बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला करते हुए आज कहा कि प्रदेश समेत पूरे देश में अपनी खराब होती स्थिति को देखकर भाजपा ने हमेशा की तरह एक बार फिर सांप्रदायिक कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। जदयू प्रवक्ता निहोरा प्रसाद यादव ने यहां कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दल एक बार फिर भड़काऊ बातें कह कर देश में आग लगाना चाहते हैं। मुस्लिमों से मताधिकार छीन लेने और मुसलमानों और ईसाईयों की जबरन नसबंदी करने जैसी बातें इसी अभियान का ताजा उदहारण हैं। जनता को इस साजिश से सावधान रहना चाहिए। मुसलमानों और इसाईयों के खिलाफ आग उगल रही यह पार्टी कल को दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का भी जीना दूभर कर देगी। डा0 यादव ने कहा कि शिवसेना के मुखपत्र में छपा सम्पादकीय भाजपा के साथ उसकी मिली-जुली साजिश का हिस्सा है। इसी तरह हिन्दू महासभा की उपाध्यक्ष साध्वी देवा ठाकुर का मुसलमानों और ईसाईयों की जबरन नसबंदी सम्बन्धी बयान भी इससे अलग नहीं है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि देशी-विदेशी पूंजीपतियों और कारपोरेट घरानों के हाथों बिक चुकी भारतीय जनता पार्टी एक ओर जहाँ किसानों की जमीन छीनकर इन्हें सौंप देने की तैयारी में है और एक-एक करके मुनाफे वाली सभी सरकारी परिसंपत्तियां भी इन्हें देती जा रही है, वहीं दूसरी ओर अपने मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के इशारे पर पहले मुस्लिमों और आदिवासियों, फिर अन्य गैर हिन्दू धर्मावलम्बियों और आखिर में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों से मताधिकार भी छीनकर देश में शासन करना चाहती है। श्री यादव ने कहा कि राजनीतिक हित के लिए ऐसे दल किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं फिर चाहे देशभर में आग लगा देना पड़े या बड़ी संख्या में चुन-चुन कर असहाय नागरिकों का कत्लेआम करवाना पड़े। उन्होंने कहा कि जनता ऐसे दलों के बहकावे में नहीं आने वाली और उनकी साजिश को समझने लगी है और जनता दल (यूनाइटेड) का एक-एक कार्यकर्ता अपनी जान देकर भी समाज में आपसी भाईचारा और प्रेम व सौहार्द की रक्षा करेगा। जदयू नेता ने कहा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता नंदकिशोर यादव प्रतिदिन बिहार में कानून-व्यवस्था और विकास कार्य का रोना रोते हैं और दावा करते हैं कि जबसे भाजपा को सत्ता से अलग किया गया है, तभी से बिहार की यह दुर्दशा हुई है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा .. क्या उन्हें केंद्र सरकार का कामकाज और उन राज्यों की स्थिति नहीं दिखलाई पड़ती है जहाँ भाजपा की सरकार है। केंद्र में सत्ता में आते ही देश को बेच डालने की शुरुआत और किसानों से उनकी जमीनें छीन लेने की उनकी तैयारी ने उनकी पार्टी का असली चेहरा पूरे देश के सामने बेनकाब कर दिया है। श्रम कानूनों में मालिकों के पक्ष में संशोधन और बैंकों में गरीबों का अकाउंट खुलवाने के नाम पर भूखी जनता से भी 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा गड़प लेने वाली मोदी सरकार को लोग पहचान चुके हैं.

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