बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपनी सरकार होने पर छात्रों को नकल के लिए परीक्षा में पूरी किताब ही मुहैया करा दिए जाने के विवादित बयान पर सफाई दी है। लालू ने कहा कि मैंने केवल यह कहा था कि परीक्षाओं में नकल बच्चों की मदद नहीं कर सकती। उन्होंने अपने बयान को गलत ढंग से पेश किए जाने का आरोप भी लगाया। बिहार में मैट्रिक परीक्षाओं में खुलेआम नकल प्रकरण के सामने आने पर लालू ने यह बयान दिया था, जिसकी जमकर आलोचना हुई। इसके बाद उन्हें स्पष्टीकरण देना पड़ा।
खुद का बचाव करते हुए लालू ने कहा, जो नकल करते हैं, वह प्रतियोगी परीक्षा को पास नहीं कर सकते। मैंने कहा था कि जो छात्र पढ़ता-लिखता ही नहीं है, उसे नकल के लिए अगर किताब भी दे दी जाए तब भी उसके जवाब नहीं दे पाएगा। दरअसल, बक्सर के नावानगर स्थित बीपीएस हायर सेकेंड्री पब्लिक स्कूल का उद्घाटन करते हुए लालू प्रसाद ने कहा था कि मारा राज रहता तो हम परीक्षा में किताब दे देते। जो पढ़ा रहेगा, वही न लिखेगा। मेरे राज में पांचवीं और आठवीं में भी बोर्ड परीक्षा ली जाती थी। हम तो सब को परीक्षा में पूरी अजादी दे दिए थे। नकल के लिए छात्रों की पूरी किताब ही दे देते थे। लेकिन अब तो सब कुछ बदल गया है। बिहार की शिक्षा कैसी हो गई है, यह सभी देख रहे हैं। लोग तीन तल्ला पर चढ़कर नकल करवा रहे हैं।
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