फिल्म कान्सेप्ट को स्क्रीन पर उतारना बड़ी चुनौती: हरजीत सिंह
हमीरपुर , 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर कस्बे के इतिहास में पहली बार आयोजित दो दिवसीय फिल्मोत्सव एन.आई.टी. परिसर में सम्पन्न हुआ। फिल्मोत्सव में प्रदर्शित लगभग 28 लघु चित्र, ऐनिमेशन और वृत चित्रों को दर्शकों ने चाव से देखा। समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों , परम्पराओं पर प्रहार करते हुए इन फिल्मों ने खूब वाहवाही लूटी और ये सभी फिल्में दर्शकों के दिल को भा गईं। फिल्म के कान्सेप्ट को पहले स्क्रिप्ट में ढालने, फिर उसे स्क्रीन पर उतारने के लिए डायरेक्टर को अनेक चुनौतियों से जूझना होता है । यह विचार और अपने अनुभव पंजाबी फिल्मों के प्रख्यात निर्देशक हरजीत सिंह ने फिल्म मेकिंग वर्कशाप में छात्रों से सांझे किए। दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल और फिल्म निर्माण विषय पर हुई कार्यशाला में हरजीत सिंह ने कहा कि फिल्म के एक छोटे से आईडिया को पूरी फिल्म में विकसित व रूपातंरित करने के लिए जटिल प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसमें फिल्म निदेशक की बेहद बारीक कल्पनाशीलता, विजऩ और स्टोरी लाईन तथा किरदारों के जरिए दर्शक को बाधें रखने की प्रबल क्षमता होनी चाहिए। फिल्म की कहानी संवेदनशील हो और उसका चयन ऐसा हो कि वह दर्शकों के दिल में उतर जाए। कार्यशाला में दिल्ली से आए डा0 संदीप शर्मा ने फिल्म निर्माण और फिल्म स्क्रिप्ट की बारीकियों पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को डाक्यूमेंट्री फिल्मों के टिप्स दिए। इस मौके पर आस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीय मूल के युवा फिल्म निर्माता विकास पराशर भी मौजूद रहे। फेस्टिवल के दूसरे दिन बहुचर्चित व मार्मिक फिल्में दिखाई गईं जिनमें चिल्ड्रन अॅाफ दा पायर, रफी-वी रिमेंबर यू, पलभर बेई लैणा, मीरा, जसपाल भट्टी की ऐनीमेशन फिल्म , बंटीज़ ट्री, ज़ू , रोड सैफ्टी गेम्ज, दि ब्यूटी, लॉरी वालाज़ ऑफ इंडिया, लॉस्ट एंड फाऊंड, आखिरी मुनादी, दी जॉअस ऑफ डैथ, आखा तीज़ आदि शामिल हैं। समापन समारोह की अध्यक्षता हरजीत सिंह ने की जिन्होंने लोकप्रिय फिल्में ऐ जन्म तुम्हारे लेखे, हीर-रांझा, बिशाखी, हवाएं बनाई हैं। उन्होंने कार्यशाला के 60 प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किए। फैस्टिवल के समन्व्यक सिद्धार्थ चौहान और राजेन्द्र राजन ने हरजीत सिंह, डॉ0 संदीप शर्मा और विकाश पराशर को शाल व टोपी भेंट कर सम्मानित किया। राजेन्द्र राजन ने फिल्मोत्सव के लिए आईडीपीए, फिल्मज़ डिविज़न मुम्बई और फिल्म समारोह निदेशालय दिल्ली के साथ-साथ हिमाचल के युवा फिल्म निर्माताओं का फिल्में भेजने के लिए आभार व्यक्त किया। पहले सत्र में चम्बा की लोक संस्कृति पर दिखाई गई फिल्म ‘पल भर बेई लैणा’ के निदेशक एमआर शर्मा और लघु चित्र ‘मीरा’ के निदेशक सत्येन्द्र राणा भी उपस्थित रहे। हिमाचल जल बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक हरभजन सिंह भज्जी ने फिल्मोत्सव के प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
मछली पालन के लिए मिलता है 26 हजार का अनुदान
- ट्राउट पालन की ओर अग्रसर हो रहे हैं कुल्लू के किसान
कुल्लू , 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। प्रदेश सरकार हिमाचल में नील क्रांति लाने के उददेश्य से मत्स्य पालन को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है। राज्य के बड़े जलाशयों में मत्स्य उत्पादन के अलावा सरकार आम किसानों को भी मत्स्य पालन की ओर प्रोत्साहित कर रही है। मत्स्य विकास अभिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में 19.21 हैक्टेयर नए क्षेत्रों को जलचर पालन के अंतर्गत लाया गया है और 11.50 हैक्टेयर पुराने तालाबों में सुधार किया गया है। बैकयार्ड फिश फार्मिंग परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में सौ इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। मत्स्य पालन विभाग प्रदेश के ठंडे क्षेत्रों में ट्राउट मछली के पालन को बढ़ावा दे रहा है। राज्य में विभागीय ट्राउट फार्मों व निजी क्षेत्र में सालाना लगभग 490 मीट्रिक टन ट्राउट उत्पादन हो रहा है। रेनबो ट्राउट पालन तकनीक के सफलतापूर्वक हस्तांतरण के फलस्वरूप निजी क्षेत्र में 100 ट्राउट इकाईयां स्थापित की गई हैं। कुल्लू जिला में ट्राउट मछली के उत्पादन की अपार संभावनाओं को देखते हुए मत्स्य पालन विभाग लोगों को इस ओर प्रेरित कर रहा है। पतलीकूहल स्थित मत्स्य विभाग का ट्राउट मछली फार्म रेनबो ट्राउट उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। निजी ट्राउट इकाईयां स्थापित करने के लिए विभाग की ओर से अनुदान दिया जाता है। मत्स्य पालन विभाग के निदेशक गुरचरण सिंह ने बताया कि रेनबो ट्राउट इकाई स्थापित करने के लिए विभाग की ओर से सामान्य किसानों को बीस हजार रूपये अनुदान दिया जाता है, जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को छब्बीस हजार रूपये सब्सिडी मिलती है। पतलीकूहल फिश फार्म किसानों को रेनबो ट्राउट के बीज उपलब्ध करवाता है और फीड पर पंद्रह प्रतिशत सब्सिडी भी देता है। बाजार में ट्राउट लगभग 350 रूपये तक बिक जाती है। दिल्ली, चंडीगढ़ व अन्य शहरों में रेनबो ट्राउट की काफी मांग रहती है। पर्यटन नगरी मनाली के होटलों में भी बड़े पैमाने पर ट्राउट परोसी जाती है। निदेशक ने बताया कि ट्राउट सेहत के लिए काफी लाभदायक होती है। यह शरीर में अच्छे कॉलेस्ट्रोल यानि एचडीएल की मात्रा बढ़ाती है। त्वचा के रोगों व मधुमेह के रोगियों के लिए भी ट्राउट काफी लाभदायक होती है। बाजार में ट्राउट की मांग बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन विभाग ने हाल ही में चंडीगढ़ में ट्राउट फेयर का आयोजन करके लोगों को ट्राउट के फायदों से अवगत करवाया है, जिसके काफी अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। विभाग के प्रयासों से कुल्लू जिला में अब कई किसान रेनबो ट्राउट पालन की ओर अग्रसर हो रहे हैं और अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।
देव सदन में देवताओं के कारकूनों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित
कुल्लू , 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। देव संस्कृति के संरक्षण, संवद्र्धन एवं उत्थान हेतु सोमवार को कुल्लू के देव सदन में देव समाज से संबंधित लोगों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस जागरूकता शिविर का आयोजन जिला सांस्कृतिक परिषद कुल्लू एवं देव संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। शिविर की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कुल्लू राकेश कंवर ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उददेश्य सरकार द्वारा लोकसंस्कृति के संरक्षण एवं संवद्र्धन के लिए तैयार की गई योजनाओं से आम जनमानस तथा देव समाज से जुड़े लोगों को अवगत करवाना है। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में देव संस्कृति से जुड़े लोगों की समस्याओं का समाधान तथा उनकी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए योगदान देना भी है। उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार ने देव संस्कृति को बचाए रखने के लिए पांच करोड़ रूपये की आवर्ती निधि योजना (रिवॉल्विंग फंड) का प्रावधान किया है, जिसके अंतर्गत देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना एवं धूप-बत्ती का खर्चा भी दिया जाएगा। उपायुक्त ने जिला के सभी कारकूनों से अपील की है कि वे अपने-अपने मंदिरों की वार्षिक आय विवरण भाषा विभाग के निर्धारित प्रपत्र पर संबंधित पटवारी, नायब तहसीलदार तथा तहसीलदार से रिपोर्ट तैयार करके जिला