झारखंड विधानसभा में आज विपक्षी दलों के सदस्यों ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में कोषागारों से बजट से अधिक निकासी होने का मामला उठाते हुये जोदार हंगामा किया। और जमकर नारेबाजी की जिसके कारण प्रश्नकाल कुछ देर के लिये बाधित रहा। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के आसन ग्रहण करते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्टीफन मरांडी और झारखंड विकास माेर्चा :प्रजातांत्रिक: के प्रदीप यादव ने कोषागार से इस माह की 29 तारीख को 4679 करोड़ रूपये का भुगतान किये जाने का मामला उठाते हुये इसे मार्च लूट की संज्ञा दी। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इससे सम्बंधित एक अखबार की प्रतियों को भी लहराया। श्री मरांडी ने कहा कि इतनी बड़ी निकासी किस स्थिति में हुअी है इसे मुख्यमंत्री को बताना चाहिये। श्री यादव ने कहा कि यह मार्च लूट है और राज्य सरकार को जिलावार श्वेत पत्र जारी कर वस्तु स्थिति से जनता को अवगत कराना चाहिये। उन्होंने कहा कि किस जिले में कितनी राशि निकाली गयी है इसकी जानकारी होनी चाहिये नहीं तो अनर्थ हो जायेगा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि बजट से अधिक राशि की निकासी की गयी है जबकि अभी वित्तीय वर्ष के दो दिन शेष हैं।
श्री सोरेन ने कहा कि रूपये निकासी का जिस तरह रिकार्ड टूटा है यह वित्तीय अनियमितता है। उन्होंने कहा कि पी एल खाते में लगभग साढे 1200 करोड रूपये की राशि जमा की गयी है जबकि कोषागार से 47 हजार करोड रूपये की राशि निकाली की गयी है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों का पैसा है1 भाजपा के बरंची नारायण चार करोड रूपये का घोटाला करके सदन में बैठे हैं जबकि छह माह कैद की सजा भुगतने वाला भी सदन में बैठा हुआ है। ऐसे लोगों की सदस्यता समाप्त होनी चाहिए1 इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य बिरंची नारायण ने कहा कि उनके खिलाफ नेता प्रतिपक्ष कोई साक्ष्य प्रस्तुत करें या खेद व्यक्त करे। इसके बाद सत्ता और विपक्षी सदस्यों ने अपनी अपनी सीटों पर खडे होकर हंगामा और नारेबाजी करने लगे। विपक्षी दल के सदस्यों ने मार्च लूट पर मुख्यमंत्री के जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी की1 सभाध्यक्ष श्री उरावं ने कहा कि अगर किसी के नाम से आरोप लगाया गया है तो इसे कार्यवाही से हटाया जायेगा1 इस पर भाजपा के बरंची नारायण ने कहा कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच सी बी आई से कराने की मांग करते हैं1 उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और बैंक से लोन लिया है तथा इसके लिये सम्पत्तित गिरवी रखी है1 बैंक अपनी कार्रवई करेगा1 वह किसी भी जांच के लिये तैयार हैं

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