महात्मा गांधी नरेगा में लागू हुई लक्ष्य आधारित मूल्यांकन प्रणाली
- 1 अप्रैल 2015 से द्विवार्षिक मूल्यांकन प्रणाली में खरे उतरने पर रहेगी नौकरी
जिला कार्यक्रम समन्वयक सीहोर डा. सुदाम खाडे ने बताया की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 1 अप्रैल 2015 से द्विवार्षिक पर्यवेक्षण के तहत लक्ष्य आधारित मूल्यांकन प्रणाली जिले मे लागू होगी। इसके दायरे मे ग्राम रोजगार सहायक, उपयंत्री, सहायक यंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिकारी/परियोजना अधिकारी के साथ संविदा पर पदस्थ अमले को रखा गया है।
ये होगें प्राधिकृत अधिकारी
लक्ष्य आधारित मूल्यांकन प्रणाली के लिए गणना, समीक्षा एवं मूल्यांकन करने के लिए कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत एवं अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक को जिम्मेदारी सौपी गई है। ग्राम रोजगार सहायक, उपयंत्री एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ) महात्मा गांधी नरेगा का मूल्यांकन कार्यक्रम अधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करेगें तथा सहायक यंत्री एवं परियोजना अधिकारी मनरेगा का मूल्यांकन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत/अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक करेगें।
ऐसे होगी कार्यवाही
संविदा पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियो के कार्य निष्पादन की द्विवार्षिक पर्यवेक्षण व्यवस्था मे प्रथम वर्ष मे लक्ष्य पूरा न करने पर चेतावनी दी जावेगी तथा आगामी वर्ष मे पुनरावृत्ति पाये जाने पर संविदा नियुक्ति समाप्त कर दी जायेगी।
समय पर करने होगें काम, देना होगा ग्रामीणो को लाभ
महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीण विकास पहली ऐसी योजना है जिसमे समय पर लाभ न देने पर सेवा समाप्त करने का स्पष्ट प्रावधान रखा गया है। यानी के ग्रामवासियों एवं जाॅबकार्डधारियो को यदि न्यूनतम 60 प्रतिशत परिवारो को औसतन रोजगार उपलब्ध नही कराया जाता अथवा आवश्यक मानव दिवस सृजित नही होते तो संबंधित क्षेत्र के मनरेगा अमले के विरूद्व कार्यवाही होगी।
महात्मा गांधी नरेगा के लेबर बजट मे नवीन कार्यो का करे अनुमोदन - आयुक्त मनरेगा
- पूर्व स्वीकृत प्रगतिरत कार्य पूर्ण होने पर ही होगें नवीन कार्य प्रारंभ
आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा श्रीमती सीमा शर्मा ने पत्र जारी कर कलेक्टर/जिला कार्यक्रम समन्वयक तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी/अतिरिक्त कार्यक्रम समन्वयक को निर्देशित किया है कि जिलो द्वारा नवीन कार्य प्रारंभ किये जाने के संबंध में प्रस्तावित कार्यो को वित्तीय वर्ष 2015-16 के लेबर बजट मे अनुमोदन कराने के बाद शामिल किया जा सकता है।
प्रगतिरत एवं अपूर्ण कार्यो को पूर्ण कर पहुंचाये लाभ
आयुक्त मनरेगा ने अपने निर्देश मे स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि योजनांतर्गत तब तक नवीन कार्यो को प्रारंभ न करें जब तक की पूर्व स्वीकृत, अनुमोदित एवं प्रगतिरत कार्य पूर्ण नही हो जाते। प्रगतिरत कार्य पूर्ण न होने से जहां एक ओर हितग्राही लाभ से वंचित रहता है वही महात्मा गांधी नरेगा के पोर्टल पर प्रगतिरत एवं अपूर्ण कार्यो की संख्या बढती है।
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