भाषा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से स्वीकृति हेतु भेजें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र वर्मा ने देवी-देवताओं के कारकूनों से अपील की है कि वे अपने मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक तकनीक सीसीटीवी तथा अलार्म सिस्टम स्थापित करें। उन्होंने लोगों से प्राचीन मूर्तियों तथा मंदिरों की अन्य बहुमूल्य सामान की फोटोग्राफी करवाकर इनकी सूची तैयार करने की अपील भी की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे मंदिरों की मूर्तियों तथा सारी संपति का ब्यौरा नजदीकी पुलिस थाने में जमा करवाएं। किसी भी तरह की चोरी की वारदात होने पर पुलिस को सामान की बरामदगी में आसानी होगी। इससे पहले मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए देव संस्कृति चैरीटेबल ट्रस्ट के प्रभारी ओम प्रकाश शर्मा ने जिला कुल्लू में देव संस्कृति के संरक्षण और संवद्र्धन के लिए चलाई गई सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मनाली, बंजार और आनी में भी इस तरह के जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए। शिविर के दौरान जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया, पूर्व जिला भाषा अधिकारी डा. सीता राम ठाकुर, इंद्रदेव शास्त्री तथा अन्य लोगों ने भी देव संस्कृति को सुदृढ़ करने के लिए सुझाव दिए। शिविर में एसडीएम कुल्लू रोहित राठौर सहित देव समाज से जुड़े लगभग 200 कारकूनों ने भी भाग लिया।
सुधीर ने किया शोक व्यक्त
धर्मशाला, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने पूर्व विधान सभा अध्यक्ष चौधरी सरवन कुमार की पत्नी विद्या देवी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 87 वर्षीय विद्या देवी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीें।सुधीर शर्मा ने शोक संतप्त परिवार से इस दु:ख की घड़ी में हिम्मत बनाए रखते हुए दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की है।गौरतलब है कि विद्या देवी ने सामाजिक गतिविधियों में अपनी सक्र्रियता से क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई थी। उनके पति स्वर्गीय चौधरी सरवन कुमार वर्ष 1977 से 1980 तक हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष रहे थे। विद्या देवी का अन्तिम संस्कार कल किया जायेगा।
उर्मिल राणा पीएनडीटी समिति की सदस्य मनोनीत
धर्मशाला, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। समाज सेविका उर्मिल राणा को राज्य सरकार द्वारा पूर्व प्रसव निदान तकनीक अधिनियम, 1994 के तहत् जिला स्तरीय पीएनडीटी समिति का गैर सरकारी सदस्य मनोनीत किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) के हवाले से जारी अधिसूचना में उनके अतिरिक्त कांगड़ा के सीएमओ को अध्यक्ष, एमओएच को सदस्य सचिव एवं जिला न्यायवादी को सरकारी सदस्य मनोनीत किया गया है।
वाहन टैक्स ऑन लाईन जमा करवा सकते हैं : आरटीओ
हमीरपुर, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। परिवहन विभाग ने समस्त व्यवसायिक वाहनों का टोकन टैक्स एवं स्टेज कैरिज बसों का विशेष पथ कर ऑन लाईन कर दिया गया है । यह जानकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी किशोरी लाल ने दी । उन्होंने बताया कि सभी वाहन मालिक हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत किसी भी वाहन का टैक्स ऑन लाईन जमा करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिये वाहन मालिक को परिवहन विभाग की साईट पर जा कर वाहन संख्या एवं चैसिस नम्बर की अन्तिम पंाच अंकों की संख्या दर्ज करनी होगी ।
वाहन पासिंग और ड्राविंग टैस्ट की तिथियां निर्धारित : आरटीओ
