छत्तीसगढ के बस्तर के आदिवासी कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन के सिलसिले में अगले महीने तुर्की जाना था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते कलाकारों के इस कार्यक्रम पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। नर्तक दल में शामिल तीन युवतियों का अब तक पासपोर्ट नहीं बन पाया है और ऐसे में पूरी टीम का वहां जाने का कार्यक्रम निरस्त हो सकता है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले के देवगांव के नर्तक दल के कलाकारों को 20 अप्रैल को बस्तर के लोकनृत्य ककसाड और गेडी के प्रदर्शन के लिए पांच दिवसीय इस्तांबुल कार्निवाल में पहुंचना था। नर्तक दल को संस्कृति विभाग के मार्फत वहां प्रस्तुति का मौका मिला है। नर्तक दल की तीन नर्तकियों का पासपोर्ट नहीं बन पाने से अब पूरे दल का कार्यक्रम निरस्त होने की आशंका जताई जा रही है।
गोण्ड जनजाति के इस नर्तक दल में पांच युवतियां और दस युवक हैं। टीम के सदस्य उजियार सिंह कचलाम ने बताया कि ककसाड़ और गेड़ी में कम से कम पांच युवतियों का होना जरूरी है। टीम में शामिल युवतियों में पार्वती, ललिता और फूलदेई का पासपोर्ट अब तक नहीं बन पाया है, जिसके चलते पूरे दल का कार्यक्रम खटाई में पडने की आशंका है।
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