भारतीय जनता पार्टी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों की जासूसी कराए जाने के खुलासे के मद्देनजर आरोप लगाया कि कांग्रेस के लिए किसी की भी जासूसी कराना कोई नई बात नहीं है तथा कहा कि सरकार इस मसले से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने पर जरूर विचार करेगी। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एक लेखक ने शोध के आधार पर अपनी किताब में यह खुलासा किया है कि नेताजी के परिजनों की कई वर्षों तक जासूसी करायी गयी थी। यह दुखद है और भाजपा को इससे धक्का लगा है क्योंकि नेताजी देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले महानतम नेताओं में से एक थे। ऐसे समय उनके करीबियों की जासूसी करायी गयी जब यह स्पष्ट भी नहीं था कि वह जीवित हैं या नहीं।
श्रीमती सीतारमन ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “दूसरों की जासूसी कराना कांग्रेस के डीएनए में है। वर्ष 1968 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में नेताजी के परिजनों की जासूसी करायी गयी थी। इंदिरा जी के जमाने में उनकी बहू की जासूसी करायी गयी और पिछली सरकार के दौरान वित्त मंत्री के ऑफिस की जासूसी करायी गयी।” उन्होंने साथ ही कहा कि नेहरू जी के कार्यकाल में एक ही व्यक्ति लंबे समय तक आईबी का प्रमुख रहा था जिससे कई सवाल पैदा होते हैं। उन्हाेंने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनावों के दौरान नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का मुद्दा उठाया था। उन्हाेंने कहा,“मुझे लगता है कि सरकार इस पर निश्चित रूप से विचार कर रही होगी। मैं इस बारे में गृहमंत्री से बात करूंगी कि वह क्या मजबूरी है जिससे सरकार इन दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं कर रही है।” यह पूछे जाने पर कि गुजरात में भाजपा सरकार ने भी लोगों की जासूसी करायी थी, श्रीमती सीतारमन नेे कहा कि उस मामले में महिला खुद कह चुकी हैं कि उनकी कोई जासूसी नहीं हुई थी।

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