हमीरपुर, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी किशोरी लाल ने समस्त वाहन मालिकों व ड्राविंग लाईसंैस के लिये अप्रैल में जिला के वाहनों की पाङ्क्षसग व ड्राईविंग लाईसैंस के टैस्ट के कार्यक्रम की तिथियां निर्धारित कर दी हैं। उन्होंने बताया कि हमीरपुर उपमण्डल में 4, 9, 16,23 व 30 अप्रैल को वाहन पासिंग होंगे जबकि 10 अप्रैल 8 22 अप्रैल का ड्राईविंक टैस्ट लिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि नादौन उपमण्डल के लिये 17 अप्रैल को वाहन पासिंग जबकि 18 अप्रैल को ड्राइविंग टैस्ट , उपमण्डल बड़सर में 6 अप्रैल को वाहन पासिंग और 7 अप्रैल का ड्राईविंग टैस्ट, भोरंज उपमण्डल में 1 अप्रैल को वाहन पासिंग व 2 अप्रैल को ड्राविंग टैस्ट , सुजानपुर उपमण्डल में 21 अप्रैल को वाहन पाङ्क्षसग और 21 अप्रैल को ही ड्राविंग टैस्ट होंगे। उन्होंने बताया कि गगरेट में 27 अप्रैल को वाहन पासिंग किए जाएंगे और 28 अप्रैल को ड्राविंग टैस्ट लिया जाएगा ।
मैसर्ज गोवर्धन एण्ड सन्ज थोक विक्रेता की मिट्टी तेल दरें निर्धारित
- उचित मूल्य की दुकानों तथा परचून मिट्टी तेल मनोनीत विके्रतों के प्रति लीटर दरे निर्धारित
हमीरपुर, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। जिला दण्डाधिकारी एवं उपायुक्त, रोहन चंद ठाकुर ने जिला हमीरपुर में उचित मूल्य की दुकानों, परचून मिट्टी तेल मनोनीत विके्रतों ( डिपूओं) को मैसर्ज गोवर्धन एण्ड सन्ज, मिट्टी तेल थोक विक्रेता (ओ.आई.सी.) हमीरपुर द्वारा तेल की आपूर्ति हेतु थोक भाव प्रति 100 लीटर निर्धारित करने की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार उचित मूल्य की दुकानों और अधिकृत तेल परचून के डिपूओं पर मिट्टी तेल के नई दरों के भाव टी.के.डी. पर थोक भाव 1467.21 रूपये और परचून 14.97 रूपये प्रति लीटर , अणु, बजूरी, हीरा नगर, पक्काभरो, बडू व हमीरपुर शहर/ नगरपालिका क्षेत्र में थोक भाव 1470.41 रूपये और परचून 15.00 रूपये प्रति लीटर , मट्टनसिद्ध, बरोहा, मोंही, घनाल में थोक भाव 1470.41 रूपये और परचून 15.10 रूपये प्रति लीटर , दडूही, मत्तिटीहरा, झनियारा, भिड़ा, झनियारी देवी, अमरोह, खगल, पसतल, छवोट ब्राहमणा, दुलेहड़ा, झरेड़ी व नेरी में थोक भाव 1476.81 रूपये और परचून 15.17 रूपये प्रति लीटर , कैहडरू, डिडवीं टिक्कर व ताल में थोक भाव 1478.41 रूपये और परचून 15.18 रूपये प्रति लीटर , महल, बिहाड, अमण्उ, हार नाल्टी, अमनेड़, सिद्धपर, पियादकड, वारिफरनोल, सेर वलौणी में थोक भाव 1486.41 रूपये और परचून 15.26 रूपये प्रति लीटर, मैड़, उखली, आघार, टाऊन भराड़ी, बलोखर, पट्टा, सनेड़, ब्राहलड़ी, समताना में थोक भाव 1494.41 रूपये और परचून 15.34 रूपये प्रति लीटर , लदरौर खुरद, लदरौर कलां, लदरौर , दशमल में थोक भाव 1502.41 रूपये और परचून 15.42 रूपये प्रति लीटर , कड़ोहता, जिंदड़ी, मनोह में थोक भाव 1510.41 रूपये और परचून 15.30 रूपये प्रति लीटर , मुण्डखर, सुलगवान, धमरोल, बाहणवीं, भलवाणी, ककडोट, डुहका, लगमनवीं, नगरोटा गाजियां में थोक भाव 1516.81 रूपये और परचून 15.57 रूपये प्रति लीटर , भरेड़ी, जाहू, हनोह, चन्दरूही, पपलाह, कक्कड़, अमरोह, भुक्कड़, बडैहर में थोक भाव 1523.21 रूपये और परचून 15.63 रूपये प्रति लीटर , बोहणी, गसोता, खंदेहड़ा, नोहंगी, कालेअम्ब, कक्कडयार, लम्बलू, वफड़ीं, वलयूट, लठवाण, डुगली, स्वाहल में थोक भाव 1480.01 रूपये और परचून 15.20 रूपये प्रति लीटर , पन्देहड़, वलोह, धिम्मी, डेरापरोल में थोक भाव 1496.01 रूपये और परचून 15.36 रूपये प्रति लीटर , तरक्कवाड़ी, भुम्पलूघाट, रौहीं, खरवाड़, धिरमी, वस्सी, रमेड़ा, भोरंज, डुंगरी में थोक भाव 1502.41 रूपये और परचून 15.42 रूपये प्रति लीटर , सराकड़, कोट, ख्याह, कालंझडी, थाना दरोगण, बड्डू, बणी तप्पा बजूरी में थोक भाव 1480.01 रूपये और परचून 15.20 रूपये प्रति लीटर , टौणी देवी, बारीं मन्दिर, बराड़ा, सकान्दर, हिम्मर, ढांगू व कसीरी में थोक भाव 1496.01 रूपये और परचून 15.36 रूपये प्रति लीटर , लल्यार, समीरपुर, अवाहदेवी, दाड़ी, करयाली, ढोह, टोह, बजडोह, चम्बोह, बगवाड़ा, भवनोह, टिक्कर