक्रम में मंच संचालन शिविर नायक आशीष चौहान द्वारा किया गया । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण जन एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उपस्थित थे।

राष्ट्रीय सेवा योजना का कोस्ते में लगा शिविर
  • कृषि छात्र बता रहे ग्रामीणों को बोरी बंधान कर जल संरक्षण का महत्व

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कृषि महाविद्यालय वारासिवनी इकाई के तत्वावधान में 25 मार्च से राष्ट्रीय सेवा योजना का शिविर ग्राम कोस्ते (किरनापुर) में आयोजित किया गया है। शिविर में जल संरक्षण पर प्रशिक्षण आयोजित कर कृषि छात्रों, ग्रामीणों, सरपंच मंगल खरे, उपसंरपंच प्रेमलाल गुर्जर व कार्यक्रम अधिकारी डॉ.उत्तम बिसेन, डॉ. शरद बिसेन, डॉ. रमेश अमूले ने शारीरिक श्रम दान से देव नदी में पानी रोकने के उद्देश्य से 28 मार्च को बोरी-बंधान का कार्य किया गया। बालाघाट जिले की नदियों में देव नदी का प्रमुख स्थान जिसके कछार में गर्मी के दिनों में ग्राम कोस्ते, परसवाड़ा, देवगॉव, मौदा के सब्जी उत्पादक किसान प्रचुर मात्रा में सब्जियों का उत्पादन करते है। इस वर्ष बारिश के दिनों में वर्षा कम होने के कारण जल का स्तर तेजी से कम हो रहा है। इस कम जल स्तर को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के कृषि छात्र व ग्रामीणों द्वारा कोस्ते के पाट में बोरी बंधान का कार्य किया गया। जिससे पानी का बहाव रोककर नदी के जलस्तर को बढ़ाया जा सकेगा। इससे क्षेत्र कुएं एवं तालाब का जल स्तर बढ़ जाएगा और ग्रामीणों को गर्मी में जल की कमी नहीं होगी। कृषि महाविद्यालय वारासिवनी के अधिष्ठाता डॉ. डी. एस. गौतम, राष्ट्रीय सेवा योजना बालाघाट के समन्वयक डॉ. वाय. बी. कस्बे, कृषि विज्ञान केन्द्र बड़गॉव के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आर. एल. राउत, डॉ. एस. आर. धुवारे, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. उत्तम बिसेन के मार्गदर्शन में आयोजित इस सात दिवसीय शिविर में कृषि छात्रों व गॉव के ग्रामीणों को जन स्वच्छता व स्वास्थ स्वच्छता के विषय में जानकारी देकर जागरूक बनाया जा रहा है।

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