गुरूद्वारा कमेटी द्वारा दिल्ली फतेह दिवस को राष्ट्रीय त्यौहार घोषित करने की मांग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 21 मार्च 2015

गुरूद्वारा कमेटी द्वारा दिल्ली फतेह दिवस को राष्ट्रीय त्यौहार घोषित करने की मांग

gurudwara committi
नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय ) दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने लालकिले पर सिंघो द्वारा 1783 मे की गई फतेह को राष्ट्रीय दिवस के रूप में ऐलानने की मांग करते हुए इस दिन को हर वर्ष मनाने का भी दावा किया है। भारत की आज़ादी 1947 में मिलने की राह में दिल्ली फतेह के दौरान संघो द्वारा मुगल राज की जड़ों उखेड़ने के कारण दिल्ली फतेह दिवस की देश के लिए बड़ी अहमियत होने की भी बात कही गई है। दिल्ली कमेटी द्वारा 21 एवं 22 मार्च को लालकिला मैदान में लगातार दूसरे वर्ष मनाए जा रहे कार्यक्रमों की तैयारीयों का जायज़ा लेने के अवसर पर कमेटी प्रबंधको द्वारा इन बातो का ऐलान किया गया। 

कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने कहा कि हम भारत सरकार से मांग करते है कि इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने के लिए सरकार ज़रूरी कदम उठाए। जी.के. ने कहा कि 21 मार्च को कीर्तन दरबार के दौरान होने वाले गुरमति समागम में लगभग 1 लाख से ज्यादा संगत आने की संभावना है एवं दुसरे दिन सिखों की आन-बान एंव शान के प्रतीकों को संगतों के सामने 22 मार्च को लाया जाएगा। जिसमें जरनैली मार्च यमुना विहार सेे चल कर खालसाई जाहोजलाल से लालकिला मैदान मंे पहुंचेगा। जिसका नेतृत्व सिंह साहिबानो एवं निहंग सिंह जत्थेबंदीयों के मुखींयों द्वारा किया जाएगा। इस मार्च मंे पुलिस एवं सैना के बैंडो के साथ ही गतका अखाडो भी शस्त्र कला की ताकत दिखांएगे।

जी.के. ने कहा कि दिल्ली समूह सिंह सभाओं, सेवक जत्थों एवं संगतों मंें इन कार्यक्रमों के कारण बहुत उत्साह है एवं दिल्ली की संगत इस संबध में हो रही बैठकों के दौरान जो भी सुझाव दे रही है उनको लागू करने के लिए कमेटी द्वारा पूरी पहलकदमी की जा रही है। कमेटी के महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली कमेटी ने पिछले वर्ष दिल्ली फतेह दिवस एक लंबे अंतराल के बाद मनाकर सिखो के सामने मुगल राज के खिलाफ खालसे की जीत के तथ्यों को सामने रखा था, इस कारण राष्ट्रीय दिवस के रूप में इस दिन को मनाने के लिए भारत सरकार को आगे आना चाहिए। सिरसा ने लालकिले में शाम को रोज़ाना होते लाईट एंड सांउड शो के कथानक में सिख इतिहास को भी साथ जोड़ने की सलाह दी है। सिरसा ने दिल्ली के मौरी गेट, मिठाई पुल एवं तीसहज़ारी जैसी एतिहासिक जगहों को सिख कौम की बहादरी एवं जीत के साथ भी जोडा। इन कार्यक्रमों को सीधा प्रसारण करने की जानकारी देते हुए सिरसा ने सिख इतिहास के इन गौरवमयी कार्यक्रमो के कारण कौम द्वारा मान महसूस करने का भी दावा किया। इस अवसर पर अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रभारी बलवंत सिंह रामूवालीया, दिल्ली कमेटी सदस्य हरमीत सिंह कालका, कुलवंत सिंह बाठ, जतिन्दरपाल सिंह गोल्डी तथा पुर्व विधायक जतिन्दर सिंह शन्टी मौजूद थे।

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