बूहला, कन्जयाण में थोक भाव 1507.21 रूपये और परचून 15.47 रूपये प्रति लीटर , गवारडू, ऊटपुर, ननोट, ऊहल, पोहंच, सुराह में थोक भाव 1502.41 रूपये और परचून 15.42 रूपये प्रति लीटर , कुठेड़ा, मझोग, चबूतरा, चलोखर, बडवदार, री में थोक भाव 1486.41 रूपये और परचून 15.26 रूपये प्रति लीटर , बनाल, दोसडक़ा , करोट, भलेठ में थोक भाव 1502.41 रूपये और परचून 15.42 रूपये प्रति लीटर , सुजानपुर शहर में थोक भाव 1505.61 रूपये और परचून 15.36 रूपये प्रति लीटर तथा टीहरा के लिये प्रति 100 लीटर थोक भाव 1505.61 रूपये और परचून 15.46 रूपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया है। अधिसूचना के अनुसार चमयाणा व पटलांदर में थोक भाव 1515.21 रूपये और परचून 15.55 रूपये प्रति लीटर , रंगड, लम्बरी, चौरी, मैहलडू वीर-बगेहड़ा, भटपुरा , जंगलबैरी, खैरी, कुडाणा, भटेड़ा, बैरी में थोक भाव 1518.41 रूपये और परचून 15.58 रूपये प्रति लीटर , बजरोल, कक्कड़, बगलू, पुरली, व चारियां दी धार में थोक भाव 1528.01 रूपये और परचून 15.68 रूपये प्रति लीटर , भोटा में थोक भाव 1492.81 रूपये और परचून 15.23 रूपये प्रति लीटर , रोपड़ी, अम्बोह, सलौणी, हार, लाहड़ी, शुक्कर खड्ड, पाहलू में थोक भाव 1497.61 रूपये और परचून 15.38 रूपये प्रति लीटर , मक्कड़, जोल, सोहारी, बणी, डगवाल में थोक भाव 1504.01 रूपये और परचून 15.44 रूपये प्रति लीटर , मैहरे , बड़सर में थोक भाव 1515.21 रूपये और परचून 15.55 रूपये प्रति लीटर , भालथ, बडनी, मसलानकलां, हरसौर, ब्लयाह में थोक भाव 1521.21 रूपये और परचून 15.63 रूपये प्रति लीटर , कसवाड़, जौड़े अम्ब, जयोली देवी, मलेड़ा, गारली, अम्बेड़ी, घंघोट, खरोटा में थोक भाव 1523.21 रूपये और परचून 15.63 रूपये प्रति लीटर , बिझड़, बल-बिहाल, पट्टा-डडवाल(बिडू) , ढगवाड़, धंगोटा में थोक भाव 1520.01 रूपये और परचून 15.60 रूपये प्रति लीटर , महारल, बड़ागांव, जमली,धबीरी, बलदलचेहड़ा , चकमोह, दियोटसिद्ध ,जजरी, कलवाहल में थोक भाव 1523.21 रूपये और परचून 15.63 रूपये प्रति लीटर , रंगस, दंगड़ी, जीहण, नारा, गलोड़, गुरयाह, कांगू, सरेड़ी, धनेड़, मैड़ में थोक भाव 1499.21 रूपये और परचून 15.39 रूपये प्रति लीटर , नादौन शहर में थोक भाव 1512.01 रूपये और परचून 15.42 रूपये प्रति लीटर , रैल, बड़ा, चौडू, डूहक, बलडूहक, पुतडियाल, बेला, भूम्पल, जलाड़ी, चिल्लियां, सोहरड, बूणी, टिल्लू, गगाल, जलाड़ी सौखलयां, भरमोटी खुर्द, कश्मीर, लाहड़, दाड, किटपल में थोक भाव 1507.21 रूपये और परचून 15.47 रूपये प्रति लीटर , बढेड़ा, पन्साई, भलूं, कोहला, कलूर, भरमोटी, सेरा, बसारल, करौर, धनेटा, मझयार, बैहरड में थोक भाव 1515.21 रूपये और परचून 15.55 रूपये प्रति लीटर , कमलाह, ग्वालपत्थर, झलाण, बटराण, मझेली, वेहा में थोक भाव 1524.81 रूपये और परचून 15.65 रूपये प्रति लीटर , मण्डयाणी, री, हढ़ेटा, गालियां, ऊटप, दसवीं में थोक भाव 1528.01 रूपये और परचून 15.68 रूपये प्रति लीटर और श्री मुकेश कुमार डिपू होल्डर, प्रताप गली, हमीरपुर के लिये थोक भाव 1470.41 रूपये और परचून भाव 15.11 रूपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया है।
मीट-मुर्गा तथा पके खाने और दूध-दही की विक्रय दरें निर्धारित
हमीरपुर, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। जिला दण्डाधिकारी , हमीरपुर, रोहन चंद ठाकुर (भा0प्र0से0) ने हिमाचल प्रदेश जमाखोरी मुनाफाखोरी निरोध आदेश 1977 की धारा 3(1) ई के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए मीट , मुर्गा व मछली, पका हुआ खाना , दूध दहीं व पनीर और ठण्डे पेयजल की दरें समस्त करों सहित अधिकतम परचून विक्रय मूल्य निर्धारण की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में कहा गया है कि कोई भी व्यापारी निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य प्राप्त नहीं