वर्ष प्रतिपदा पर निकला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पथ संचलन
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) भारतीय राष्ट्रीय कैलेण्डर शक संवत् का वर्ष 1937 प्रतिपदा नववर्ष रविवार से प्रारंभ हो गया। इसी के साथ अन्य बहुप्रचलित कैलण्डर विक्रम संवत् 2072 भी प्रारंभ हो गया। वर्ष प्रतिपदा को लेकर भारतीय समाज में अपनी जमीनी पहुँच रखने वाली राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने नववर्ष उत्सव मनाया और इसके लिए संचलन कार्यक्रम का आयोंजन किया। जिसमें शहर के बच्चे, युवा और वृद्ध स्वयं सेवक पूर्ण गणवेष में शामिल हुए। यह त्योहार पुराकाल से मनाया जाता रहा है लेकिन इसे संभ्रांत वर्ग तक ही सीमित रखा गया। यही कारण है कि आज भी वर्ष प्रतिपदा की छाप आम जनमानस तक नहीं पहुँच सकी हैं। राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) इसे जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास करता रहा है, लेकिन सफलता आज तक नहंी मिल सकी हैं। कारण यह कि संघ की कमान जिन लोगांे के हाथ रही उन्हांेने भारतीय संस्कृति से जुड़े तथ्यों और जानकारी को आम जनमानस तक पहुँचाने का काम नहीं किया। इस लिए देश को एकसूत्र में बाँधकर रखने वाले त्योहार कुछ खास वर्ग तक ही सीमित रह गया। इसलिए अब वर्ष प्रतिपदा पर संचलन जैसे कार्यक्रम परम्परा निर्वहन् जैसे दिखावा बनकर रह गया है। समाज के प्रबुजनांे का मानना है कि इस दिन समाज में नए कार्य प्रारम्भ कर सामान्य, पिछडे़ व दलित वर्ग के गरीबों के उत्थान की दिशा में कार्य किए जाए, जिससे घर वापसी जैसे कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस को नहंीं करना पड़े। गौरतलब है कि वर्ष प्रतिपदा अर्थात् भारतीय संस्कृति का नववर्ष देश की मिट्टी से जुड़ी सुगंध है जिसे कतिपय लोगों ने अपनी चाहरदिवारी में कैद कर रखा था। आज जब उसे चाहरदिवारी से बाहर निकाला जा रहा है तो सुगंध ही समाप्तप्राय हो गयी हैं। बहरहाल नरकटियागंज आरएसएस के तत्वावधान में पथ संचलन का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयं सेवक पूर्ण गणवेश में शहर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरे, उस दौरान भारतीय स्वर व वाद्ययंत्रांे से सांस्कृतिक ध्वनि से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। इस दौरान नगर कार्यवाह विश्वनाथ प्रसाद बीए, महेश प्रसाद, रविकान्त पराशर, रौशन कुमार, राजेश, गौतम, ब्रजेश, राजन समेत सरस्वती शिशु विद्यामंदिर की छात्राएँ व छात्र शामिल हुए।
प्रथम पाली में छात्र लौटे निराश, जबकि दूसरी पाली में आरबी-संस्कृत परीक्षा समपन्न
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय सात परीक्षा केन्द्र पर मैट्रिक के परीक्षार्थी उस वक्त आश्चर्य में पड़े जब उन्हें परीक्षा केन्द्र से वापस लौटना पड़ा। उल्लेखनीय है कि स्थानीय उच्च विद्यालय परीक्षा केन्द्र पर प्रथम पाली में आरबी के 126 परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रह गये जबकि पहली पाली में संस्कृत के 65 छात्रों ने परीक्षा दिया। उधर उच्च विद्यालय परीक्षा केन्द्र पर केन्द्राधीक्षक महम्मद मनीर के अनुसार दूसरी पाली में आरबी के 765 और संस्कृत के 868 परीक्षार्थियांे ने अपनी परीक्षा दी। हालाकि कई प्रबुद्धजनों ने आशंका व्यक्त किया है कि सदाचार के साथ केन्द्र अधीक्षकों ने कदाचारयुक्त परीक्षा कराकर देश को अलग दिशा दिया है।
बिहार दिवस पर भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने की अपील, भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू 22 मार्च को हुए शहीद
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मुलन एवं समाज कल्याण संस्थान बिहार इकाई ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के उपरान्त एक कार्यक्रम में संगठन के बिहार प्रभारी रमा रमण ंिसंह व संगठन सचिव विजय सिंह यादव ने बिहार दिवस के अवसर पर बिहार वासियांे को शुभकामनाएँ देते हुए। बिहार के विकास में उन सभी बिहार वासियों से अपना योगदान सुनिश्चित करने की अपील की जो दुनिया के किसी भी कोने में देश का नाम रौशन कर रहे है। बैठक में भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने, सत्य, अहिंसा, ईमानदारी व वफादारी को अपने जीवन में उतारने का संकल्प उपस्थित जनों ने लिया। इसके लिए सभी को बिहार दिवस के अवसर पर लोगांे को जागरूक करने का प्रण भी लेना होगा। रमारमण सिंह ने कहा कि देश के महान सपूत सरदार भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फाँसी दी गयी थी। उनके शहादत को याद कर युवा अपने अन्दर देश प्रेेम की भावना विकसीत करें। रविवार को आयोजित बैठक में अभय कान्त तिवारी, मनोज कुमार, विजय सिंह यादव समेंत कार्यकारिणी के अन्य सदस्य शामिल हुए। उपर्युक्त जानकारी अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मुलन एवं समाज कल्याण संस्थान द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।
बिहार दिवस पर साठी में शायरों की बैठक सम्पन्न
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) बिहार दिवस पर 22 मार्च 2015 पर प्रखण्ड के साठी स्थित अलीगढ पब्लिक स्कूल में बडे़ उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विद्यालय के छात्र-छात्राआंे ने 103 वाँ बिहार दिवस मनाया। उसके बाद शेरो अदम की एक छोटी बैठक आयोजित की गई। जिसमें साठी, नरकटियागंज, बेतिया और मोतिहारी के नामी शायर शामिल हुए। अलीगढ पब्लिक स्कूल के निदेशक सैयद नबी आलम ने मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमे बिहार को शिक्षा की दृष्टि से उन्नत व विकसीत राज्य बनाना है। इसके लिए हमें दिल व जान् से काफी मशक्कत के साथ अपने कत्र्तव्य पथ पर बढते रहना होगा। शेरी नशिस्त के दौरान मारूफ शायर सैयद आरिफ लखनवी ने बताया कि बिहार की शान में शायरों ने काफी कसीदे काढे और अपने शेर के द्वारा बिहार के विकास को गति देने की मांग की गयी।
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