केन्द्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेष के खिलाफ 14 मई को पटना में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिरोध मार्च की तैयारी जोरो पर चल रही है। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट से पता चलता है कि इस प्रतिरोध मार्च में कम से कम पचास हजार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकत्र्ता एवं किसान भाग लेंगे। आज यहां पार्टी कार्यालय में पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक में प्रतिरोध मार्च की तैयारी की समीक्षा की गई। इस बैठक में पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह के अतिरिक्त मो॰ जब्बार आलम, राम नरेष पाण्डेय, बद्री नारायण लाल, चक्रधर प्रसाद सिंह,गजनफर नवाब, राम बाबू कुमार, राम लाला सिंह, सुषील कुमार, इरफान अहमद आदि नेताओं ने भाग लिया बैठक की अध्यक्षता रामनरेष पाण्डेय ने किया ।
प्रतिरोध मार्च 14 मई को 12 बजे दिन में पटना के गाँधी मैदान से शुरू होगा और शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरता हुआ आर॰ ब्लाॅक चैराहा के निकट पहुँचेगा। यहां मार्च में शामिल लोगों को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उपमहासचिव गुरूदास दास गुप्ता, भारतीय खेत मजदूर यूनियन के महासचिव नागेन्द्र नाथ ओझा, पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह आदि नेता संबोधित करेंगे। बैठक के बाद पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने बताया कि पार्टी के सभी शीर्ष नेता विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। दौरा से लौटने के बाद नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस कुख्यात अध्यादेष के खिलाफ किसानों, खेत मजदूरों आदि लोगों में भारी आक्रोष है।
विभिन्न जिलों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से व्यापक राजनीतिक अभियान चलाया जा रहा है। केन्द्र सरकार का यह काला अध्यादेष किसान विरोधी एवं जन विरोधी है। मोदी सरकार कारपोरेट घरानों, बहुराष्ट्रीय निगमों, भू-माफियाओं, बिल्डरों आदि को लाभ कमाने के लिए किसानों से जमीन छीनकर उन्हें जमीन सौंपने पर उतारू है। इस अध्यादेष के पीछे मोदी सरकार के नापाक इरादों का पर्दाफाष करने के लिए पार्टी की ओर से बड़े पैमाने पर पर्चे वितरित किये जा रहे हैं, ग्राम सभाएँ, नुक्कड़ सभाएँ, आम सभाएँ पदयात्राएँ आदि का आयोजन राज्य के सभी जिलों में किया जा रहा है। किसानों की जमीन के सवाल को लेकर बिहार में यह ऐतिहासिक प्रतिरोध मार्च भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से आयोजित किया जा रहा है। इसकी राजनीतिक एवं सांगठनिक तैयारियाँ राज्य के अंचल स्तर पर की जा रही है।

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