करेगा। अधिसूचनानुसार सभी परचून विक्रेता एवं दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों के उचित स्थान पर ग्राहक की जानकारी हेतू हिन्दी में मूल्य सूचि निर्धारित प्रपत्र पर स्पष्ट तौर से प्रदर्शित करेंगे, जोकि सही/साफ शब्दों मे देवनागरी लिपि मे लिखी होनी चाहिए तथा दुकान के मालिक/प्रबन्धक व सहयोगी द्वारा दिनांक सहित हस्ताक्षरित होनी चाहिए। नई निर्धारित दरों के अनुसार मीट बकरा/भेडा 270 रूपये प्रति किलो, मुर्गा जीवित 90/-रूपये, मुर्गा ब्रॉयलर साफ किया हुआ 160/-रूपये, मीटर सुअर 100 /- रूपये , कच्ची मछली ग्रेड-1 80/-रूपये , कच्ची मछली ग्रेड-2 70/-रूपये, मछली तली हुई 150/-रूपये , चिकन फ्राईड 180 रूपये, चिकन तवा 200 /- रूपये, चिकन तन्दूरी 200/-रूपये, चिल्ली चिकन 200/- रूपये प्रति किलो की दर से विक्रय होगा। अधिसूचना में बताया गया है कि पका हुआ खाना होटल, ढाबा जो पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत नहीं हैं, में परोसे जाने वाला खाने की नई दरों के अनुसार पूरी खुराक-सादा दाल व पांच चपाती सहित 40/-रूपये प्रति खुराक, सब्जी स्पैशल, राजमाह, बैंगन भर्था, गोभी, पालक, मटर, आलूमटर ,भिंडी व सफेद चना इत्यादि 35/-रूपये प्रति प्लेट, मटर पनीर व पालक पनीर 40/-रूपये प्रति प्लेट, शाही पनीर 45 रूपये प्रति प्लेट, चपाती तन्दूरी 4 रूपये प्रति एक, चपाती तवा 4 रूपये, मीट पका हुआ (6 पीस तरी सहित) 58 रूपये प्रति प्लेट, दो पूरी चने सहित 25 रूपये प्रति प्लेट, दाल फ्राईड 25 रूपये प्रति प्लेट, परोठां भरा हुआ आचार सहित 12 रूपये प्रति एक, चिकन पका हुआ व चिकन करी (6 पीस तरी सहित) 45 रूपये प्रति प्लेट, देशी घी का बाबे दा रोट प्रति 125 ग्राम 12 रूपये प्रति , अन्य घी से तैयार बाबे दा रोट प्रति 125 ग्राम 8 रूपये प्रति की दर से विक्रय होंगे। अधिसूचना के अनुसार हलवाईयों द्वारा बेचा जाने वाला कच्चा दूध 38 रूपये प्रति किलोग्राम , सभी प्रकार के टौण्ड दूध, डबल टौण्ड दूध, वेरका व सुपर ब्राण्ड पैक्ट थोक विके्रताओं द्वारा निर्धारित छपी दरों पर विक्री होगा तथा पनीर खुला (स्वयं तैयार किया हुआ ) 230 रूपये प्रति किलोग्राम और दहीं 55 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय होगा जबकि ठण्डे पेयजल निर्माताओं द्वारा बोतल पर निर्धारित अंकित मूल्य पर विक्रय होंगे । अधिसूचना में कहा गया है कि मीट, चिकन करी की प्रति प्लेट में कम से कम 6 पीस मीट/चिकन पीस एवं कम से कम 200 ग्राम तरी होनी चाहिए तथाा स्पैशल सब्जी जैसे मटर पनीर, पालक पनीर, शाही पनीर, इत्यादि की प्रति प्लेट में 100 ग्राम पनीर होना चाहिए और प्रत्येक दुकानदार को ग्राहक के मांगने पर कैश मिमो देना अनिवार्य होगा ।
पारंपरिक लोकगीतों की धुनों से सराबोर हुआ सलासी, भाषा, कला संस्कृति विभाग का लोक नृत्य उत्सव संपन्न
हमीरपुर, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। पारंपरिक लोकगीतों की धुनों से सलासी सराबोर हो उठा, टमक दल की लय और ताल ने लोगों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। सोमवार को भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से सलासी में लोक नृत्य उत्सव का आयोजन किया गया। लोक उत्सव का शुभारंभ पर बतौर मुख्यातिथि जिला लोक संपर्क अधिकारी विनय शर्मा कहा कि लोक संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन अत्यंत जरूरी है ताकि युवा पीढ़ी भी पुरातन संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल कर सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल की माटी में कलाओं की सुंगध बिखरी हुई है इसको सहेजने के लिए सरकार ने भरसक प्रयत्न किए गए हैं जिसमें लोक उत्सवों के माध्यम से कलाकारों को अपनी कला के जौहर दिखाने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं ताकि लोक कलाओं को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कलाकारों से आग्रह करते हुए कहा कि सुर तथा ताल के लिए साधना अत्यंत जरूरी है अतएव कलाकार नियमित तौर संगीत का अभ्यास करें ताकि उनकी कला में और निखार हो सके। इससे पहले जिला भाषा अधिकारी नीलम चंदेल ने लोक उत्सव के बारे में विस्तार जानकारी देते हुए कहा कि भाषा, कला संस्कृति विभाग समय समय पर लोक नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित करवा रहा है इसके अतिरिक्त पारंपरिक वाद्य यंत्र भी कलाकारों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ताकि युवा पीढ़ी इन पांरपरिक वाद्य यंत्रों के बारे में भी ज्ञान हासिल कर सके। जिला भाषा अधिकारी ने कहा कि आगामी माह में भी लोक नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी तथा इसमें सभी पंजीकृत नाट्य दलों को आमंत्रित किया जाएगा तथा इसमें विजेताओं को नकद पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे ताकि कलाकारों को प्रोत्साहन मिल सके। इस अवसर पर कुसुम कला मंच लदरौर के कलाकारों ने मटका नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें जिला के दुर्गम क्षेत्रों की पानी की समस्या को दिखाया गया इसी तरह से मस्त राम के नेतृत्व में टमक दल ने वाद्य यंत्रों की सुरीली धुनों से लोगों में जोश भर दिया गया। नटराज कलामंच ने भी लोकगीतों की धुनों पर खूबसूरत नृत्य प्रस्तुत कर लोगों को भाव विभोर कर दिया गया, सरस्वती कला मंच बिझड़ी के कलाकारों ने लोक गायिका विमला राठौर के नेतृत्व में एक से बढिय़ा एक पहाड़ी गीत प्रस्तुत कर लोगों को अपनी संस्कृति से अवगत करवाया गया। नादौन कला मंच सहित विभिन्न कलाकारों ने अपनी अपनी प्रतिभा के जौहर दिखाए गए।
जिला ऊना में विभिन्न कल्याणकारी योजनओं के तहत हो रहा है महिलाओं का सशक्तिकरण
- दो वर्षों में सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत दो करोड व्यय कर आठ हजार महिलाएं की लाभान्वित
ऊना, 30 मार्च (विजयेन्दर शर्मा)। हिमाचल प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिला ऊना में प्रदेश सरकार ने अपने गत दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही इन विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के तहत अब तक लगभग दो करोड़ रूपये की राशि व्यय कर लगभग आठ हजार महिलाओं व लडकियों को लाभान्वित किया जा चुका है। जिला में चलाई जा रही इन कल्याणकारी योजनाओं में से मुख्य मंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत गत दो वर्षो के दौरान लगभग 48 लाख रूपये व्यय कर दो सौ गरीब व जरूरतमंद महिलाओं की बेटियों को लाभान्वित किया गया है। जिसमें वर्ष 2013-14 के दौरान 104 बेटियों के विवाह पर 24 लाख 48 हजार रूपये जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान 96 गरीब बेटियों के विवाह पर 24 लाख रूपये की राशि शामिल है। जबकि मदर टैरेसा असहाया मातृ संबल योजना के तहत जिला में गत दो वर्षों के दौरान सरकार ने 3026 महिलाओं को लाभान्वित कर लगभग 94 लाख रूपये की राशि व्यय की है। जिसमें वर्ष 2013-14 के दौरान 1399 महिलाओं पर लगभग 45 लाख जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान 1627 महिलाओं पर लगभग 49 लाख रूपये की राशि शामिल है। इसी तरह जिला में जहां माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना के तहत प्रदेश सरकार ने गत दो वर्षों के दौरान 702 गरीब अनुसूचित जाति के परिवारों की महिलाओं को घरेलु गैस कनैक्शन लेने हेतु लगभग 9 लाख रूपये की अनुदान राशि व्यय की है। जिसमें वर्ष 2013-14 के दौरान 327 जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान 375 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। दूसरी तरफ विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत जिला में गत दो वर्षों के दौरान सरकार ने कुल 16 महिलाओं पर लगभग 6 लाख रूपये की राशि बतौर प्रोत्साहन