पासपोर्ट न बनने से टर्की नहीं जा पाएंगे आदिवासी कलाकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 31 मार्च 2015

पासपोर्ट न बनने से टर्की नहीं जा पाएंगे आदिवासी कलाकार

tribal-artist-cannot-go-to-turkey
छत्तीसगढ के बस्तर के आदिवासी कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन के सिलसिले में अगले महीने तुर्की जाना था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते कलाकारों के इस कार्यक्रम पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। नर्तक दल में शामिल तीन युवतियों का अब तक पासपोर्ट नहीं बन पाया है और ऐसे में पूरी टीम का वहां जाने का कार्यक्रम निरस्त हो सकता है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले के देवगांव के नर्तक दल के कलाकारों को 20 अप्रैल को बस्तर के लोकनृत्य ककसाड और गेडी के प्रदर्शन के लिए पांच दिवसीय इस्तांबुल कार्निवाल में पहुंचना था। नर्तक दल को संस्कृति विभाग के मार्फत वहां प्रस्तुति का मौका मिला है। नर्तक दल की तीन नर्तकियों का पासपोर्ट नहीं बन पाने से अब पूरे दल का कार्यक्रम निरस्त होने की आशंका जताई जा रही है।
            
गोण्ड जनजाति के इस नर्तक दल में पांच युवतियां और दस युवक हैं। टीम के सदस्य उजियार सिंह कचलाम ने बताया कि ककसाड़ और गेड़ी में कम से कम पांच युवतियों का होना जरूरी है। टीम में शामिल युवतियों में पार्वती, ललिता और फूलदेई का पासपोर्ट अब तक नहीं बन पाया है, जिसके चलते पूरे दल का कार्यक्रम खटाई में पडने की आशंका है।

कोई टिप्पणी नहीं: