- विभिन्न घटनाओं में अब तक नौ मरे, 16 लापता
कश्मीर घाटी में भारी हिमपात, खतरे के निशान को छूते झेलम नदी के जलस्तर आैर पिछले 24 घंटों के दौरान भारी हिमपात और अनवरत बारिश के बाद मकानों के गिरने से नौ लोगों के मरने तथा 16 लोगों के लापता होने की विभिन्न घटनाओं के बीच धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले इस भूभाग में एक बार फिर बाढ़ की तबाही का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच सरकार ने लोगों को बाढ़ से बचाने तथा उन्हें विशेष राहत उपलब्ध कराने के लिये कई आकस्मिक कदम उठाये हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों से भयभीत न होने और खतरे वाली जगहों से सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की अपील की है। सेना के जवान स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिये मुस्तैद हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल(एनडीआरएफ) के दलों ने ऊपरी और पहुंचविहीन इलाकों में भी लोगों की मदद के लिये युद्धस्तर पर अपने को झोंक दिया है।
एनडीआरएफ के करीब 100 कर्मियों वाले दो दल भारतीय वायुसेना के एक विमान के जरिये पंजाब के बटिंडा से यहां पहुंचे हैं। इसके अलावा चार अतिरिक्त दलों को भी तैयार रखा गया है। पिछले 24 घंटों के दौरान कश्मीर घाटी के सात जिलाें और लद्दाख क्षेत्र में ताजा हिमपात और भारी बारिश के बाद भूस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। लोगों को नदियों, झीलों और नालों में शिकार के लिये जाने से मनाही की गई है। जम्मू़ कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा है कि लोगों को घबराने की अावश्यकता नहीं है तथा राज्य सरकार स्थिति से निपटने के लिये हरसंभव कदम उठा रही है। इस बीच, राज्य की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुये प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने बाढ के आकलन और प्रभावित लोगों को अधिकाधिक राहत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को मौके पर भेजा है।

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