व्यय की है। इस योजना के तहत वर्ष 2013-14 के दौरान 12 जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान 4 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। यही नहीं जिला में गत दो वर्षों के दौरान बेटी है अनमोल योजना के अन्तर्गत 3911 बालिकाओं को लाभान्वित कर लगभग 75 लाख रूपये की राशि सरकार ने खर्च की है। जिसमें वर्ष 2013-14 के दौरान 1958 बालिकाओं पर लगभग 40 लाख रूपये जबकि वर्ष 2014-15 के दौरान 1953 बालिकाओं पर लगभग 35 लाख रूपये की राशि शामिल है। इसी दौरान महिला स्वरोजगार योजना के तहत 64 पात्र महिलाओं पर लगभग डेढ़ लाख रूपये की राशि व्यय की है। जिसमें वर्ष 2013-14 व 2014-15 के दौरान क्रमश: 32-32 पात्र महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।
किन्हे मिलती है सहायता:
मुख्य मंत्री कन्या दान योजना के तहत ऐसी लडकियां जिनके पिता जीवित न हों, पिता किसी लंबी बीमारी, शारीरिक या मानसिक अपंगता के कारण रोजी रोटी कमाने में असमर्थ हों, अनाथ लडकियों, तलाकशुदा व परित्यक्त महिलाओं की लडकियों की शादी के लिए 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है तथा जिनके माता-पिता या संरक्षक की वार्षिक आय 35 हजार रूपये या इससे कम हो। मदर टैरेसा असहाय मात् संबल योजना के अन्तर्गत गरीबी की रेखा से नीचे रह रही या जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रूपये या इससे कम हो तो ऐसी नि:सहाय महिलाओं व अनाथ बच्चों के अभिभावकों को दो बच्चों के पालन पोषण हेतु तीन हजार रूपये प्रति बच्चा प्रति वर्ष की दर से 18 वर्ष की आयु तक सहायता राशि प्रदान की जाती है। माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रही अनुसूचित जाति परिवार की ऐसी महिलाएं जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रूपये या इससे कम हो तथा जिनके पास गैस कनैक्शन की सुविधा न हो, तो उन्हे गैस खरीदने के लिए सरकार 1300 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। विधवा पुनर्विवाह अनुदान योजना का उदेश्य विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित कर महिलाओं का उत्थान व पुर्नवास करना है। इस योजना के तहत सरकार पुनर्विवाह करने वाली महिलाओं को 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है। बेटी है अनमोल योजना के पहले घटक के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों में दो बालिकाओं के जन्म पर दस हजार रूपये की राशि बतौर सावधि जमा के रूप में प्रदान की जाती है जबकि दूसरे घटक में बालिका को शिक्षा प्रदान करने के लिए पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक 300 रूपये से लेकर 1500 रूपये तक की छात्रवृति प्रदान की जाती है। महिला स्वरोजगार योजना का उदेश्य हिमाचल प्रदेश से संबंधित ऐसी महिलाएं जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रूपये या इससे कम हो को निजी लघु व्यवसाय को शुरू करने हेतु प्रोत्साहन देकर उन्हे आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अन्तर्गत 25सौ रूपये की आर्थिक सहायता राशि लघु व्यवसाय को शुरू करने हेतु प्रदान की जाती है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
जिला कार्यक्रम अधिकारी रंजीत सिंह का कहना है कि महिलाओं के कल्यार्ण सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को जिला की सभी पांचों बाल विकास परियोजनाओं एवं 1364 आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचाया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्र महिलाएं सरकार की इन योजनाओं से लाभान्वित हो सके। इसके अतिरिक्त महिलाओं को जागरूक करने के लिए समय-समय पर जागरूकता शिविरों का भी आयोजन किया जाता है ताकि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम जनमानस तक पहुंच सके।

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