कमाल का आईसीसी पर निशाना, सभी चीजों का खुलासा करने की धमकी दी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 30 मार्च 2015

कमाल का आईसीसी पर निशाना, सभी चीजों का खुलासा करने की धमकी दी

icc-president-mustafa-kamal-threatens-to-reveal-mischievous-things
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में चल रहे विवाद ने सोमवार को गंभीर रूप ले लिया जब उसके अध्यक्ष मुस्तफा कमाल ने कुछ लोगों की 'शरारतों' का खुलासा करने की धमकी दी जिन्होंने उन्हें विश्व कप ट्रोफी सौंपने के 'संवैधानिक अधिकार' से वंचित रखा। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क को फाइनल के बाद विश्व कप ट्रोफी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने दी लेकिन कमाल ने दावा किया किया आईसीसी के जनवरी 2015 में संशोधित किए गए नियमों के अनुसार वैश्विक प्रतियोगिताओं में ट्रोफी देने का अधिकार अध्यक्ष के पास है।

कमाल ने बांग्लादेशी चैनलों से कहा, 'ट्रोफी मुझे देनी चाहिए थी। यह मेरा संवैधानिक अधिकार है लेकिन दुर्भाग्य से मुझे ऐसा नहीं करने दिया गया। मेरे अधिकार का सम्मान नहीं किया गया। स्वदेश लौटने के बाद मैं पूरी दुनिया को बताऊंगा कि आईसीसी में क्या चल रहा है। मैं पूरी दुनिया को उन लोगों के बारे में बताऊंगा जो शरारती चीजें कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मुझे ट्रोफी क्यों नहीं देने दी गई।' आईसीसी के मेमोरेंडम और आर्टिकल ऑफ असोसिएशन में संशोधन को जनवरी 2015 में पूर्ण परिषद ने सर्वसम्मति से स्वीकृति दी थी और इसके नियम से ऐसा लगता है कि वैश्विक प्रतियोगिताओं में ट्रोफी देने का अधिकार आईसीसी अध्यक्ष को है।

नियम 3.3 (बी) के अनुसार, '2014 की कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद से अध्यक्ष कॉन्फ्रेंस और विशेष बैठकों में चेयरमैन की भूमिका निभाएगा और आईसीसी के तत्वावधान में होने वाली वैश्विक प्रतियोगिताओं और क्रिकेट टूर्नमेंटों में ट्रोफी देने की जिम्मेदारी उस पर होगी। शंकाओं से बचने के लिए 2014 कॉन्फ्रेंस के खत्म होने के बाद से अध्यक्ष कार्यकारी बोर्ड या किसी समिति या उप समिति के चेयरमैन के तौर पर काम नहीं करेगा।' आईसीसी अध्यक्ष हालांकि रस्म के तौर पर प्रमुख होगा जबकि कार्यकारी अधिकार चेयरमैन के पास होगा। हालांकि 1996 तक विश्व कप विभिन्न लोगों द्वारा प्रदान किए गए और यह जरूरी नहीं था कि आईसीसी प्रमुख ने यह ट्रोफी दी हो। कमाल ने विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में भारत के हाथों बांग्लादेश की शिकस्त के बाद अंपायरों के भेदभाव की कड़ी आलोचना की थी। इस मैच में भारत के रोहित शर्मा को रुबेल हुसैन की गेंद नो बॉल होने के कारण नॉटआउट दिया गया था जब यह फैसला काफी करीबी था।

कमाल ने कहा कि उन्होंने किसी देश के खिलाफ कुछ नहीं कहा था लेकिन सच बोलने के कारण उन्हें विश्व कप ट्रोफी देने के मौके से वंचित किया गया। उन्होंने कहा, 'मैंने खराब अंपायरिंग पर बयान दिया था और यहां तक कि आईसीसी ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। मैं अध्यक्ष था, मैं अध्यक्ष हूं और मैं अध्यक्ष रहूंगा। लेकिन सच बोलने, क्रिकेट के लिए बोलने और क्रिकेट के हित में खड़ा होने के लिए मुझसे मेरा संवैधानिक अधिकार छीन लिया गया।' कमाल ने कहा, 'मैं आईसीसी के लिए बोला था और मैंने किसी देश के खिलाफ नहीं बोला था। बल्कि मैंने क्रिकेट प्रेमी के रूप में बोला था। यही कारण है कि मैं ट्रोफी नहीं दे पाया।' आईसीसी में विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पता चला है कि शनिवार को मेलबर्न में आईसीसी बैठक में कमाल को कह दिया गया था कि उन्हें ट्रोफी नहीं देने दी जाएगी। पता चला है कि भारत बनाम बांग्लादेश क्वॉर्टर फाइनल मैच में अंपायरों के भेदभाव के बारे में कमाल के बोलने से चेयरमैन एन श्रीनिवासन काफी नाराज थे। कमाल ने आरोप लगाया था कि भारत ने अपनी ताकत का इस्तेमाल किया जिससे अंपायरों ने भेदभाव दिया। कथित तौर पर रिकॉर्ड के रूप में कमाल की बात सुनने के बाद श्रीनिवासन खुश नहीं थे। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन बोर्ड के सदस्यों को अपनी नाखुशी जता दी थी।

कोई टिप्पणी नहीं: