भारत भवन में 17 से 26 अप्रेल तक लगेगी 28वी राष्ट्रीय समकालीन कला प्रदर्षनी
- - ‘दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा आयोजित कला के इस महाकुंभ में पुरस्कृत होंगे चुनिंदा 18 कलाकार
- - उद्घाटन दिवस को 17 लाख रुपये के 8 राष्ट्रीय और 10 प्रायोजन पुरस्कारों का होगा वितरण
भारत भवन में षुक्रवार, 17 से 26 अप्रेल तक भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के ‘दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र’ (साउथ सेंट्रल झोन कल्चरल सेंटर), नागपुर की 28वी राष्ट्रीय समकालीन कला प्रदर्षनी की जा रही है। उल्लेखनीय है कि केंद्र पिछले 27 वर्षों से राष्ट्रीय कला प्रदर्षनी का आयोजन कर रहा है। इस दर्षनीय और वृहद राष्ट्रीय प्रदर्षनी में विभिन्न विधाओं की कला अभिव्यक्ति जैसे पेन्टिंग, ग्राफिक्स, स्कल्पचर, टेराकोटा, ड्राइंग, फोटो, मिक्स मीडिया आदि की श्रेष्ठ कलाकृतियां देखी जा सकेंगी। उद्घाटन दिवस, 17 अप्रैल सायं 6 बजे दो श्रेणियों में 18 कलाकारों को कुल 17 लाख रुपये के राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए जायेंगे जिनका चयन ख्यातिप्राप्त कलाकारों -सर्वश्री रघु राय, जतिन दास और लक्ष्मा गौड़ द्वारा किया गया है।
मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर के निदेषक डाॅ. पीयूष कुमार और प्रदर्षनी के मुख्य समन्वयक और ‘ललित कला अकादमी’ के पूर्व अध्यक्ष श्री के.आर. सुब्बन्ना ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि संस्कृति विभाग, मप्र और भारत भवन न्यास द्वारा संयोजित इस प्रदर्षनी में पष्चिम बंगाल के श्री अखिलचंद्र दास (स्कारपियन), चंडीगढ़ के श्री भीम मल्होत्रा (लाॅस्ट इन पास्ट), तेलंगाना के श्री चिप्पा सुधाकर (ब्लाइण्डर्स) और दिल्ली के श्री राधाकृष्ण राव (रावण -मेकिंग आॅफ एफिजीस्) को सीनियर केटेगिरी में दो-दो लाख रुपए का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जायेगा। भोपाल में जन्मी और वर्तमान में मध्यप्रदेष के रतलाम षहर की रहवासी सुश्री दिव्या एम. पटवा को जूनियर केटेगिरी में ‘डेलीब्रेटली सायलेंस’ षीर्षक उनकी ग्राफिक्स पेन्टिंग हेतु एक लाख रुपए का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस वर्ग में महाराष्ट्र के श्री मंगेष हरिष्चंद्र कापसे (माई सेल्फ विद द मेट्रो सिटी), आंध्रप्रदेष के श्री सुमन्ता चैधुरी (माई कालोनी) और पंजाब के श्री विषाल भटनागर (सेल्फ एप्रिसिएषन विद द मिरर) को भी एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जायेगा। ज्ञातव्य है कि उक्त पुरस्कारों को राष्ट्रीय पुरस्कार का दर्जा प्राप्त है जो कलाकार को उनके जीवन में एक ही बार दिया जाता है।
इसके अलावा दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा देष के 10 युवा कलाकारों को प्रोत्साहन एवं संरक्षण देने के उद्देष्य से प्रत्येक कलाकार को 50-50 हजार रुपए का अनुदान भी दिया जायेगा ताकि वे एक वर्ष के दौरान देष के किसी भी स्थान पर अपनी एकल प्रदर्षनी आयोजित कर सकें। प्रायोजन पुरस्कार (स्पाॅन्सरषिप अवाॅर्ड) पाने वालों में उत्तरप्रदेष के श्री योगेन्द्र कुमार मौर्य (ग्लोबल एनवायरमेंटल एंड क्राइसिस), श्री संतूकुमार चैबे (रिलेषन), सुश्री नेहा जायसवाल (सफर), सुश्री सोनल वाष्र्णय (फोटो षूट), गुजरात के श्री रीतेष महादेव उमाटे (अनटायटल), श्री अवधेष ताम्रकार (स्टोरी आॅफ मांडू), उत्तराखंड के श्री अतुल दीक्षित (प्रिंट पार्टनर), बिहार के श्री अभिजीत कुमार पाठक (अनटायटल), दिल्ली के श्री लक्ष्मण प्रसाद (द ओपाक कन्वर्षेषन) और छत्तीसगढ़ की सुश्री विजया (अनरीड सेन्टेन्सेस) हैं।
दोपहर 12 से रात 8 बजे तक आयोजित इस दस दिवसीय प्रदर्षनी में देष के ख्याति प्राप्त कलाकारों को भी आमंत्रित किया गया है जिनमें अमूर्त कलाकार एवं ‘काला घोड़ा फेस्टिवल’ की निदेषक’ ब्रिन्दा मिल्लर, दिल्ली की कला इतिहासकार डाॅ. अल्का पांडे, जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल की निदेषक नमिता गोखले, कलाकार एवं क्यूरेटर श्री सुरेष जयराम, अमूर्त कलाकार सुश्री कविता जायसवाल, ‘टेकआॅन आर्ट’ पत्रिका की संपादक भावना कक्कर, प्रख्यात फोटोग्राफर एवं अध्यक्ष चंडीगढ़ ‘ललित कला अकादमी’ श्री दीवान मन्ना, प्रख्यात षिक्षाषास्त्री प्रो. षर्मिष्ठा पांजा, कला समीक्षक सुश्री पूनम गोयल तथा ग्राफिक एवं बुक डिजाइनर गुंजन एहलावत आदि प्रमुख विद्वान होंगे। देष की सबसे बड़ी कला प्रदर्षनियों में प्रमुख इस 28वीं राष्ट्रीय समकालीन कला प्रदर्षनी में ललित कला अकादमी, दिल्ली, प्रकाषन विभाग, दिल्ली तथा पंचकुला, चंडीगढ़ के आधार प्रकाषन की कला विषयक पुस्तकों की प्रदर्षनी भी लगाई जा रही है। साथ ही 18 से 26 अप्रेल तक दोपहर 3 बजे से प्रदर्षनकारी कलाओं के ख्यातिप्राप्त कलाकारों पर केन्द्रित उत्कृष्ट कला फिल्मों का प्रदर्षन भी किया जायेगा। इसी तारतम्य में 17 से 26 अप्रेल के दरम्यान षाम 6 से रात्रि 8 बजे तक कला सम्बंधी पावर पाइंट प्रस्तुति भी होगी जिनमें केंद्र को देष के 1695 कलाकारों से पुरस्कार हेतु प्राप्त सभी 5085 कलाकृतियों को देखा जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि इस वृहद कला प्रदर्षनी में षामिल पेन्टिंग्स, स्कल्पचर्स, फोटोग्राफ्स आदि देष भर से प्राप्त 5085 प्रविष्ठियों से चयनित किए गए हैं, जिन्हें दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा गत अगस्त 2014 में आमंत्रित किया गया था। वरिष्ठ कलाकारों द्वारा चयनित 226 कलाकृतियों में 214 कलाकृतियों को प्रदर्षनी में षामिल किया गया है, जो मूल रूप से केंद्र को प्राप्त हुईं।
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